Get Even More Visitors To Your Blog, Upgrade To A Business Listing >>

indian wedding

भारतीय शादियां 


शादियों के सीजन की शुरुआत हो चुकी है।  रिश्तेदारियों और जान - पहचान वालो के यहाँ से निमंत्रण के आने का दौर शुरू हो चुका है।  पुराने कपड़ो को स्त्री करके नया बनाया जा रहा है और पिछले साल वाले जीजा को पुराना बताया जा रहा है । 



रिश्तेदारियों में पड़ने वाली शादियों के लिए नए कपडे लिए जा रहे है।  कई घरो में तो न्यौतो की बाढ़ आई हुई है और घर की लगभग पूरी आमदनी इन्ही शादियों की तैयारियों में जाने की संभावना है। दूर के रिश्तेदार ट्रेनों में वापसी के रिजर्वेशन के जुगाड़ में लगे हुए है , और पास वाले एक दुसरे की गाड़ियों में तेल के हिसाब में लगे हुए है।  ससुराल जाने के लिए चार पहिया ढूंढी जा रही है और घर की शादियों में जाने के लिए समय की दुहाई दी जा रही है। 

दूल्हा - दुल्हन मुंबई वाली मौसी के बच्चो परीक्षा से परेशान है जो फ़रवरी में है, और लखनऊ वाली दीदी ने साफ़ - साफ़ कह दिया है की शादी की तारीख मार्च - अप्रैल में नहीं पड़नी चाहिए। मई में छोटका भाई के कम्पटीशन का एग्जाम है तो जून में सब हलवाई ना मिलने से परेशान है।
तारीख पे तारीख मिल रही है लेकिन बियाह नहीं हो रहा है।  ऐसे पढाई लिखाई से क्या फायदा जब शादी के लिए ही समय ना हो। 

कुछ पुरानी शादियों की चर्चाये सुनाई दे रही है , कहीं लड़की ने लड़के को छोड़ दिया तो कहिं लड़के ने लड़की को।

कारण शादी के बाद पता चला की लड़की की नाक छोटी है और लड़के का कुछ और। 

खास रिश्तेदारियों से कई दिन पहले ही बुलावे  का दौर शुरू हो चुका  है तो कई जगह रिश्ते में खास लोगो द्वारा औपचारिकता पूरी की जा रही है। इंद्र देव से सारे होने वाले नव वर - वधु शांति की प्रार्थना कर रहे है क्योंकि उनका कोपभाजन होने पर लड़के और लड़की के नाम के पूर्व भद्रा की उपाधि लग जाती है। और शामियाने से लेकर रिश्तेदार तक जो उपाधिया लगाते है सो अलग। 
सालियाँ जूता चुराई की रणनीति बनाते दिख रही है और होने वाले जीजा के वजन के अनुसार जूते की कीमत तय की जा रही है। कुछ चुलबुली सालियाँ जीजा का बुलबुला निकालने की सोच रही है तो दूल्हे के छोटे भाइयो से घर के बड़े अपने लिए उन्ही सालियो में से घरवाली पसंद करने की बात पे मजा लेते हुए। बड़े अपने साढू और सढ़ुआइन की खातिरदारी में व्यस्त है तो छोटे लड़के सहबाला बनके ही मस्त है। 

लड़के की बुआ की डिमांड कुछ बढ़ी हुई है बस इसी बात पे बड़ी बहन की नाक चढी हुई है। भौजाई सास से नए जेवर की चाह में मगन है क्योंकि घर का ये आखिरी लगन है। 

पुराने लोग बस हलवाई से पकवानो का हाल पूछ रहे है , और कब, क्या ,कहाँ खाया था एक दूसरे से वो साल पूछ रहे है। 

कुछ इमरती , लाल मोहन और पनीर पकौड़ा आपका बेसब्री से इन्तजार कर रहे है , दौर शुरू हो चुका है शादियों के मेले का ,झमेले की बाद में सोचियेगा साहब, इस पापी पेट को क्यों बेकरार कर रहे है। 






This post first appeared on WE THE PEOPLE OF INDIA, please read the originial post: here

Share the post

indian wedding

×

Subscribe to We The People Of India

Get updates delivered right to your inbox!

Thank you for your subscription

×