टेस्टोस्टेरोन स्तर और कामेच्छा को बढ़ाने वाले शीर्ष खाद्य पदार्थ
पुरुष हार्मोन टेस्टोस्टेरोन सम्पूर्ण पौरुषीय गुण जैसे कि स्वस्थ शुक्राणुओं, उपयुक्त कामेच्छा, शरीर पर बालों का उपस्थित होना, मूंछें, और सुदृढ़ मांसपेशियों आदि के लिए ज़िम्मेदार होता है। एक व्यक्ति जिस के शरीर में ठीक मात्रा में टेस्टोस्टेरोन मौजूद हो, उसकी मांसपेशियों सुदृढ़ होंगी, शरीर में वसा की मात्रा कम होगी, अधिक ऊर्जावान होगा, और वह यौन क्रियाओं में भी क्रियाशील होगा। कुछ खाद्य पदार्थों का सेवन कर इस हार्मोन का शरीर में स्तर अच्छा बनाए रखा जा सकता है। खाद्य पदार्थों की निम्न सूची शरीर में टेस्टोस्टेरोन स्तर को बढ़ावा देने में मददगार सिद्ध होती है।
विटामिन डी युक्त दूध: फोर्टिफाइड दूध में उपयुक्त मात्रा में विटामिन डी की उपलब्धता होती है जो पुरुष हार्मोन के संश्लेषण के लिए आवश्यक होता है। आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार पुरुषों में शुक्र धातु की वृद्धि के लिए दूध के सेवन की सलाह दी गई हैं। पुरुषों में शुक्र धातु टेस्टोस्टेरोन का प्रतिनिधित्व करती है।
दालें: दालें वनस्पति आधारित प्रोटीन आहार हैं, और ये ह्रदय को स्वस्थ रखने में सहायक होती हैं। इनमें विटामिन डी और जस्ता भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इस प्रकार दालें सम्पूर्ण आहार हैं जिन्हें हम टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने वाले आहारों की सूची में शामिल कर सकते हैं। इस उद्देश्य के लिए उड़द, राजमा, और चौंले का नियमित रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है। (यदि आप टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाना चाहते हैं तो सोयाबीन का सेवन न करें)।
अंगूर: अंगूर की तो आयुर्वेद के आचार्यों द्वारा भी कामोद्दीपक/वाजीकारक ("वृष्य") के रूप में प्रशंसा की है। रोज़ एक गुच्छा अंगूर के सेवन से शुक्राणुओं में गतिशीलता आती है, और ये टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने में मददगार सिद्ध होते हैं।
अनार: अनार एक एंटीऑक्सीडेंट समृद्ध फल है। हाल ही में हुए एक शोध से यह पता चला है कि अधिक एंटीऑक्सीडेंट का उपभोग टेस्टोस्टेरोन स्तर को बढ़ाता है। इस के अतिरिक्त आयुर्वेद के ग्रंथों में अनार का वर्णन "शुक्रल" या उस फल के रूप में किया गया है जो वीर्य की गुणवत्ता और मात्रा दोनों का संवर्धन करता है।
लहसुन: अध्ययनों से पता चला है कि लहसुन का प्रोटीन अनुपूरकों (सप्लीमेंट) के साथ सेवन किए जाने पर टेस्टोस्टेरोन स्तर को बढ़ावा देता है। आयुर्वेदिक वैद्यों के मतानुसार लिंग में तनाव की कमी (इरेक्टाइल डिसफंक्शन) का उपचार लहसुन जैसी प्राकृतिक जड़ी-बूटी के सेवन से हो सकता है।
मेवे: सूखे मेवे जैसे अखरोट, बादाम, काजू, किशमिश आदि में मोनोअनसैचुरेटेड फैट्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। अपने टेस्टोस्टेरोन स्तर को बढ़ाने के लिए इन का प्रतिदिन सेवन करें। इनका बिना नमक के ही उपयोग करें।
बीज: सूरजमुखी और तिल के बीजों में मोनोअनसैचुरेटेड फैट्स, विटामिन ई, और जस्ता प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। टेस्टोस्टेरोन स्तर को बढ़ाने के लिए इन तत्वों की ही आवश्यकता होती है।
अंडा: अंडे की जर्दी में कोलेस्ट्रॉल और विटामिन डी विद्यमान होता है। टेस्टोस्टेरोन उत्पादन के लिए ये दोनों पोषक तत्व अत्यंत आवश्यक हैं। पुरुष सुरक्षित रूप से एक अंडा प्रति दिन खा सकते हैं। किन्तु, एक दिन में तीन से अधिक अंडे खाने का प्रयास न करें।
टूना: टूना या ट्यूना एक समुद्री मछली है जिस में विटामिन डी और प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। यह ह्रदय के लिए अच्छा आहार है और कम कैलोरी प्रदान करता है। ये सभी तत्व टेस्टोस्टेरोन स्तर को बढ़ावा देने में मददगार होते हैं।
सीप: नर हार्मोन के संश्लेषण के लिए जस्ता एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। चूँकि सीप में यह पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाया जाता है इसलिए यह नर हार्मोन के स्तर को मजबूत करने में मददगार साबित होती हैं।
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