सरकार को ही ब्लैक मेल करती है भारत की सीमेंट निर्माता कंपनियां। गडकरी ने आवश्यक वस्तु अधिनियम में कार्यवाही करने के लिए चेताया।
19 जुलाई को केन्द्रीय सड़क मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में दो टूक शब्दों में कहा कि देश की सीमेंट निर्माता कंपनियां सरकार को ही ब्लैक मेल करने से नहीं चूकती हैं। अब ऐसी कंपनियों के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी। इस संबंध में उन्होंने केन्द्रीय खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री राम विलास पासवान से भी बात की जाए। 19 जुलाई को लोकसभा में राष्ट्रीय राजमार्गों से जुड़े सवालांे का जवाब देते हुए गडकरी ने माना कि सीमेंट के दाम बढ़ जाने से राजमार्गों की लागत भी बढ़ जाती है। गडकरी ने कहा कि यदि तेल के दाम बढ़ते हैं तो सीमेंट के दाम बढ़ने पर कोई ऐतराज नहीं हैं, लेकिन सीमेंट कंपनियां अपनी मर्जी से दाम बढ़ा देती हैं। देश के किसी राज्य में 272 रुपए तो कहीं पर 325 रुपए प्रति कट्टा सीमेंट मिलती है। आज देश के कुल उत्पादन का 40 प्रतिशत सीमेंट सड़कों के निर्माण में काम आ रहा है। चूंकि सीमेंट की सड़क की उम्र 160 वर्ष होती है, इसलिए मैं चाहता हंू कि नए राजमार्ग सीमेंट से ही बने। लेकिन यदि कंपनियां अपनी ब्लैकमेलिंग की हरकतों से बाज नहीं आएंगी तो डामर की ही सड़क बनाई जाएगी। सरकार किसी भी स्थिति में कंपनियों की ब्लैकमेलिंग स्वीकार नहीं करेगी।
राजस्थान में वसुंधरा मेहरबानः
नितिन गडकरी जहां सीमेंट निर्माता कंपनियों को ब्लैकमेलर बता रहे हैं वहीं राजस्थान में वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार सीमेंट कंपनियों पर मेहरबान है। 18 जुलाई को ही सरकार ने एक फैसला लेकर राजस्थान की प्रमुख सीमेंट निर्माता कंपनियों को नए प्लांट लगाने पर अनेक प्रकार की छूट दी है। इस छूट में बिजली के बिल में रियायत है, वहीं टैक्स में भी छूट दी गई है।
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