हिंगलाज भवानी के ही एक रूप में माता तनोट (Tanot mata mandir )का ही रूप विद्यमान हैं,माता तनोट रानी का मंदिर जैसमलेर से 130 किलोमीटर दूर स्थित हैं, हिंगलाज भवानी माता रानी का शक्ति पीठ हैं ,जो पकिस्तान के बलूचिस्तान में मौजूद हैं.भारत पाकिस्तान के युद्ध के बाद इस मंदिर में जो चमत्कार देखने को मिले वह आज भी आश्चर्य हैं.
16 नवंबर 1965 के भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना ने तनोट मंदिर( (Tanot mata mandir ) को घेरकर 3000 बम बरसाए , जिसमे से 450 बम मंदिर के ही ही प्रांगण में गिरे पर एक भी बम नहीं फूटा , आज भी इस मंदिर में भारतीय सेना के द्वारा पूजा अर्चना की जाती हैं.जितने भी बम मंदिर परिसर में गिरे थे उन बमो को दर्शनार्थ रखा हुआ हैं , ताकि भक्तगण आकर माता का चमत्कार देखकर उसके अस्तित्व को स्वीकार करे .
चमत्कारों की अगर हम बात करें, तो बमो का न फटना हैं ही इसके अलावा जब पाकिस्तानी सेना ने प्लेन से बम मंदिर परिसर में गिराने चाहे तो हमेशा तो मंदिर हमेशा ही गायब मिलता उसकी जगह पर तालाब किनारे बैठी एक कन्या मिलती , इन सब घटनाओ के गवाह खुद पाकिस्तानी सैनिक भी हैं.
Tanot Mata Mandir History
तनोट माता मंदिर (Tanot Mata Mandir History) की कहानी इस प्रकार से हैं, प्राचीनकाल में एक चारण था, उसका नाम मामड़िया था.उसने कोई भी संतान नहीं थी.संतान प्राप्ति की इच्छा को लेकर उसने हिंगलाज भवानी शक्तिपीठ की सात बार परिक्रमा की ,उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर माता रानी ने उसे स्वपन में दर्शन देकर उससे उसकी इच्छा पूछी तो उसने कहा की हे माता आप मेरे यहाँ जन्म लेकर मुझे कृतार्थ करें , माता रानी की कृपा से उसके घर साथ पुत्रियो का और एक पुत्र का जन्म हुआ, जिनमे से एक आवड ने जन्म लेते ही अपने चमत्कार दिखने शुरू कर दिए . सातो पुत्रिया चमत्कारों से युक्त थी.
Jaisalmer To Tanot Mata Bus Service
तनोट माता मंदिर के लिए सीधी बस सेवा उपलब्ध हैं,(Jaisalmer to Tanot Mata bus service) जैसमलेर से सीधी बस सेवा तनोट माता मंदिर के लिए उपलब्ध हैं.इसके अलावा आप प्राइवेट कैब या जीप किराये पर लेकर तनोट मंदिर तक जा सकते हैं, जो लोग अपनी इस यात्रा को रोमांचकारी बनाने के लिए जैसमलेर से रॉयल एनफील्ड किराये पर लेकर माता तनोट रानी के मंदिर तक जाते हैं.तनोट माता मंदिर के धाम में जाने के बाद आपको सेना द्वारा विश्राम गृह उपलब्ध कराया जाता हैं. जिसमे सेना की ही कैंटीन में आपको बहुत कम दामों पर आपको खाना उपलब्ध कराया जाता हैं.
Tanot Mata Mandir Bam
जैसमलेर से 120 किलोमीटर दूर स्थित सीमा पर माता तनोट का मंदिर (Tanot Mata Mandir Bam ) स्थित हैं. सीमा पर स्थित यह मंदिर भक्तो की आस्था का केंद्र तो हैं ही, 1965 और 1971 में भारत पाकिस्तान युद्ध के बाद भारतीय सैनिको की आस्था का केंद्र हैं ,माता रानी ने युद्ध के बाद भारतीय सैनिको की रक्षा की माता रानी की असीम कृपा और प्रभाव को देखते हुए यहाँ BSF ने अपनी चौकी स्थापित की ,
भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना ने यहाँ 3000 बम गिराए थे. जिसमे से 450 बम मदिर के परिसर में गिरे थे, पर माता तनोट की कृपा से वे बम फट नहीं पाए और निष्क्रिय हो गए , इस घटना के गवाह स्वयं पाकिस्तानी सैनिक हैं.
जितने भी बम यहाँ मंदिर में गिरे और विफल हुए उन्हें आज भक्तो के दर्शनार्थ हेतु रखा हुआ हैं.जितने भी बम यहाँ मंदिर में गिरे और विफल हुए उन्हें आज भक्तो के दर्शनार्थ हेतु रखा हुआ हैं.पाकिस्तानी सैनिको को हराने में माता तनोट की भूमिका का बहुत बड़ा महत्व हैं. यह माता का ही चमत्कार हैं की 3000 बम गिराए जाने के बावजूद भीपाकिस्तानी सैनिक मंदिर को क्षणिक भर भी क्षति नहीं नहीं पंहुचा पाए .1200 वर्ष पुराने इस मंदिर में पूजा अर्चना और इस इसकी सुरक्षा का कार्य BSF के जवानो द्वारा किया जाता हैं.
How To Reach Tanot Mata Temple
तनोट माता मंदिर के लिए सीधी बस सेवा जैसमलेर (how to reach Tanot Mata temple) से तनोट माता के मंदिर के लिए उपलब्ध हैं.इसके अलावा आप जीप या प्राइवेट कैब किराये पर लेकर जैसमलेर से तनोट तक जा सकते हैं,
सेना के आस्था के केंद्र के रूप में तनोट मंदिर की मान्यता का बहुत बड़ा महत्व हैं. यह मंदिर न केवल एक प्रसिद्ध धर्मिक स्थान हैं . भारतीय सेना की रक्षा करें वाली वह देवी हैं जिन्होंने पाकिस्तान की सेना को नेस्तनाबूद किया .मंदिर की यात्रा करने का उत्तम समय मार्च और अक्टूबर हैं.
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