मौसम बदलते ही गले में खराश होना आम बात है। सामान्य शब्दों में गले में खराश, गले का संक्रमण है। आमतौर पर गले का संक्रमण वायरस या बैक्टीरिया के कारण होता है।
लेकिन ज्यादा गले की खराश वायरस के कारण होती है। यह कुछ समय बाद अपने आप ठीक हो जाता है लेकिन यह जितने दिन रहता है काफी कष्ट देता है।
गले में खराश के लक्षण--
● 100.5 ड्रिगी F या 38 ड्रिगी सेल्सियस से अधिक बुख़ार होना
● गर्दन में सूजन होना
● गले में दर्द होन
●निगलने में कठिनाई होना
● पेट में दर्द होना
● भूख न लगना होना
. भाप लेना
कई बार गले के सूखने के कारण भी गले में इंफेक्शन की शिकायत होती है। ऐसे में किसी बड़े बर्तन में गरम पानी करके तौलिया से मुंह ढककर भाप लें। ऐसा करने से भी गले की सिकाई होगी और गले का इंफेक्शन भी खत्म होगा। इस क्रिया को दिन में दो बार किया जा सकता है।
एंटी-इन्फ्लेमेटरीज
गले की खराश से निपटने के सबसे कारगर उपायों में से एक शायद आपके पास पहले से मौजूद हो। ये एंटी-इन्फ्लेमेटरीज दवायें दर्द तो दूर करती ही हैं साथ ही गले की सूजन और दर्द से भी राहत दिलातीं हैं। इन दवाओं के सेवन के बाद आप पहले से बेहतर महसूस करते हैं साथ ही यह आपके गले में होने वाली परेशानी को कम करने में मदद करती हैं।
जिन व्यक्तियों के गले में निरंतर खराश रहती है या जुकाम में एलर्जी के कारण गले में तकलीफ बनी रहती है, वह सुबह-शाम दोनों वक्त चार-पांच मुनक्का के दानों को खूब चबाकर खा लें, लेकिन ऊपर से पानी ना पिएं। दस दिनों तक लगातार ऐसा करने से लाभ होगा।
हाइड्रेटेड रहें। शरीर में तरल पदार्थों की कमी, आपकी तकलीफ को बढ़ा सकती हैं। आपको बहुत मात्रा में पानी पीना चाहिए। इससे आपका मूत्र हल्का पीला अथवा बिल्कुल साफ रहेगा। यह आपकी श्लेष्मा झिल्ली को तर और बैक्टीरिया और अन्य एलर्जी पहुंचाने वाले तत्वों को दूर रखेगा। इससे आपका शरीर सर्दियों के लक्षणों से बेहतर तरीके से लड़ सकेगा। आप क्या पीना चाहते हैं यह पूरी तरह आप पर निर्भर करता है। पानी सबसे बेहतर है, लेकिन आप चाहें तो फ्रूट जूस भी पी सकते हैं।
.लाल मिर्च
गले की खराश को ठीक करने के लिए लाल मिर्च भी बेहद फायदेमंद है। उपचार के लिए एक कप गरम पानी में एक चम्मच लाल मिर्च और एक चम्मच शहद मिलाकर पीएं।
. भाप लेना
कई बार गले के सूखने के कारण भी गले में इंफेक्शन की शिकायत होती है। ऐसे में किसी बड़े बर्तन में गरम पानी करके तौलिया से मुंह ढककर भाप लें। ऐसा करने से भी गले की सिकाई होगी और गले का इंफेक्शन भी खत्म होगा। इस क्रिया को दिन में दो बार किया जा सकता है।
एंटी-इन्फ्लेमेटरीज
गले की खराश से निपटने के सबसे कारगर उपायों में से एक शायद आपके पास पहले से मौजूद हो। ये एंटी-इन्फ्लेमेटरीज दवायें दर्द तो दूर करती ही हैं साथ ही गले की सूजन और दर्द से भी राहत दिलातीं हैं। इन दवाओं के सेवन के बाद आप पहले से बेहतर महसूस करते हैं साथ ही यह आपके गले में होने वाली परेशानी को कम करने में मदद करती हैं।
जिन व्यक्तियों के गले में निरंतर खराश रहती है या जुकाम में एलर्जी के कारण गले में तकलीफ बनी रहती है, वह सुबह-शाम दोनों वक्त चार-पांच मुनक्का के दानों को खूब चबाकर खा लें, लेकिन ऊपर से पानी ना पिएं। दस दिनों तक लगातार ऐसा करने से लाभ होगा।
हाइड्रेटेड रहें। शरीर में तरल पदार्थों की कमी, आपकी तकलीफ को बढ़ा सकती हैं। आपको बहुत मात्रा में पानी पीना चाहिए। इससे आपका मूत्र हल्का पीला अथवा बिल्कुल साफ रहेगा। यह आपकी श्लेष्मा झिल्ली को तर और बैक्टीरिया और अन्य एलर्जी पहुंचाने वाले तत्वों को दूर रखेगा। इससे आपका शरीर सर्दियों के लक्षणों से बेहतर तरीके से लड़ सकेगा। आप क्या पीना चाहते हैं यह पूरी तरह आप पर निर्भर करता है। पानी सबसे बेहतर है, लेकिन आप चाहें तो फ्रूट जूस भी पी सकते हैं।
.लाल मिर्च
गले की खराश को ठीक करने के लिए लाल मिर्च भी बेहद फायदेमंद है। उपचार के लिए एक कप गरम पानी में एक चम्मच लाल मिर्च और एक चम्मच शहद मिलाकर पीएं।
*कच्चा सुहागा आधा ग्राम मुंह में रखें और उसका रस चुसते रहें। दो तीन घण्टों मे ही गला बिलकुल साफ हो जाएगा।
चिकन सूप
अगर आप मांसाहारी हैं, तो चिकन सूप आपके लिए काफी फायदेमंद रहेगा। यह गले की खराश और सूजन में काफी मदद करता है। शोरबे में मौजूद सोडियम में सूजन को कम करने वाले तत्त्व होते हैं। जब आप बीमार होते हैं, तो सूप का आपको अधिक फायदा मिलता है। जब गले में सूजन और दर्द हो, तो वहां से कुछ भी नीचे नहीं उतरता। ऐसे में सूप के रूप में जरूरी पोषक तत्व आपके शरीर में पहुंच जाते हैं। इससे आपको संक्रमण से लड़ने के लिए जरूरी ऊर्जा मिल जाती है।
*सोते समय एक ग्राम मुलहठी की छोटी सी गांठ मुख में रखकर कुछ देर चबाते रहे। फिर मुंह में रखकर सो जाए। सुबह तक गला साफ हो जायेगा। मुलहठी चूर्ण को पान के पत्ते में रखकर लिया जाय तो और भी अच्छा रहेगा। इससे सुबह गला खुलने के साथ-साथ गले का दर्द और सूजन भी दूर होती है।अगर आप मांसाहारी हैं, तो चिकन सूप आपके लिए काफी फायदेमंद रहेगा। यह गले की खराश और सूजन में काफी मदद करता है। शोरबे में मौजूद सोडियम में सूजन को कम करने वाले तत्त्व होते हैं। जब आप बीमार होते हैं, तो सूप का आपको अधिक फायदा मिलता है। जब गले में सूजन और दर्द हो, तो वहां से कुछ भी नीचे नहीं उतरता। ऐसे में सूप के रूप में जरूरी पोषक तत्व आपके शरीर में पहुंच जाते हैं। इससे आपको संक्रमण से लड़ने के लिए जरूरी ऊर्जा मिल जाती है।
कफ ड्रॉप
कफ ड्रॉप को चूसना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। गोली चूसने से सेल्विया का निर्माण होता है, जो गले के अंदर जाकर वहां मौजूद खुशकी को दूर करता है। लेकिन, आपको ध्यान रखना चाहिए कि आप सख्त कैंडी का इस्तेमाल करें। आप ऐसे ब्रॉन्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो मैंथॉल अथवा मिंट से बनीं हों।
*रात को सोते समय सात काली मिर्च और उतने ही बताशे चबाकर सो जायें। बताशे न मिलें तो काली मिर्च व मिश्री मुंह में रखकर धीरे-धीरे चूसते रहने से बैठा गला खुल जाता है।
लौंग
लौंग का इस्तेमाल उपचार के लिए सदियों से होता आ रहा है। गले की खराश के उपचार के लिए लौंग को मुंह में रखकर धीरे धीरे चबाना चाहिए। लौंग एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होती है जो गले के इंफेक्शन और सूजन को दूर करती है।
लाल मिर्च (Red chilli)-
गले की खराश को ठीक करने के लिए लाल मिर्च भी बेहद फायदेमंद है। उपचार के लिए एक कप गरम पानी में एक चम्मच लाल मिर्च और एक चम्मच शहद मिलाकर पीएं।
अदरक
अदरक भी गले की खराश की बेहद अच्छी दवा है। अदरक में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण गले के इंफेक्शन और दर्द से राहत देते हैं। गले की खराश के उपचार के लिए एक कप पानी में अदरक डाल कर उबालें। इसके बाद इसे हल्का गुनगुना करके इसमें शहद मिलाएं। इस पेय को दिन में दो से तीन बार पीएं। गले की खराश से आराम मिलेगा।
गरम पानी और नमक के गरारे
जब गले में खराश होती है तो सांस झिल्ली की कोशिकाओं में सूजन हो जाती है। नमक इस सूजन को कम करता है जिससे दर्द में राहत मिलती है। उपचार के लिए एक गिलास गुनगुने पानी में एक बड़ा चम्मच नमक मिलाकर घोल लें और इस पानी से गरारे करें। इस प्रक्रिया को दिन में तीन बार करें।
बेकिंग सोडा (Baking soda)-
गले की खराश दूर करने के लिए बेकिंग सोडा की चाय बेहद फायदेमंद है। कारण, बेकिंग सोडा में एंटी बैक्टीरियल (antibacterial) गुण होते हैं जो कि जीवाणुओं को नष्ट कर देते हैं। इसके लिए एक गिलास गरम पानी में बेकिंग सोडा और नमक मिलाकर दिन में तीन बार गरारे करें।
मसाला चाय
लौंग, तुलसी, अदरक और काली मिर्च को पानी में डालकर उबालें, इसके बाद इसमें चाय पत्ती डालकर चाय बनाएं। इस चाय को गरम गरम ही पीएं। यह भी गले के लिए बेहद लाभदायक उपाय है जिससे गले में तुरंत आराम मिलता है।
लहसुन
लहसुन इंफेक्शन पैदा करने वाले जीवाणुओं को मार देता है। इसलिए गले की खराश में लहसुन बेहद फायदेमंद है। लहसुन में मौजूद एलीसिन जीवाणुओं को मारने के साथ ही गले की सूजन और दर्द को भी कम करता है। उपचार के लिए गालों के दोनों तरफ लहसुन की एक एक कली रखकर धीरे धीरे चूसते रहें। जैसे जैसे लहसुन का रस गले में जाएगा वैसे वैसे आराम मिलता रहेगा।
*काली मिर्च को 2 बादाम के साथ पीसकर सेवन करने से गले के रोग दूर हो जाते हैं।
*पानी में 5 अंजीर को डालकर उबाल लें और इसे छानकर इस पानी को गर्म-गर्म सुबह और शाम को पीने से खराब गले में लाभ होता है।
*गले में खराश होने पर सुबह-सुबह सौंफ चबाने से बंद गला खुल जाता है।
*1 कप पानी में 4-5 कालीमिर्च एवं तुलसी की थोंडी सी पत्तियों को उबालकर काढ़ा बना लें और इस काढ़े को पी जाए।कफ ड्रॉप को चूसना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। गोली चूसने से सेल्विया का निर्माण होता है, जो गले के अंदर जाकर वहां मौजूद खुशकी को दूर करता है। लेकिन, आपको ध्यान रखना चाहिए कि आप सख्त कैंडी का इस्तेमाल करें। आप ऐसे ब्रॉन्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो मैंथॉल अथवा मिंट से बनीं हों।
*रात को सोते समय सात काली मिर्च और उतने ही बताशे चबाकर सो जायें। बताशे न मिलें तो काली मिर्च व मिश्री मुंह में रखकर धीरे-धीरे चूसते रहने से बैठा गला खुल जाता है।
लौंग
लौंग का इस्तेमाल उपचार के लिए सदियों से होता आ रहा है। गले की खराश के उपचार के लिए लौंग को मुंह में रखकर धीरे धीरे चबाना चाहिए। लौंग एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होती है जो गले के इंफेक्शन और सूजन को दूर करती है।
लाल मिर्च (Red chilli)-
गले की खराश को ठीक करने के लिए लाल मिर्च भी बेहद फायदेमंद है। उपचार के लिए एक कप गरम पानी में एक चम्मच लाल मिर्च और एक चम्मच शहद मिलाकर पीएं।
अदरक
अदरक भी गले की खराश की बेहद अच्छी दवा है। अदरक में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण गले के इंफेक्शन और दर्द से राहत देते हैं। गले की खराश के उपचार के लिए एक कप पानी में अदरक डाल कर उबालें। इसके बाद इसे हल्का गुनगुना करके इसमें शहद मिलाएं। इस पेय को दिन में दो से तीन बार पीएं। गले की खराश से आराम मिलेगा।
गरम पानी और नमक के गरारे
जब गले में खराश होती है तो सांस झिल्ली की कोशिकाओं में सूजन हो जाती है। नमक इस सूजन को कम करता है जिससे दर्द में राहत मिलती है। उपचार के लिए एक गिलास गुनगुने पानी में एक बड़ा चम्मच नमक मिलाकर घोल लें और इस पानी से गरारे करें। इस प्रक्रिया को दिन में तीन बार करें।
बेकिंग सोडा (Baking soda)-
गले की खराश दूर करने के लिए बेकिंग सोडा की चाय बेहद फायदेमंद है। कारण, बेकिंग सोडा में एंटी बैक्टीरियल (antibacterial) गुण होते हैं जो कि जीवाणुओं को नष्ट कर देते हैं। इसके लिए एक गिलास गरम पानी में बेकिंग सोडा और नमक मिलाकर दिन में तीन बार गरारे करें।
मसाला चाय
लौंग, तुलसी, अदरक और काली मिर्च को पानी में डालकर उबालें, इसके बाद इसमें चाय पत्ती डालकर चाय बनाएं। इस चाय को गरम गरम ही पीएं। यह भी गले के लिए बेहद लाभदायक उपाय है जिससे गले में तुरंत आराम मिलता है।
लहसुन
लहसुन इंफेक्शन पैदा करने वाले जीवाणुओं को मार देता है। इसलिए गले की खराश में लहसुन बेहद फायदेमंद है। लहसुन में मौजूद एलीसिन जीवाणुओं को मारने के साथ ही गले की सूजन और दर्द को भी कम करता है। उपचार के लिए गालों के दोनों तरफ लहसुन की एक एक कली रखकर धीरे धीरे चूसते रहें। जैसे जैसे लहसुन का रस गले में जाएगा वैसे वैसे आराम मिलता रहेगा।
*काली मिर्च को 2 बादाम के साथ पीसकर सेवन करने से गले के रोग दूर हो जाते हैं।
*पानी में 5 अंजीर को डालकर उबाल लें और इसे छानकर इस पानी को गर्म-गर्म सुबह और शाम को पीने से खराब गले में लाभ होता है।
*गले में खराश होने पर सुबह-सुबह सौंफ चबाने से बंद गला खुल जाता है।
*रात को सोते समय दूध और आधा पानी मिलाकर पिएं। गले में खराश होने पर गुनगुना पानी पिएं।
*गुनगुने पानी में सिरका डालकर गरारे करने से भी गले के रोग दूर हो जाते है।
*पालक के पत्तों को पीसकर इसकी पट्टी बनाकर गले में बांधे। इस पट्टी को 15-20 मिनट के बाद खोल दें। इससे भी आराम मिलता है।