Madhya Pradesh Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए कांग्रेस अब अपने ही बनाए नियम से समझौता कर रही है. पार्टी ने अपने ‘एक परिवार, एक टिकट’ फॉर्मूले को भुलाते हुए मध्य प्रदेश में चार परिवार से एक से ज्यादा लोगों को टिकट दिया है. पार्टी के इस फैसले के बाद पार्टी के उस नियमों को लेकर चर्चा हो रही है.
दरअसल, मई 2022 में उदयपुर में बैठक के बाद कांग्रेस ने घोषणा की थी कि पार्टी अब ‘एक परिवार, एक टिकट’ फॉर्मूले पर चलेगी. हालांकि अब इस नियम में एक और बात जोड़ दी गई है. अब कहा गया है कि अगर पांच साल से ज्यादा का अनुभव किसी नेता के पास है तो उसे इस नियम से छूट दी जाएगी.
दिग्विजय और गोविंद सिंह के परिवार से 3 को टिकट
राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह और नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह के परिवार को तीन-तीन टिकट दिए गए हैं. गोविंद सिंह अपनी रिश्तेदार चंदा रानी गौड़ और भतीजे राहुल सिंह भदोरिया के साथ चुनाव लड़ेंगे. वहीं, दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह को टिकट देने के अलावा पार्टी ने उनके भाई लक्ष्मण सिंह और दिग्विजय के भतीजे प्रियव्रत सिंह को भी मैदान में उतारा है.
इस परिवार से मिला है दो लोगों को टिकट
इसके अलावा दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह और उनके बहनोई राजेंद्र सिंह को भी नामांकित किया गया है. सेना पटेल और उनके बहनोई मुकेश पटेल भी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. पूर्व कांग्रेस विधायक मनीष जोशी के बेटे दीपक पिंटू जोशी, पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया, वरिष्ठ नेता प्रेम चंद गुड्डु की बेटी रीना बौरासी सेतिया, विधायक आरिफ अकील के बेटे आतिफ अकील और दिवंगत पूर्व मंत्री सुभाष यादव के बेटे सचिन यादव भी पार्टी के उम्मीदवारों में शामिल हैं.
बीजेपी ने नहीं दिया है एक से ज्यादा को टिकट
कांग्रेस के प्रदेश मीडिया प्रभारी के.के. मिश्रा ने कहा कि “पार्टी केवल जीतने की क्षमता पर विचार करती है. कांग्रेस हर उस व्यक्ति को महत्व देती है, जो राजनीतिक रूप से प्रतिबद्ध है…” वहीं बीजेपी एक परिवार एक टिकट नियम पर चलती दिख रही है. कैलाश विजयवर्गीय को मैदान में उतारने के बाद बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय को टिकट देने से इनकार कर दिया है. इसके अलावा बीजेपी ने गोपाल भार्गव, मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, नरोत्तम मिश्रा और पूर्व विधायक जयंत मलैया को उम्मीदवार बनाया, जबकि उनके बच्चों को टिकट नहीं दिया है.
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