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चिंता मुक्त दिमाग, शांत मन और स्वस्थ शरीर पाने के लिए रोज 10 मिनट करें शवासन – जाने फायदे और सही तरीका!

शवासन एक बहुत सरल लेकिन प्रभावी योग आसन है, आमतौर पर इसे योग अभ्यास के अंत में किया जाता है। इस आसन का अभ्यास अपने शरीर, दिमाग और आत्मा को आराम देने के लिए, अपनी कमर के बल सीधा लेट कर किया जाता है|

इस आसन में हमारा शरीर स्थिर स्थिति में रहता है और उसमे कोई हलचल नहीं होती जिससे ये मृत शरीर की तरह दिखता है, यही कारण है कि इस आसन को शवासन कहा जाता है। तनाव मुक्त मस्तिष्क, शांत मन और स्वस्थ शरीर पाने के लिए रोजाना 10 मिनट शवासन जरूर करें।

शवासन एक आसान और बेहतर योग आसन है और इसे करने से अनेकों स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं| आइये योग-निद्रा या शवासन के कुछ महत्वपूर्ण स्वास्थ्य लाभों को जानें।

शवासन अभ्यास से फायदे/लाभ (Savasana benefits in hindi):

शवासन ही एकमात्र ऐसा आसन है जिसे कोई भी, किसी भी समय और कैसे भी मूड (मनोभाव) के साथ, मन, शरीर और आत्मा के अधिकतम स्वास्थ्य लाभ के लिए कर सकता है।

शवासन अभ्यास द्वारा होने वाले स्वास्थ्य लाभों की एक सूची:
1. मानसिक तनाव, अवसाद, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और अनिद्रा के लिए यह आसन सर्वोत्तम है। इन मरीजों को नियमित रूप से शवासन करना चाहिए।

2. तंत्रिका तंत्र की थकावट, थकान और नकारात्मक सोच शवासन के अभ्यास से ठीक हो जाती है।

3. शवासन अभ्यास से शरीर, मन, मस्तिष्क और आत्मा को पूर्ण आराम, शक्ति, प्रेरणा और खुशी मिलती है।

4. शवासन के नियमित अभ्यास के साथ एकाग्रता शक्ति (Concentration Power) विकसित की जाती है।

5. अन्य योग आसनों के बीच शवासन का अभ्यास शरीर की थकान को बहुत ही कम समय में दूर कर देता है।

6. शवासन अभ्यास अपनी मांसपेशियों को आराम देता है।

7. यदि आप न्यूरोलॉजिकल समस्या, अस्थमा, कब्ज, मधुमेह, अपचन से पीड़ित हैं तो शवासन अभ्यास आपके लिए बहुत अच्छा है।

8. योग निद्रा आपको आराम की गहरी अवस्था में लाता है, यह आपको ऊतकों और कोशिकाओं की मरम्मत में और तनाव मुक्त करने में मदद करता है।

9. शवासन वात दोष (गैस्ट्रिक समस्याओं) के लिए बहुत अच्छा है, क्योंकि शवासन अभ्यास में शरीर जमीन के साथ छूता है जिससे हमारे पाचन तंत्र को आराम मिलता है।

यह जानना बहुत महत्वपूर्ण है कि घर पर शवासन को अधिकतम लाभ के लिए सही तरीके से कैसे करना है? शवासन अभ्यास को विस्तृत स्पष्टीकरण के साथ step by step जाननें के लिए आगे पढ़ें|

शवासन कैसे करें? – जानें विस्तृत और सही तरीका

चरण 1 (Step 1): जमीन पर योगा-मेट बिछाकर उस पर अपनी पीठ के बल सीधे लेट जाएँ। दोनों पैरों के बीच एक कदम की दूरी रखें और दोनों हाथों को जांघों से कुछ दूरी पर, हथेलियों को ऊपर की ओर करते हुए रखें।

चरण 2 (Step 2): आंखें बंद करें, गर्दन को सीधे रखें और पूरे शरीर को आराम से ढीला छोड़ दें। धीरे-धीरे चार से पांच गहरी सांस लें। अब, शरीर के प्रत्येक भाग को अपने मन के माध्यम से दृढ़ संकल्प के साथ देखें और महसूस करें कि प्रत्येक अंग आराम से और तनाव मुक्त स्थिति में है।

चरण 3 (Step 3): सबसे पहले बंद आँखों और मन के दृढ़ संकल्प के साथ, पैर के अंगूठे और उंगलियों को देखो, उन्हें पूरी तरह ढीला और तनाव मुक्त अनुभव करें। पैर की उंगलियों के बाद, एड़ियों को देखो और उनके तनाव मुक्त होने का अनुभव करें।

चरण 4 (Step 4): अब पिंडली की मांसपेशियों(Calf muscles) की कल्पना करें और सोचें कि मेरी पिंडली की मांसपेशियों बिल्कुल स्वस्थ, तनाव मुक्त और पूरी तरह से आराम की स्थिति में हैं, और पूरे शरीर में शांति और आराम को अनुभव करें|

जैसे-जैसे हम दुखों के बारे में सोचकर रोना शुरू करते हैं, कुछ पाने के विचार से प्रसन्न होते हैं, वैसे ही शरीर तनाव मुक्त और विश्राम के विचार से सम्पूर्ण शांति का अनुभव करना शुरू करता है।

चरण 5 (Step 5): पिंडली की मांसपेशियों(Calf muscles) के बाद, घुटनों की कल्पना करें और अनुभव करें कि वे स्वस्थ हैं, तनाव मुक्त और पूरी तरह से आराम में हैं। मन में अपनी जांघों को देखो और उन्हें संपूर्ण आराम और तनाव मुक्त स्थिति में अनुभव करें।

चरण 6 (Step 6): अब जांघ के बाद धीरे-धीरे शरीर के ऊपरी हिस्सों जैसे कि कमर, पेट और पीठ को देखते हैं। उन्हें आराम की स्थिति में देखें, स्वस्थ और तनाव मुक्त अनुभव करें और उन्हें बिलकुल ढीला छोड़ दें|

चरण 7 (Step 7): अब आराम से मन को दिल पर केंद्रित करते हैं, और दिल की धड़कन सुनने की कोशिश करें। दिल को महसूस करते हुए सोचें कि मेरा दिल बिल्कुल स्वस्थ है, तनाव मुक्त है और मेरे दिल में कोई विकार या बीमारी नहीं है।

चरण 8 (Step 8): अब फेफड़ों और दिल को आराम देंने के बाद, कंधों को कल्पना करें और उन्हें तनाव मुक्त और सम्पूर्ण आनंद की स्थिति में अनुभव करें। फिर, एक-एक करके हधेलियाँ, कोहनी, कलाई, उंगलियों और यहां तक कि दोनों हाथों के अंगूठे को कल्पना करें और उन्हें तनाव मुक्त, ढीला और सम्पूर्ण आराम की इस्थिति में अनुभव करें।

चरण 9 (Step 9): अब अपने चेहरे की कल्पना करें और सोचें कि मेरे चेहरे पर किसी भी चिंता, तनाव या निराशा के कारण कोई नकारात्मक भावना नहीं है। मेरे चेहरे पर खुशी, आनंद, आशा और शांति की दिव्य भावना है। अनुभव करें की मेरी आंखें, नाक और मेरे चेहरे पर असीमित खुशी और तेज है।

अब तक हमने अपने पूरे शरीर को हमारे दिमाग के दिव्य संकल्प के माध्यम से पूर्ण रूप से आराम प्रदान किया है। अब हमें अपने दिमाग को आराम देना है, जिसके लिए हमें इसे अपने विचारों से परे दिव्य शांति की तरफ ले जाना होगा|

चरण 10 (Step 10): इसके लिए हमें आत्मा की आश्रय लेनी होगी। सोचो कि मेरी आत्मा दिव्य बच्चे की तराह है, जो शुद्धता, बुद्धिमता, शांति, आनंद, ज्ञान के गुण रखती है। मैं हमेशा पूर्ण और अमर हूँ। मुझे किसी चीज की कमी नहीं है, और वास्तव में मैं हमेशा भावनाओं, त्याग और भक्ति से भरा हूँ। मैं उस परमात्मा का हिस्सा हूँ जो अस्तित्व, चेतना और परम सुखी है।

मैं भगवान का दिव्य पुत्र हूँ। मैं प्रकृति, शरीर, इंद्रियों और दिमाग के बंधन से मुक्त हूँ। मेरा असली आश्रय मेरे भगवान हैं। भौतिकवादी समृद्धि(materialistic prosperity) में वृद्धि या कमी मुझे एक पापी, गरीब, अनाथ, नेता तथा राजा नहीं बनाती है। मैं हमेशा पूर्ण सद्भाव में रहता हूं। सभी परिवर्तन जो हो रहे हैं वे दुनिया के गुण हैं, न कि मेरी आत्मा के।

इस तरह आत्मा की दिव्यता के बारे में सोचें और नकारात्मक सोच को हटा दें, क्योंकि नकारात्मक सोच एक व्यक्ति को उदास, चिंतित और तनाव ग्रस्थ बना देती है। नकारात्मक सोच एक व्यक्ति को उदासी और दुःख के सागर में हमेशा के लिए डूबा सकती है।

सकारात्मक सोच किसी व्यक्ति को प्रतिकूल पस्थितियों में भी हमेशा खुश, संतुलित और हंसमुख रहने में मदद करती है। इस कारण से, व्यक्ति की न केवल योग-निद्रा या शवासन के समय सकारात्मक सोच होनी चाहिए बल्कि हमेशा ही सकारात्मक सोच रखें।

इस तरह, अच्छे से आत्मा के बारे में सोचते हुए हमने दिमाग को आराम दिया है और अब हम अपनी आत्मा को आराम देने के लिए भगवान के दिव्य रूप के बारे में विचार करेंगे|

चरण 11 (Step 11): सोचो कि आपकी आत्मा शरीर से बाहर आ गई है और वह शरीर के ऊपर आकाश में तैर रही है और आप अपने शरीर को मृत शरीर की तरह जमीन पे पड़ा हुआ देख रहे हैं|

यही कारण है कि इस आसन को शवासन कहा जाता है। अब अपनी सचेत आत्मा को ईश्वर को समर्पित करें जो की सर्व शक्तिमान, असीमित और सर्वव्यापी है। कल्पना कीजिए कि आपकी आत्मा को सभी तरफ से भगवान का दिव्य दर्शन हो रहा है और जिससे आपको आनंद मिल रहा है।
सोचो कि आप खूबसूरत फूलों की घाटी में हैं, और पूरा वातावरण विभिन्न प्रकार के फूलों की सुगंध से भरा है, जो मन को प्रसन्न करता है। चारों ओर एक तरह की दिव्यता है।

भगवान की दिव्यता और विशालता के अनूठे आनंद का अनुभव करने के बाद, आप शरीर में फिर से उपस्थित होने को महसूस करें। कल्पना कीजिए कि आप योग-निद्रा के बाद शरीर में लौट आए हैं।

चरण 12 (Step 12): 2-3 गहरी सांसो के साथ आप अपने शरीर में नई उर्जा और चेतना का संचार महसूस कर सकते हैं। अब अपने आप को स्वस्थ, खुश, आराम में और हंसमुख होने का अनुभव करें और आप अपने शरीर को उर्जा से भरा , बीमारी मुक्त, दिव्य चेतना और आनंद में अनुभव करें।

आप अनुभव करें की आपके शरीर से तनाव गायब हो चूका है और आपका शरीर दर्द और रोग मुक्त हो चूका है, इन विचारों के साथ आपको शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ होने का अनुभव करना चाहिए। शवासन के निरंतर अभ्यास से आप अपने शरीर में चमत्कारिक फायदे महसूस कर सकते हैं|

चरण 13 (Step 13): अंत में, अपने दोनों हाथों की हथेलियों को रगड़ते हुए अपनी आँखों पे रखें और फिर धीरे-धीरे आंखें खोलते हैं।

यह योग-निद्रा और शवासन का सम्पूर्ण तरीका है। यदि आप सोने में असमर्थ हैं, तो बिस्तर पर जाने से पहले शवासन का अभ्यास करें और शरीर को आराम दें तथा तनाव मुक्त महसूस करें| ऐसा करने से अच्छी नींद आएगी|

शवासन अभ्यास कितने समय तक करना चाहिए?

दैनिक योग अभ्यास करते समय, यह आसन हर मुश्किल आसन के बाद किया जाना चाहिए। योग अभ्यास के अंत में यह आसन 5 से 10 मिनट के लिए किया जाना चाहिए।

सामान्य परिस्थितियों में तनाव मुक्त मन और रोग मुक्त स्वस्थ शरीर पाने के लिए शाम को डिनर से पहले रोजाना 10 मिनट के लिए शवासन जरूर करें। शरीर की थकावट मिटाने तथा शरीर को आराम देने के लिए 10 मिनट के लिए शवासन अभ्यास अकेले भी किया जा सकता है।

शवासन योग अभ्यास करते समय सावधानियां:

वैसे तो शवासन सभी के लिए बहुत ही सुरक्षित आसन है, लेकिन अधिक लाभ के लिए शवासन अभ्यास करते समय इन बातों को ध्यान में रखें।
1. शवासन करते समय अपने शरीर को हिलाने से बचें।

2. शवासन का अभ्यास करते समय 10 मिनट के लिए आप अनचाहे विचारों को रोकने की कोशिश करें, आप इसे रोकने के लिए निर्देशित शवासन वीडियो/ऑडियो की मदद ले सकते हैं।

3. मुलायम गद्दे पर शवासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए या इसे समतल सतह पर योगा-मेट बिछाकर अभ्यास करें।

4. ज्यादा शोरगुल या अशांत वातावरण में इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए, शवासन शांत और एकांत जगह पर करें।

निष्कर्ष:

शवासन एक अद्भुत योग आसन है, इसके निरंतर अभ्यास से ज्यादा मेहनत करे बिना आपको अनेकों फायदे प्राप्त होते हैं| यदि आप मानसिक और शारीरिक तनाव से पीड़ित हैं तो इसे दैनिक 5-10 मिनट के लिए जरूर करें।

योग निद्रा का रोज़ाना अभ्यास करके आप अपने कार्यालय, स्कूल या घर से उत्पन्न तनाव को आसानी से दूर कर सकते हैं। शवासन योग हर किसी के लिए अच्छा है और आप इसे घर पर अकेले भी अभ्यास कर सकते हैं।

मुझे आशा है कि, अब आप सीख गए होंगे की शवासन घर पर कैसे करें? यदि आपको अभी भी शवासन अभ्यास से संबंधित कोई भी समस्या या परेशानी का सामना करना पड़ रहा है या दिमाग में कोई भी सवाल आ रहा है, तो आप मुझ से कमेंट बॉक्स में लिख कर पूंछ सकते हैं|

यदि आपको इस पोस्ट को पढ़ने में आनंद आया तो अपने दोस्तों और परिवार के साथ साझा करना न भूलें।

स्वस्थ और खुश रहने के लिए रोजाना योग आसन का अभ्यास करें| धन्यवाद्!

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