अजीब से हालात हैं,
कुछ यूं मेरे जस़्बात हैं,
ना कुछ कहा जा रहा है,
ना कुछ सुना जा राहा है,
और खामोशी रास नही आती,
मन भी चंचल है, कभी लाख मनाओ तो भी नहीं मानता,
कभी यूं ही बे-वजह बात पे मान जाता है,
ज़िन्दगी जीने की वजह नज़र नहीं आ रही,
ज़िन्दगी उम्मीद का दामन छोड़ती नज़र आ रही है,
क्या सवाल बड़ा पूछ लिया है???
जवाब जितना सरल नज़र आ रहा है, उतना ही पेचीदा है,
जवाब ये है की, दिल खुश हो जिसमें वो काम करो।
जिससे फिर एक सवाल खड़ा होता है, क्या? #तफ्री
कुछ यूं मेरे जस़्बात हैं,
ना कुछ कहा जा रहा है,
ना कुछ सुना जा राहा है,
और खामोशी रास नही आती,
मन भी चंचल है, कभी लाख मनाओ तो भी नहीं मानता,
कभी यूं ही बे-वजह बात पे मान जाता है,
ज़िन्दगी जीने की वजह नज़र नहीं आ रही,
ज़िन्दगी उम्मीद का दामन छोड़ती नज़र आ रही है,
क्या सवाल बड़ा पूछ लिया है???
जवाब जितना सरल नज़र आ रहा है, उतना ही पेचीदा है,
जवाब ये है की, दिल खुश हो जिसमें वो काम करो।
जिससे फिर एक सवाल खड़ा होता है, क्या? #तफ्री