कैल्शियम हमारे शरीर के लिए एक बहुत ही जरुरी मिनरल है। जिसकी थौड़ी सी भी कमी हमें प्रोब्लम में डाल सकती है। अतः यह जरुरी है कि हम अपनी डाइट में पर्याप्त रुप से इसे रखें। वरना अनेक रोगों से ग्रसित होने के लिए तैयार रहें।
यह कैल्शियम ही है जो हमारे शरीर में हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है और हमारे दाँत भी कैल्शियम से ही निर्मित हैं। कैल्शियम की कमी हड्डियों को कमजोर बना कर रिकेट्स नामक रोग तो पैदा करती ही है साथ ही हमारी मसल्स में भी अकड़ाव के लिए कैल्शियम ही जिम्मेदार है। इसी की कमी से जब मसल्स अकड़ जाती हैं तो ज्वाइंट पैन शुरु हो जाता है और यह लगातार बना रह सकता है। कैल्शियम की कमी से महिलाओं में तो अनेकों रोग पैदा होते हैं क्योंकि एक युवा औरत को युवक से ज्यादा कैल्शियम की जरुरत होती है कई बार औरतें इसकी कमी को पूरा करने के लिए साधारण मिट्टी, मुल्तानी मिट्टी, खरिया मिट्टी भी खाती देखी जाती हैं।
अतः यह जरुरी है कि हम अपनी डाइट में पर्याप्त रुप से कैल्शियम को शामिल करें।
हल्दी पुराने समय से ही हमारी चिकित्सा पद्धति में प्रयोग होती रही है और खासकर हड्डियों व मसल्स के रोगों के लिए जानी जाती है थोड़ी सी भी चोट लगी हमारी माँ या दादी माँ तुरन्त ही हल्दी दूध के साथ लेने की सलाह देती सुनी जाती है अगर चोट खुली है तो हल्दी व तेल का बना मरहम लगा दिया जाता है और वाकई इसका कमाल का काम होता है।
अतः आज पुनः पुराने प्रकाशित नुस्खे को ही नये शब्दों में प्रस्तुत कर रहा हूँ ।जिसके प्रयोग से न केवल आपकी हड्डियाँ मजबूत होंगी अपितु यह आपकी कैल्शियम की कमीे को पूरा करेगा।
सामग्री—
(1) हल्दीगाँठ 1 किलोग्राम
(2) बिनाबुझा चूना 2 किलो
नोट : – बिना बुझा चुना वो होता है जिससे सफेदी या कलई की जाती है।और डेली या पत्थर के रुप में प्राप्त होता है जिसे पानी डालकर बुझाया जाता है।
विधि –
सबसे पहले किसी मिट्टी के बर्तन में चूना डाल कर इसमें इतना पानी डाले की चूना पूरा पानी में डूब जाये। पानी डालते ही इस चूने में उबाल आने लगेगा । जब चूने में उबाल हल्का हो जाए तो इसमें हल्दी डाल कर किसी लकड़ी की सहायता से ठीक से मिक्स कर दे।
इस हल्दी को लगभग दो माह तक इसी चूने में पड़ा रहने दे। हाँ जब पानी सूखने लगे तो इसमें पुनःं पानी अवश्य मिला दिया करें की यह सूखने न पाए।
दो माह बाद हल्दी को निकाल कर ठीक से धो लें और सुखाकर पीस ले और किसी कांच के बर्तन में रख लें।
सेवन विधि
(1) वयस्क व्यक्ति के लिए इसकी 3 ग्राम मात्रा गुनगुने दूध में मिलाकर दिन में दो बार भोजन के बाद
(2) और बच्चे के लिए 1 से 2 ग्राम मात्रा गुनगुने दूध में मिलाकर दिन में दो बार सुबह नाश्ते के बाद व साय को सोते समय भोजन के बाद
(2) और बच्चे के लिए 1 से 2 ग्राम मात्रा गुनगुने दूध में मिलाकर दिन में दो बार सुबह नाश्ते के बाद व साय को सोते समय भोजन के बाद
सेवन से लाभ
इस हल्दी का प्रयोग आपकी कुपोषण, बीमारी व भोजन की अनियमितता व संतुलित मात्रा में न लिए गये पोषक तत्वों की पूर्ति में सहायक होगा जिसके कारण शरीर में कैल्शियम की कमी बहुत जल्दी दूर हो जाती है और शरीर में जोड़ों का दर्द भी ठीक हो जाता है।
बढ़ते बच्चों को अपेक्षाकृत अधिक कैल्शियम की जरुरत होती है यह नुस्खा बहुत ही अधिक लाभदायक है क्योंकि उनकी मिनरल्स की कमीं की पूर्ति करके उन्हैं पूर्णतः निरोगी बनाने में मदद करता है।यह एक ऐसा टाँनिक है जो आपके बच्चे का पूर्ण विकास करता है। यह नुस्खा टूटी हड्डी को जोड़ने व जोड़ों कमर व अन्य स्थानों पर हो रहे वात जनित दर्द में भी रामवाण का कार्य करता है। कई बार रात में सोते सोते कमर व गर्दन में एक ही तरफ लेटे रहने के कारण असहनीय पीड़ा होती है यह हल्दी वहाँ भी बहुत फायदा करके आपको जल्दी ही स्वास्थ्य लाभ कराती है।
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