जीवन सरक जाता है,एक दम चुपचाप,बिना बताये,उन सब,पदार्थों, और परिस्थितियों की ओर,जो किन्चित हमें,ढकेल देती हैं,नितान्तएकाकीपन और मृगमारिचिका की ओर,जहाँ, है, बस वियोग और पछतावा,सीता,शकुन्तला,अहिल्या.....और भी न जाने किस किस की तरह!
जीवन सरक जाता है,एक दम चुपचाप,बिना बताये,उन सब,पदार्थों, और परिस्थितियों की ओर,जो किन्चित हमें,ढकेल देती हैं,नितान्तएकाकीपन और मृगमारिचिका की ओर,जहाँ, है, बस वियोग और पछतावा,सीता,शकुन्तला,अहिल्या.....और भी न जाने किस किस की तरह!
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