19 जून 2017 - कपिल ने बताया की भोज खड़क से केदार खड़क के बीच दूरी ज्यादा नहीं है लेकिन रास्ता काफी दुर्गम है। पहले दो घंटे तो रास्ता कल जैसा ही खड़ी चढाई वाला था लेकिन कोई ख़ास परेशानी नहीं हुई। कुछ और आगे बढ़ने पर हम एक ऐसी जगह पर पहुंचे जहाँ पर कोई रास्ता ही नहीं था। भूस्खलन से रास्ता गायब हो गया था। अब हमे एकदम नीच केदार गंगा तक जाना था जहाँ से रास्ता ढूंढ़ने की कोशिश करनी थी। नीचे पहुँच कर समझ में आया की पानी में उतर कर ही आगे बड़ा जा सकता है। एक तरफ केदार गंगा का हड्डियों को जमा देने वाला पानी था और दूसरी तरफ ऊपर पहाड़ी से पत्थर गिर रहे थे।
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