कोई ज्यादा नींद आने से परेशान है तो कोई नींद ना आने से। नींद व सेहत का क्या रिश्ता है और अच्छी नींद के लिए क्या करें, आइए जानते हैं
जिस तरह जीने के लिए भोजन व पानी की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार हमारी शारीरिक वह मानसिक तंदुरुस्ती के लिए नींद की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। लेकिन विश्व भर में 60% लोग पूरी नींद नहीं ले पाते हैं। यदि यह सिलसिला लंबे समय तक चलता है तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। वहीं अगर किसी को अधिक सोने की आदत है तो इस आदत के भी उतने ही गंभीर परिणाम हो सकते हैं, जितने कम सोने के। अफ्रीका में हुए एक अध्ययन में यह पाया गया है कि 7:00 से 7:30 घंटे की नींद एक स्वस्थ इंसान के लिए पर्याप्त होती है। अब तक यह माना जा रहा है कि 8 घंटे से कम समय के नींद लेने पर कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है, जैसे तनाव, मोटापा, बेचैनी, संक्रमण, कैंसर। अनिद्रा के कुछ गंभीर मामलों में मृत्यु भी हो सकती है। वहीं कई अध्ययनों से यह भी साबित हो चुका है कि यदि आप नियमित तौर पर इससे अधिक नींद लेती है तो परिणाम गंभीर हो सकते हैं।
उम्र को प्रभावित करती है नींद
डॉक्टर बताते हैं कि इंसोमेनिया व नींद आने से आने में परेशानी की स्थिति में मौत का उतना ही खतरा होता है, जितना लंबी नींद के लिए स्लीपिंग पिल्स खाने वाले में होता है। अमेरिका की नेशनल स्लिप फाउंडेशन के मुताबिक एक सेहतमंद व्यक्ति अगर नियमित रूप से 7 घंटे की नींद लेता है तो वह लंबी आयु तक जीवित रहता है। वहीं यदि कोई 6:30 घंटे से कम और 7:30 घंटे से अधिक समय तक सोता है तो ऐसे लोगों में भी बहुत सी बीमारियां वह शीघ्र मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है। 30 साल से ज्यादा उम्र के युवा, जो 8 घंटे से ज्यादा और 4 घंटे से कम नींद लेते हैं, उनकी मृत्यु दर कहीं ज्यादा होती है।
मोटापे का खतरा
अधिक समय तक सोने वालों में मोटापा एक आम समस्या होती है, क्योंकि नींद के समय मानव शरीर में बहुत कम कैलोरी बर्न होती है। बहुत से शोधो में पाया गया है कि 9 से 10 घंटे तक सोने वालों का वजन 5 किलो तक बढ़ जाता है, क्योंकि अधिक सोने की आदत की वजह से शरीर के अंदरूनी अंगों जैसे लीवर, व आंत के इर्द-गिर्द वसा इकट्ठा हो जाती है। यह वसा शरीर में हार्मोन के संतुलन को प्रभावित करती है और मेटाबॉलिक तंत्र से संबंधित समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। इस वजह से ज्यादा कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज व हृदय रोग आदि का खतरा बढ़ जाता है। वही जो महिलाएं हर दिन में 9 से 11 घंटे तक सोती है उनके हृदय रोग की आशंका 38% अधिक होती है।
डायबिटीज का आतंक
7 घंटे से कम और 8 घंटे से ज्यादा देर तक सोने वालों में डायबिटीज का खतरा ढाई गुना बढ़ जाता है। विभिन्न अध्यन में यह भी पाया गया है कि तय मानकों से कम व अधिक सोने वालों में डायबिटीज का खतरा 20% ज्यादा पाया गया, वही 7 घंटे की नींद लेने वालों में यह 7% ही पाया गया है।
नींद पूरी ना होने के संकेत
1. यदि किसी की नींद पूरी ना हो तो वह हर बात पर बहुत चिड़चिड़ा कर व्यवहार करता है। ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता है।
2. नींद पूरा ना होने पर हम जरूरी बातें व कामों को भूलने लगते हैं।
3. एकाग्र होकर काम ना करने की वजह से और सही समय पर प्रतिक्रिया ना दे पाने की वजह से एक्सीडेंट होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
4. नींद पूरी ना होने पर इंसान की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, इसलिए संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
5. नींद पूरी ना होने पर शरीर में ऊर्जा का स्तर काफी कम हो जाता है और व्यक्ति उदास वह बेचैन रहता है
ऐसे आएगी अच्छी नींद
1. अपने सोने व सुबह उठने का एक वक्त सुनिश्चित करें। यदि किसी वजह से आप सही वक्त पर नहीं सो पाते हैं तो उस टाइम को मैनेज करने के लिए सुबह देर से उठने की गलती ना करें।
2. सोने के समय के लिए कोई भी आरामदायक तरीका अपनाये जैसे कोई म्यूजिक सुनना, किताब पढ़ना।
3. बेड पर लेट कर टेलीविजन देखना है, स्मार्टफोन का इस्तेमाल या ई-बुक पढ़ने की गलती ना करें। इनकी स्क्रीन से आंखों पर ना तो सिर्फ हानिकारक प्रभाव पड़ता है, बल्कि इससे नींद भी प्रभावित होती है।
4. यदि आप बेड पर लेटने के बाद 15 से 20 मिनट के अंदर नहीं सो पा रहे हैं तो दूसरे कमरे में चले जाए व कुछ और काम करने लगे। बेड पर तभी आये जब आपको नींद आ रही हो।
5. संभव हो तो सोते वक्त चिंताजनक बातों या समस्याओं पर चर्चा ना करें सभी चुनौतीपूर्ण काम दिन में ही निपटा लें। रात में रिलैक्स मूड में होने वाले काम ही करें। ऐसा करने से नींद भी अच्छी आएगी और मानसिक तंदुरुस्ती भी बनी रहेगी।
6. रात में भारी भोजन ना करें पेट हल्का रहेगा तो नींद भी अच्छी आएगी।
नींद से है परेशान तो अपनाये ये तरीका आयेगी अच्छी नींद |
उम्र को प्रभावित करती है नींद
डॉक्टर बताते हैं कि इंसोमेनिया व नींद आने से आने में परेशानी की स्थिति में मौत का उतना ही खतरा होता है, जितना लंबी नींद के लिए स्लीपिंग पिल्स खाने वाले में होता है। अमेरिका की नेशनल स्लिप फाउंडेशन के मुताबिक एक सेहतमंद व्यक्ति अगर नियमित रूप से 7 घंटे की नींद लेता है तो वह लंबी आयु तक जीवित रहता है। वहीं यदि कोई 6:30 घंटे से कम और 7:30 घंटे से अधिक समय तक सोता है तो ऐसे लोगों में भी बहुत सी बीमारियां वह शीघ्र मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है। 30 साल से ज्यादा उम्र के युवा, जो 8 घंटे से ज्यादा और 4 घंटे से कम नींद लेते हैं, उनकी मृत्यु दर कहीं ज्यादा होती है।
मोटापे का खतरा
अधिक समय तक सोने वालों में मोटापा एक आम समस्या होती है, क्योंकि नींद के समय मानव शरीर में बहुत कम कैलोरी बर्न होती है। बहुत से शोधो में पाया गया है कि 9 से 10 घंटे तक सोने वालों का वजन 5 किलो तक बढ़ जाता है, क्योंकि अधिक सोने की आदत की वजह से शरीर के अंदरूनी अंगों जैसे लीवर, व आंत के इर्द-गिर्द वसा इकट्ठा हो जाती है। यह वसा शरीर में हार्मोन के संतुलन को प्रभावित करती है और मेटाबॉलिक तंत्र से संबंधित समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। इस वजह से ज्यादा कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज व हृदय रोग आदि का खतरा बढ़ जाता है। वही जो महिलाएं हर दिन में 9 से 11 घंटे तक सोती है उनके हृदय रोग की आशंका 38% अधिक होती है।
डायबिटीज का आतंक
7 घंटे से कम और 8 घंटे से ज्यादा देर तक सोने वालों में डायबिटीज का खतरा ढाई गुना बढ़ जाता है। विभिन्न अध्यन में यह भी पाया गया है कि तय मानकों से कम व अधिक सोने वालों में डायबिटीज का खतरा 20% ज्यादा पाया गया, वही 7 घंटे की नींद लेने वालों में यह 7% ही पाया गया है।
नींद पूरी ना होने के संकेत
1. यदि किसी की नींद पूरी ना हो तो वह हर बात पर बहुत चिड़चिड़ा कर व्यवहार करता है। ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता है।
2. नींद पूरा ना होने पर हम जरूरी बातें व कामों को भूलने लगते हैं।
3. एकाग्र होकर काम ना करने की वजह से और सही समय पर प्रतिक्रिया ना दे पाने की वजह से एक्सीडेंट होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
4. नींद पूरी ना होने पर इंसान की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, इसलिए संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
5. नींद पूरी ना होने पर शरीर में ऊर्जा का स्तर काफी कम हो जाता है और व्यक्ति उदास वह बेचैन रहता है
ऐसे आएगी अच्छी नींद
1. अपने सोने व सुबह उठने का एक वक्त सुनिश्चित करें। यदि किसी वजह से आप सही वक्त पर नहीं सो पाते हैं तो उस टाइम को मैनेज करने के लिए सुबह देर से उठने की गलती ना करें।
2. सोने के समय के लिए कोई भी आरामदायक तरीका अपनाये जैसे कोई म्यूजिक सुनना, किताब पढ़ना।
3. बेड पर लेट कर टेलीविजन देखना है, स्मार्टफोन का इस्तेमाल या ई-बुक पढ़ने की गलती ना करें। इनकी स्क्रीन से आंखों पर ना तो सिर्फ हानिकारक प्रभाव पड़ता है, बल्कि इससे नींद भी प्रभावित होती है।
4. यदि आप बेड पर लेटने के बाद 15 से 20 मिनट के अंदर नहीं सो पा रहे हैं तो दूसरे कमरे में चले जाए व कुछ और काम करने लगे। बेड पर तभी आये जब आपको नींद आ रही हो।
5. संभव हो तो सोते वक्त चिंताजनक बातों या समस्याओं पर चर्चा ना करें सभी चुनौतीपूर्ण काम दिन में ही निपटा लें। रात में रिलैक्स मूड में होने वाले काम ही करें। ऐसा करने से नींद भी अच्छी आएगी और मानसिक तंदुरुस्ती भी बनी रहेगी।
6. रात में भारी भोजन ना करें पेट हल्का रहेगा तो नींद भी अच्छी आएगी।