Chaitra Navratri 2022 Mein Kab Hai Date – चैत्र नवरात्रि 2022 दशमी चैत्र नवरात्रि व्रत का पारण
महत्वपूर्ण जानकारी
- चैत्र नवरात्रि 2022 तिथि
- नवरात्रि दिवस 1: माँ शैलपुत्री पूजा 2 अप्रैल शनिवार 2022
- नवरात्रि दिवस 2: माँ ब्रह्मचारिणी पूजा 3 अप्रैल रविवार 2022
- नवरात्रि दिवस 3: माँ चंद्रघंटा पूजा 4 अप्रैल सोमवार 2022
- नवरात्रि दिवस 4: माँ कुष्मांडा पूजा 5 अप्रैल मंगलवार 2022
- नवरात्रि दिवस 5: माँ स्कंदमाता पूजा 6 अप्रैल बुधवार 2022
- नवरात्रि दिवस 6: माँ कात्यायनी पूजा 7 अप्रैल गुरुवार 2022
- नवरात्रि दिवस 7: माँ कालरात्रि पूजा 8 अप्रैल शुक्रवार 2022
- नवरात्रि दिवस 8: माँ महागौरी पूजा 9 अप्रैल शनिवार 2022
- नवरात्रि दिवस 9: माँ सिद्धिदात्री पूजा 10 अप्रैल रविवार 2022
- नवरात्रि दिवस 10: नवरात्रि पारण 11 अप्रैल सोमवार 2022
Chaitra Navratri 2022: सनातन हिंदू धर्म में नवरात्रि का पर्व साल में चार बार आता है. चैत्र और शारदीय नवरात्रि के साथ दो और भी नवरात्रि होती हैं, जिसे माघ नवरात्रि और आषाढ़ नवरात्रि कहा जाता है. नवरात्रि में माता दुर्गा के अलग अलग 9 स्वरूपों का पूजन किया जाता है. माघ गुप्त नवरात्रि के बाद चैत्र नवरात्रि का मनाया जाता है. हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व होता है. माता में आस्था रखने वालों के लिए नवरात्रि का विशेष महत्व है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल 2022 में चैत्र नवरात्रि 02 अप्रैल, शनिवार से शुरू हो रही है. समापन 11 अप्रैल 2022 को होगा. चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्रि की पूजा-अर्चना की जाती है.
इस दिन होगी घटस्थापना?
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन 02 अप्रैल 2022 को कलश स्थापना होगी. नवरात्रि में घटस्थापना या कलश स्थापना का खास महत्व है. विधिपूर्वक कलश स्थापना करने से इसका पूर्ण लाभ प्राप्त होता है.
महानिशा पूजा
नवरात्र में महानिशा पूजा सप्तमी युक्त अष्टमी या मध्य रात्रि में निशीथ व्यापिनी अष्टमी में की जाती है. इस साल चैत्र नवरात्रि में महानिशा पूजा 11 अप्रैल 2022 को की जाएगी. इस साल यानी की 2022 में चैत्र नवरात्रि की दशमी तिथि और चैत्र नवरात्रि व्रत का पारण 11 अप्रैल 2022 दिन सोमवार को है. इस दिन प्रातः काल 6 बजे के बाद कभी भी चैत्र नवरात्रि व्रत का पारण किया जा सकता है.
नवरात्र पूजा विधि
चैत्र नवरात्र की प्रतिपदा तिथि को सुबह स्नान करने के बाद आगमन, पाद्य, अर्घ्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, यज्ञोपवीत, गंध, अक्षत-पुष्प, धूप-दीप, नैवेद्य-तांबूल, नमस्कार-पुष्पांजलि एवं प्रार्थना आदि करना चाहिए. हिंदू कैलेंडर से नव वर्ष के राजा, मंत्री, सेनाध्यक्ष, धनाधीप, धान्याधीप, दुर्गाधीप, संवत्वर निवास और फलाधीप आदि का फल श्रवण करें. अपने घर के मुख्य द्वार को ध्वजा-पताका, तोरण-बंदनवार आदि से सजाए करें.
मंदिर पर जहां पर देवी का स्थान है वहां पर स्वास्तिक बनाएं. लकड़ी के पटरे पर पानी में गेरू घोलकर नौ देवियों की आकृति बनाएं या सिंह वाहिनी दुर्गा का चित्र या प्रतिमा पटरे पर या इसके पास रखें. जिसके बाद पीली मिट्टी की एक डली व एक कलावा लपेट कर उसे गणेश स्वरूप में कलश पर स्थापित करें. घट के पास गेहूं या जौ का पात्र रखकर वरुण पूजन और भगवती का आह्वान करें.
चैत्र नवरात्रि से संबंधित पूछे जाने वाले प्रश्न ?
प्रश्न : चैत्र नवरात्रि 2023 के तारीख व कैलेंडर ?
त्यौहार के नाम | दिन | त्यौहार के तारीख |
---|---|---|
चैत्र नवरात्रि (चतुर्थी) | शनिवार | 25 मार्च 2023 |
चैत्र नवरात्रि (पंचमी) | रविवार | 26 मार्च 2023 |
चैत्र नवरात्रि (षष्ठी) | सोमवार | 27 मार्च 2023 |
चैत्र नवरात्रि (सप्तमी) | मंगलवार | 28 मार्च 2023 |
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