अपना गम मुझको सबसे प्यारा है अपना गम मुझको सबसे प्यारा है जिसने सौ बार मुझको मारा है जानवर भी रहा है चारा पर आदमी आज का बेचारा है उसका मुंह रह गया खुला का खुला उसने शायद मुझे पुकारा है उसमें हममें है फर्क बस इतना एक वादा है एक नारा है आज तुम चाहो जो करो लेकिन हाशमी कल फकत हमारा है - आचार्य फज़लुर रहमान हाशमी apna gham mujhko Sabse Pyara Hai apna gham mujhko sabse pyara hai jisne sau baar