जीवन अपनी परेशानियों और अपने कर्मो से लड़ने का नाम है. तथापि, जिस तरह से कमल का फूल कीचड़ में रह कर भी पवित्र रहता है और अपनी खूशबू से महकाता है, इसी तरह से हम भी अपने जीवन में खुशी और विजय का अनुभव करते हुए दूसरों को भी इसी तरह जीने के लिए प्रेरित कर सकते हैं, ये तरीका हे एक बोधिसत्व के जीने का जिनका जीवन "कीचड़ में खिले कमल के फूल की तरह होता है"