:1:
खुद तूने बनाया है
अपना ये पिंजरा
ख़ुद क़ैद में आया है
:2:
किस बात का है रोना
छूट ही जाना है
क्या पाना,क्या खोना ?
:3:
जब चाँद नहीं उतरा
खिड़की मे,तो फिर
किसका चेहरा उभरा
:4:
जब तुमने पुकारा है
कौन यहां ठहरा
लौटा न दुबारा है
:5:
हर साँस अमानत है
जितनी भी उतनी
उसकी ही इनायत है
-आनन्द.पाठक-
Related Articles
This post first appeared on गीत ग़ज़ल औ गीतिका, please read the originial post: here