जब भी हम दोहों के बारे में बात करते है तो संत कबीर का नाम सबसे पहले आता है, उनके साहित्य के योगदान को कभी भी नहीं भुलाया जा सकता, उनकी रचनाएँ, भजन, और दोहे बहुत प्रसिद्ध है… यह पर संत कबीर दास के दोहे – Kabir Ke Dohe हिंदी अर्थ सहित दे रहें है.. जो आपको जरुर उपयोगी साबित होंगे..
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संत कबीर के दोहे हिंदी अर्थ सहित – Kabir Ke Dohe In Hindi With Meaning
कबीर दोहा – कहैं कबीर देय तू, जब लग तेरी देह | देह खेह होय जायगी, कौन कहेगा देह ||
हिन्दी अर्थ – जब तक यह देह है तब तक तू कुछ न कुछ देता रह | जब देह धूल में मिल जायगी, तब कौन कहेगा कि ‘दो’|
दोहा – देह खेह होय जायगी, कौन कहेगा देह | निश्चय कर उपकार ही, जीवन का फन येह ||
अर्थ –
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