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कमर में दर्द | Back Pain in Hindi with Treatment & Symptoms

Treatment of Back Pain in Hindi

कमर दर्द का इलाज (Back Pain) : कमर दर्द तेजी से बढ़ने वाली एक आम समस्या है| शोध के अनुसार भारत में 60 % लोग कभी ना कभी बैक पैन की समस्या का सामना करते है और कुछ लोग तो ऐसे है, जो अक्सर कमर दर्द से परेशान रहते है| कमर दर्द वास्तव में कोई बीमारी नहीं है, यह हमारे शरीर की यांत्रिक असफलता है| कभी कभी कमर दर्द कुछ दिन बाद अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन कई बार इसके ठीक होने में बहुत टाइम लग जाता है|

बैक पैन होने के अनेक कारण होते है, लेकिन इसके होने के मुख्य कारण रीढ़ या मेरुदंड (Spinal Cord) से जुड़े होते हैं| इसके साथ ही कमर दर्द की समस्या उम्र पर भी निर्भर करती है| 35 साल की उम्र पार करने के बाद कमर दर्द होने का खतरा बढ़ जाता है| कमर दर्द होने पर अक्सर लोग अपनी सामान्य गतिविधियों को बहुत धीमा कर देते है, लेकिन ऐसा ना करे| गतिविधियों कमर दर्द होने पर धीरे धीरे काम करते रहे, पूरी तरह से दुसरो पर निर्भर ना हो| ऐसा करने से आपकी कमर में लचीलापन बना रहेगा और कमर दर्द कम होने के चांस बन जायेगे|

बार बार होने वाले कमर दर्द से छुटकारा पाने के लिए अनेक प्रकार के घरेलू उपाय है| योग के माध्यम से भी कमर दर्द को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है| बहुत कम और दुर्लभ मामलों में कमर दर्द से छुटकारा पाने के लिए शल्य चिकित्सा की जरुरत पड़ती है| कमर दर्द की समस्या लम्बे समय तक बैठकर काम करने के कारण और अधिक बढ़ती जा रही है| अगर लोगो ने अपनी दैनिक दिनचर्या में परिवर्तन नहीं किया, तो वो दिन दूर नहीं जब 20 साल के बच्चे भी कमर दर्द की समस्या का शिकार बन जायेगे|

कमर दर्द के प्रकार (Types of Back Pain in Hindi)

Postural Syndrome – जब गलत तरीके से खड़े होने या बैठने के कारण हमारी रीढ़ की हड्डी की कुछ कोशिकाओंपर दवाब पड़ता है, जो हमारी कमर के निचे दर्द होने लगता है| इस प्रकार होने वाले कमर दर्द को Postural Syndrome कहते है|

Derangement Syndrome – हमारी रीढ़ की हड्डी में मौजूद डिस्क के अंदर मौजूद तरल पदार्थ में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी होने के कारण ऊतकों पर अधिक दवाब पड़ता है, इसे स्लिप डिस्क भी कहते है| स्लिप डिस्क के कारण कमर में दर्द होने लगता है| इस प्रकार के कमर दर्द को Derangement Syndrome कहते है|

Dysfunction Syndrome – Dysfunction Syndrome की समस्या स्नायु के छोटे होने, मांसपेशियों और जोड़ो आदि के कारण होती है|

कमर दर्द के लक्षण (Back Pain Symptoms in Hindi)

  • चलने फिरने और सामान्य कार्य करने में दर्द होना
  • पैर की अंगुलियों या एडी सुन्न होना
  • तेज कमर दर्द होने पर मल त्याग करने और पेशाब करने में परेशानी होना
  • हिप या थाईज के आसपास सुन्न होना
  • कमर का दर्द पैरो तक जाना
  • कमर में सूजन महसूस होना
  • रीढ के निचे के हिस्से में दर्द होना
  • नितंबों के आस पास सुन्न होना
  • पैर के पंजे या अंगूठे में कमजोरी

कमर दर्द के कारण (Back Pain Causes in Hindi)

  • तनाव से भरी नौकरी
  • अधिक समय तक कंप्यूटर के सामने झुककर काम करना
  • रीढ़ या कमर की हड्डी में जन्मजात विकृति या संक्रमण होना
  • क्षमता से अधिक वजन उठाना
  • फिसलना या गिरना
  • किसी प्रकार की चोट लगना
  • कमर में झटका लगना
  • डिप्रेशन में रहना
  • अधिक सोचना
  • मोटापा
  • धूम्रपान करना
  • गर्भधारण
  • शरीर की हड्डिया कमजोर होना
  • अचानक से झुकना
  • लम्बे समय तक ड्राइविंग करना
  • गलत तरीका से बैठना
  • झुककर काम करना या पढ़ना
  • अनियमित जीवनशैली
  • शारीरिक श्रम की कमी

कमर दर्द के लिए जिम्मेदार बीमारियां (Diseases Responsible for Back Pain in Hindi)

  • डिस्क में उभार या विच्छेदित डिस्क
  • ऑस्टियोपोरोसिस
  • गठिया
  • साइटिका
  • बैक-बोन कैंसर
  • दाद या अन्य संक्रमण
  • बैक-बोन का संक्रमण
  • नींद से जुडी बीमारियां

कमर दर्द से बचाव (Prevention of Back Pain in Hindi)

1. अगर आप कमर दर्द से बचना चाहते है, तो नियमित रूप से एरोबिक गतिविधियां करे| एरोबिक गतिविधियां करने से मांसपेशियां मजबूत होती है और कमर को मजबूती और स्थिरता मिलती है| जिसके कारण कमर में झटका या खिंचाव नहीं आता और आपको कार्य करने में आसानी होती है|

2. गलत तरीके से खड़े होने और बैठने के कारण आगे चलकर आपको कमर दर्द की समस्या का सामना करना ही पड़ता है| अगर आपको लम्बे समय तक खड़ा रहना पड़ता है या अधिक समय बैठकर आपको काम करना पड़ता है, तो खड़े होने और बैठने के लिए सही अवस्था का चुनाव करे|

3. कमर दर्द से बचने के लिए और अपने शरीर को फुर्तीला बनाने के लिए पीठ और पेट की मांसपेशियों के लिए योग और व्यायाम करे| इससे इन मांसपेशियों में लचीलापन आएगा और शरीर की हड्डिया भी मजबूत होगी|

4. जिन लोगो का वजन बहुत अधिक होता है, उनको कमर दर्द की समस्या अक्सर परेशान करती है| ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि अधिक वजन के कारण कमर की मांसपेशियों में खिंचाव पैदा होता है, जिसके कारण कमर दर्द की प्रॉब्लम होने लगती है| अगर आपका वजन बहुत अधिक है, तो अपने वजन को कण्ट्रोल में रखे| अच्छी सेहत और बीमारियों से बचने के लिए स्वस्थ वजन बनाये रखना बहुत जरुरी है|

5. ध्यान रहे कभी भी जोश में आकर या किसी अन्य व्यक्ति के कहने पर अपनी क्षमता से अधिक भार ना उठाये| अधिक भार उठाने के कारण मांसपेशियों पर दबाव अधिक पड़ता है, जिसके कारण कमर दर्द होने लगता है| ऐसे में क्षमता से अधिक वजन ना उठाये|

कमर दर्द का सामान्य उपचार (General Treatment of Back Pain in Hindi)

1. कमर दर्द होने पर आराम करे और फिजियोथेरेपी अपनाये|

2. एक नियमित जीवन शैली अपनाना कमर दर्द का सामान्य उपचार है|

3. कमर दर्द से बचने के लिए रोजाना 25 से 30 मिनट पैदल चले|

4. उल्टे होकर पेट के बल ना सोएं| हमेशा सीधे सोएं|

5. कमर दर्द अगर बढ़ रहा है, तो डॉक्टर की सलाह के अनुसार मांसपेशियों को आराम देने वाली दर्द निवारक दवाएं खाएं|

6. सोने के लिए अधिक मुलायम और अधिक सख्त गद्दे का इस्तेमाल ना करे|

7. सोने के लिए सर के नीचे साधारण तकिया लगाएं, अधिक ऊँचे तकिये का इस्तेमाल ना करे|

8. लम्बे समय तक बैठकर झुककर काम ना करे| अगर आपको ऐसा करना पड़ता है, तब एक उचित अवस्था का चुनाव करे|

9. अपने वजन को कण्ट्रोल में रखे, विशेष रूप से पेट के आस पास के हिस्से में चर्बी बढ़ने ना दे|

10. नियमित रूप से शारीरिक श्रम करते रहे| शारीरिक श्रम करने से मांसपेशियाँ लचीली और मजबूत होती है|

11. ऊँची एड़ी के जूते-चप्पल पहनने के कारण भी कमर दर्द का खतरा बढ़ता जा रहा है, ऐसे में इससे बचने और कमर दर्द होने पर ऊँची एड़ी के जूते-चप्पल ना पहने|

कमर दर्द का घरेलू इलाज (Back Pain Home Remedies in Hindi)

नमक – कमर दर्द के इलाज के लिए नमक का इस्तेमाल भी किया जा सकता है| दो से तीन चम्मच नमक को तवे पर डालकर सेक ले| अब इस नमक को किसी सूती कपडे में बांधकर, एक पोटली बना ले| अब इस पोटली से अपनी कमर की सिकाई करे| कमर दर्द से छुटकारा पाने का यह सबसे सस्ता और आसान घरेलू उपाय है|

मालिश – सरसों के तेल में लहसुन की तीन से चार कलियाँ डालकर पकाएं| अब इस तेल को ठंडा करके इस तेल से कमर की मालिश करे| यह तेल कमर दर्द के साथ साथ जोड़ो के दर्द से राहत प्रदान करने में भी उपयोगी है|

पौष्टिक आहार – हम कैसा आहार लेते है, इसका सीधा असर हमारी सेहत पर पड़ता है| ऐसा में अपने आहार में पौष्टिक चीजों को शामिल करना बहुत जरुरी है| अपने आहार में टमाटर, खीरा, ककड़ी, पालक, गाजर और चुकंदर जैसी पौष्टिक सब्जियों को शामिल करे|

सिकाई – एक बड़े बर्तन में पानी गर्म करे और इस पानी में नमक डाल दे| अब इस पानी में एक सूती तौलिया को डुबाएं और निचोड़ ले| अब कमर के बल लेट जाएँ और इस तौलिया से कमर को अच्छी तरह भाप दे|

बर्फ की सिकाई – बर्फ आसानी से हर घर में मौजूद है और इसकी सिकाई से आप कमर दर्द में आराम पा सकते है| कमर के जिस हिस्से में दर्द है, वहाँ पर बर्फ से सिकाई करे| इससे अंदुरुनी सूजन कम होगी और दर्द में भी आराम मिलेगा| बर्फ के सिकाई कुछ दिनों तक करने के बाद गर्म सिकाई करने से अच्छे परिणाम मिलेंगे|

मसाला चाय – चाय बनाते समय चाय में 5 पीसी लौंग, 5 कालीमिर्च के दाने और थोड़ा अदरक पाउडर डाले| इससे चाय कड़क हो जायेगी| यह चाय दिन में दो बार पीने से कमर दर्द में आराम मिलता है|

दालचीनी – कमर दर्द होने पर एक चम्मच शहद में 2 ग्राम दालचीनी पाउडर मिलाकर चाटे| कमर दर्द में यह घरेलू उपाय बहुत लाभकारी है| दालचीनी पाउडर आसानी से बाजार में मिल जाता है|

गूगुल – कमर दर्द में राहत पाने के लिए पुराने समय से गूगुल का इस्तेमाल किया जा रहा है| कमर दर्द होने पर रोजाना सुबह शाम गर्म पानी के साथ आधा चम्मच गूगुल पाउडर लेने से कमर दर्द में आराम मिलता है|

लहसुन – लहसुन कमर दर्द के इलाज में बहुत उपयोगी होती है| इसकी तासीर गर्म होती है, जो कमर दर्द के इलाज में कारगर है| अपने भोजन में लहसुन का सेवन करे| खाना बनाते समय लहसुन पाउडर का इस्तेमाल भी किया जा सकता है|

इस पोस्ट में हमने आपको कमर दर्द के बारे में विस्तार से बताया| कमर दर्द से जुडी ये पोस्ट आपको कैसी लगी, हमें कमेंट करके बताएं| कमेंट करने के लिए पोस्ट के निचे बने कमेंट बॉक्स में जाएँ| अगर आप कमर दर्द के बारे में कोई सवाल हमसे पूछना चाहते है, तो अपना सवाल पोस्ट के निचे बने कमेंट बॉक्स में फील करके हमसे पूछ सकते है|

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