Krishna Janmashtami Kavita दोस्तों आज हम आपके साथ कृष्ण जन्माष्टमी पर लिखी गई सर्वश्रेष्ठ कविताएं शेयर करने जा रहे है. Poems on Krishna Janmashtami in Hindi बहुत ही अच्छे लेखकों द्वारा लिखी गई है. कृष्ण जन्माष्टमी पर लिखी गई यह कविताएं सभी कक्षा और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए कविता लिखने में सहायक होंगी.
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दोस्तों हमने कृष्ण जन्माष्टमी के त्यौहार पर भगवान कृष्ण पर कविताएं लिखी हैं उन कविताओं के माध्यम से हमने कृष्ण के जन्म से लेकर उनकी लीलाओं का वर्णन किया है. हम भी है कविताएं सरल शब्दों में लिखने का प्रयास किया है जिससे छोटे बड़े सभी व्यक्ति इन कविताओं को आसानी से समझ पाए. और आप सभी को कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं.
Top 5 Krishna Janmashtami Kavita
जब तुम्हारा जन्म हुआ,
बिजली ने कड़क कर रोशनी दिखाई ।
बादलों ने बरस कर फूल बरसाए,
बोलो हर हर मुरारी ।।
आंधियों में भी किया स्वागत तुम्हारा,
तूफानों ने रुख मोड़ लिया ।
बादलों ने अलग धुन बजाई,
तब जन्म हुआ तुम्हारा
बोलो हर हर मुरारी ।।
धरती पर जब तुमने नया अवतार लिया,
सब ताले टूट गए ।
जब जन्म हुआ तुम्हारा,
बोलो हर हर मुरारी ।।
मां देवकी की कोख का अभिमान हो तुम,
मां यशोदा की जान हो तुम ।
ब्रज की शान हो तुम,
नाम अनेक लेकिन एक हो तुम ।।
मजधार में फंसे नाविक की पतवार हो तुम,
कंस को मारने वाले वीर हो तुम ।
कालिया नाग को धूल चटाने वाले,
हे कृष्ण मुरारी, जय जयकार हो तुम्हारी ।।
बोलो हर हर मुरारी
– नरेंद्र वर्मा
Banke Bihari Kavita
बांके बिहारी ब्रज त्रिपुरारी ब्रह्माण्ड मुरारी आयेंगे
गर दिल कभी लगे भटकने अम्बरीष अवनि छायेंगे ।
गोकुल कदम्ब की डाली छवि दर्पण साज सजायेंगे
बांके बिहारी ब्रज त्रिपुरारी ब्रह्माण्ड मुरारी आयेंगे ।।
तान निराली वंशी धुन में मुरलीधर राग सुनायेंगे
दूध मलाई माखन मिसरी कंहैया जी भोग लगायेंगे ।
द्रोपदी की लाज बचाने कृष्ण कन्हैया जी आयेंगे
बांके बिहारी ब्रज त्रिपुरारी ब्रह्माण्ड मुरारी आयेंगे ।।
सुदामा से प्रेम निभाने नन्द जी के धर पर आयेंगे
अर्जुन का सारथी बनकर मित्रता संकल्प दिखाएँगे ।
आलस्य त्याग का पाठ पढ़ाने जन्मास्टमी आयेगी
बांके बिहारी ब्रज त्रिपुरारी ब्रह्माण्ड मुरारी आयेंगे ।।
– सुख मंगल सिंह
Hum Sab Ko Pyara Krishna Hamara Kavita
ब्रज का है तू वासी,
मनमोहन नाम तुम्हारा ।
मां यशोदा का दुलारा,
हम सबको प्यारा कृष्णा हमारा ।।
माखन चोर तू कहलाता है,
नटखट अदाओं से सबका दिल जीत लेता ।
बांसुरी बजा सबका मन मोह लेता,
हम सबका प्यारा कृष्णा हमारा ।।
आंखे तेरी समुंदर से भी गहरी,
तेरी मूर्त सबको प्यारी ।
तीनो लोक का राजा कहलाता,
हम सबका प्यारा कृष्णा हमारा ।।
तेरी सांवली सूरत सबको भाती,
एक नजर में दिल में बस जाता ।
तेरी मुस्कान सबका मन मोह लेती,
हम सबका प्यारा कृष्णा हमारा ।।
तू सबसे बड़ा दानवीर कहलाता,
मित्रता तेरी सबसे निराली ।
गोवर्धन पर्वत को उठा कर सब की जान बचाई,
हम सबका प्यारा कृष्णा हमारा ।।
– नरेंद्र वर्मा
O Krishna Murari Poem in Hindi
बाल घुंघराले तुम्हारे,
सर पर ताज निराला ।
मनमोहक मुस्कान तुम्हारी,
ओ कृष्ण मुरारी ।।
नटखट तुम, नखराले तुम,
न्याय प्रिय तुम, वरदानी तुम ।
भटके हुए को राह दिखाने वाले,
ओ मेरे प्यारे कृष्ण मुरारी ।।
जब बजाते हो तुम बंसी,
तब झूम उठता है धरा का हर एक वासी ।
तुम नटखट हो लेकिन प्यार का समंदर हो,
ओ मेरे प्यारे कृष्ण मुरारी ।।
जीवन की डोर तुम्हारे हाथों में,
पल भर में बनाते हो रंक से राजा ।
खुशियों की बौछार हो तुम,
ओ मेरे प्यारे कृष्ण मुरारी ।।
सबसे बड़े दानी हो तुम,
तीनो लोक के राजा हो तुम ।
सबसे बड़े ज्ञानी हो तुम,
ओ मेरे प्यारे कृष्ण मुरारी ।।
– नरेंद्र वर्मा
Bal Gopala Krishna Janmashtami Kavita
जब तुम बजाते हो बंसी,
बहती है राग की रसधारा ।
जग झूम उठता है,
ओ मेरे बाल गोपाला ।।
सांवला है रूप तुम्हारा,
देखो तो नजर नहीं हटती ।
बस आंखों के आगे हर दम तस्वीर तुम्हारी,
ओ मेरे बाल गोपाला ।।
माखन चुराने की कला निराली,
मुकुट पर मोर पंख निराला ।
तू सब का है दुलारा,
ओ मेरे बाल गोपाला ।।
धन्य है देवकी मां जिसने तुम्हें जन्म दिया है,
धन्य है यशोदा मां जिसने तुम्हें पाला ।
अजब लीला है तुम्हारी,
ओ मेरे बाल गोपाला ।।
कण-कण में तुम बसे हो,
सबके दिल की धड़कन हो तुम ।
आंखों का तारा हो तुम,
ओ मेरे बाल गोपाला ।।
– नरेंद्र वर्मा
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