कई लोगों का मानना है कि हड्डियों का कमजोर होना, उम्र से सम्बंधित होता है। वास्तव में, हड्डियों के कमजोर होने के पीछे सबसे प्रमुख कारण, खाने की बेकार आदतें, शारीरिक व्यायाम की कमी, कुछ दवाओं का लगातार सेवन, अधिक धूम्रपान और हड्डियों की आनुवांशिक बीमारी होते हैं।
शोध में यह बात सामने आई है कि हड्डियों की कमजोरी और ऑस्टियोपोरोसिस, पौष्टिक आहार और शारीरिक गतिविधियों के साथ रोकी जा सकती है। किसी भी आयु में हड्डियों को मजबूत बनाएं रखने के लिए योग सबसे अच्छा उपाय है।
हाल ही में कोलम्बिया विश्वविद्यालय ने न्यूयॉर्क में दो साल का अध्ययन किया, जिसमें मरीजों की हड्डियों सम्बंधी बीमारी पर रिसर्च की गई। इन लोगों को प्रतिदिन 10 मिनट योग करवाया गया, जिससे इन्हें काफी लाभ मिला। आप भी ऐसे ही कुछ योगा को कर सकते हैं जिससे आपकी हड्डियों में मजबूती आएं।
वृक्षासन
इस योग में व्यक्ति को पेड़ की तरह खड़े होना होता है। इस आसन को करने से रीढ़, कमर और पेल्विक हड्डी मजबूत बनी रहती है। गठिया की समस्या से राहत मिलती है और कमजोर कंधे भी मजबूत हो जाते हैं। साथ ही शरीर का संतुलन भी अच्छा बना रहता है।
उत्कटासन
उत्कटासन
इस आसन में व्यक्ति को कुर्सी की तरह बनना होता है। इसे करने से शरीर की मांसपेशियां खिंचती है और उनकी सहनशक्ति में बढ़ोत्तरी होती है।
हड्डियों में भी काफी फायदा होता है। कंधे और छाती की हड्डियां, मजबूत हो जाती है।
सेतु बंधासन
हड्डियों में भी काफी फायदा होता है। कंधे और छाती की हड्डियां, मजबूत हो जाती है।
सेतु बंधासन
अपनी मांसपेशियों और अंगों को स्ट्रेच करते हुए, इस आसन से शरीर की हड्डियों में मजबूती आती है। नई कोशिकाओं का विकास अच्छी तरह होता है। बॉडी बिल्डिंग करने वाले लोगों के लिए ये आसन सबसे अच्छा होता है
भुजंगासन
भुजंगासन
सूर्य नमस्कार करते समय भुजंगासन किया जाता है जिससे हड्डियां मजबूत बनती हैं और लोअर-बैक सपोर्ट भी अच्छा हो जाता है। इसे करने से कलाईयों की हड्डियों में मजबूती आ जाती है और उंगलियां भी गठिया रहित हो जाती हैं।
अधोमुख शवासन
अधोमुख शवासन
इस आसन को करने से पैर, कमर, रीढ़ की हड्डियों पर जोर पड़ता है और वो मजबूत हो जाती हैं। जिन लोगों को गठिया की शिकायत की शुरूआत हुई हो, वो इसे अवश्य करें। शरीर के ऊपरी हिस्से में भी इसे करने से मजबूती आती है।