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52 मुल्को में रखे जाते है रमजान के रोजे - जकात अनिवार्य

खुदा की इबादत का महीना रमजान 27 या 28 मई से शुरू होने की संभावना है। विश्वभर में रमजान में रोजे रखे जाते हैं। इस साल 10 घंटे का सबसे छोटा और 21 घंटे का सबसे बड़ा रोजा होगा। सबसे छोटा रोजा अर्जेंटीना में होगा और सबसे बड़ा रमजान का दिन डेनमार्क में 21 घंटे का होगा। पिछले साल सबसे बड़ा रोजा 11 घंटे और बड़ा 22 घंटे का था। रमजान में रोजे विश्व में करीब 42 देशों में रखे जाते हैं।

भारत में भी रमजान का कोई भी दिन 15 घंटे से कम नहीं होगा। भीषण गर्मी में अकीदतमंद भूखे-प्यासे रहकर खुदा की इबादत करेंगे। पहला रोजा ही 15 घंटे 22 मिनट का होगा, जो बढ़ते-बढ़ते 21-22 जून को 15 घंटे 36 मिनट का हो जाएगा। गौरतलब है कि इससे पहले इतने घंटे का रोजा जून 1983 के रमजान के पाक महीने में था। पाकिस्तान सहित अधिकतर इस्लामिक देशों में रोजे 14 घंटे के होंगे।

वहीं आस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका में 11-11 घंटे के रोजे होंगे। ब्राजील में 13, रूस में 20 और स्वीडन में 19 घंटे के रोजे होंगे। समुंदर के बगल और ठंडे प्रदेशों में रोजों का समय 10 से 16 घंटों बीच रहा है, जबकि समुंदर से ऊंचाई पर बसे देशों में समय 17 से 21 घंटे के बीच रहेगा। भारत में रमजान के पहले रोजे की सहरी सुबह 3 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगी और इफ्तार शाम 7 बजकर 17 मिनट पर होगा। ऐसे पहला रोजा 15 घंटे 22 मिनट का होगा। पिछली बार रोजा 13 से 14 घंटे के रोजे थे। महीने के आखिरी में चांद के दीदार के साथ ही रोजे होंगे। इसके साथ ही ईद मनाई जाएगी। रमजान के दौरान जकात दी जाती है और ईद के दिन नमाज से पहले गरीबों में फितरा बांटा जाएगा। इस कारण ईद को ईद-उल-फितर कहा गया है।


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