बिहार की राजनीतिक चौसर पर रैली-रैला का महत्व कुछ ज्यादा रहा है। दरअसल, पीछले दस वर्षों में बिहार में जितनी भी रैलियां हुई हैं उससे बिहार राष्ट्रीय राजनीतिक पटल पर चर्चा का विषय रहा है। रैली की बात आती है तो राजनीति के शूरमा लालू प्रसाद जोकि अभी सजायाफ्ता हैं के द्वारा प्रायोजित 2003 में तेल पिलावन महारैली गाहे-बगाहे याद आ ही जाती है। इन दिनों रैली की बात सूबे में फिर उठ खड़े होने का कारण