Get Even More Visitors To Your Blog, Upgrade To A Business Listing >>

बाबरी शहादत के मुख्य आरोपी पवन पांडे का सबसे बड़ा खुलासा

बाबरी मस्जिद की शहादत को लेकर यूपी शिवसेना के प्रेसिडेंट पवन पांडे ने बड़ा खुलासा किया है. पांडे ने दावा किया कि बाबरी मस्जिद को सुनियोजित तरीके से गिराया गया था. इसके लिए कारसेवकों को ट्रेनिंग दी गई थी. साथ ही लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती जैसे बीजेपी नेताओं को इसकी जानकारी थी.

NDTV इंडिया से बातचीत में पांडे ने दावा किया कि 6 दिसंबर को क्या होना है इसके लिए 5 दिसंबर को जो बैठक बुलाई गई थी उसमें आडवाणी, उमा भारती, अशोक सिंघल मौजूद थे. बीजेपी के बड़े नेताओं को साज़िश की जानकारी थी. आडवाणी, उमा, सिंघल, कल्याण सिंह को जानकारी थी. बाबरी ढ़ाचे को गिराने का काम योजनाबद्ध था.



उन्होंने कहा कि 1991 में कल्याण सिंह के सीएम बनते ही योजना तैयार होने लगी थी. 5-6 दिसंबर को क्या होना है इसके लिए बैठक हुई थी. इस बैठक में बैठक में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, उमा भारती, और विश्व हिंदू परिषद के अशोक सिंघल मौजूद थे.  इसी बैठक में अंतिम रणनीति तैयार की गई थी. पांडे का कहना है कि इस बैठक में ही दो मत हो गए थे. कुछ लोग विवादित ढांचे को गिराए जाने की बात कह रहे थे तो कुछ इसके खिलाफ थे.

इस पूरे मामले में वेदांती महाराज के बयान से पवन पांडे नाराज हैं.  उनका कहना है कि वेदांदी झूठ बोल रहे हैं, वे ढांचा गिराने के दौरान वहां मौजूद नहीं थे. बता दें कि बीजेपी के पूर्व सांसद राम विलास वेदांती ने कहा है कि अयोध्या में विवादित ढांचा आडवाणी और जोशी ने नहीं बल्कि उन्होंने तुड़वाया. साथ ही उन्होंने कहा कि जो ढांचा उन्होंने तुड़वाया वहां कभी मस्जिद थी ही नहीं.



पवन पांडे का कहना है कि अब तक उन्होंने कोर्ट में कुछ नहीं कहा है. क्योंकि कोर्ट में अभी तक उनके बयान दर्ज करने की बारी नहीं आई है. उन्होंने यह भी कहा कि वह जो NDTV से कह रहे हैं, वही कोर्ट में कहेंगे. उन्होंने यह भी खुलासा किया कि उन्होंने ही मीर बाक़ी का पत्थर तोड़ा था. उनका दावा है कि सीबीआई का पास पत्थर का एक हिस्सा है जबकि दो हिस्से उनके पास अब भी हैं.

कौन है पवन पांडे
जिस समय अयोध्या आंदोलन चरम पर था, उस समय पवन यूपी शिवसेना के अध्यक्ष थे. 1986 में बाला साहेब ठाकरे के सामने पांडे ने शिवसेना की मेंबरश‍िप ली. 1989 के अंत में आडवाणी जब रामरथ लेकर चले, तो पवन इस आंदोलन में शामिल हो गए. इसी दौरान वे राम मंद‍िर आंदोलन के प्रमुख संत और तत्कालीन श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष रामचंद्र परमहंस के भी करीब आए. नवंबर 1990 में मुलायम सरकार के दौरान जिन हिंदू कारसेवकों को रोकने के लिए पुलिस ने गोलियां चलाई, उनमें पवन पांडे बाल बाल बचे थे. पवन परमहंस के नेतृत्व में 17 बार जेल जा चुके हैं. बाबरी मस्जिद के विवादास्पद ढांचे को गिराने का जो केस इस समय चल रहा है, उसमें पवन मुख्य आरोपी हैं.





This post first appeared on Social Diary, please read the originial post: here

Share the post

बाबरी शहादत के मुख्य आरोपी पवन पांडे का सबसे बड़ा खुलासा

×

Subscribe to Social Diary

Get updates delivered right to your inbox!

Thank you for your subscription

×