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नहीं रहे जनकवि गोंडवी

 कवि एवं प्रख्यात शायर रामनाथ सिंह उर्फ़ अदम गोंडवी का आज सुबह 5 बजे निधन हो गया. 65 वर्षीय अदम गोंडवी पिछले सप्ताह भर से लीवर के गहरे संक्रमण के कारण गंभीर रूप से बीमार थे और उनका लखनऊ के पीजीआइ अस्पताल में इलाज चल रहा था. इलाज के लिए उन्हें १२ दिसम्बर को उनके गृह जिले गोंडा के निजी अस्पताल से लखनऊ पीजीआई लाया गया था. वे अपने पीछे पत्नी कमला देवी और एक बेटा अलोक कुमार सिंह को छोड़कर इस दुनिया से विदा हो गये.
अदम गोंडवी के इलाज में लगे उनके भतीजे दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि ,'उनकी तबियत कल सुबह से ही ख़राब होने लगी और हाथ-पांव काफी फूल गये थे, जिसके बाद डॉक्टरों ने खून की मांग की.उनका ब्लड ग्रुप एबी प्लस होने के कारण खून नहीं मिल सका और सरकारी अस्पताल में शनिवार को हाफ डे होने के कारण डॉक्टरों ने कहा कि अब सोमवार को देखेंगे.'
जनज्वार से हुई बातचीत में दिलीप ने बताया कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह अस्पताल पहुँचने वाले हैं, जिसके बाद उन्हें गोंडवी के गाँव आता परसपुर ले जाया जायेगा और वहीं अंतिम संस्कार होगा. गौरतलब है कि मुलायम सिंह ने अदम के इलाज के लिए आर्थिक मदद भी की थी. दिलीप ने बताया कि 'उनके इलाज के प्रति सरकारी असवेदंशीलता के बावजूद कवियों, लेखकों और पत्रकारों ने हमारा बहुत सहयोग दिया.'
‘काजू भुने प्लेट मे, व्हिस्की गिलास में, उतरा है रामराज विधायक निवास में’ और ‘एक जनसेवक को दुनिया में अदम क्या चाहिए, चार छः चमचे रहें माइक रहे,माल रहे' जैसी कविताओं के माध्यम से देशभर के कोने-कोने में डंका बजा चुके जनवादी लेखक हिंदी क्षेत्र के प्रिय कवियों में रहे हैं . उन्हें प्रसिद्ध गजलकार दुष्यंत कुमार के बाद हिंदी में सबसे ज्यादा चर्चित और प्रतिभाशाली ग़ज़लकार कहा जाता है. 


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