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नसीबों पर नहीं चलते, नज़ीरों पर नहीं चलते - कमलेश भट्ट कमल

नसीबों पर नहीं चलते, नज़ीरों पर नहीं चलते जो सचमुच में बड़े हैं वो, लकीरों पर नहीं चलते। नियम, कानून जितने हैं, गरीबों के लिए ही हैं नियम-कानून भी अक्सर, अमीरों पर नहीं चलते। चलेंगे हिंदुओं पर भी, चलेंगे मुस्लिमों पर भी जो मज़हब के शिकंजे हैं, कबीरों पर नहीं चलते। समंदर ने बनाए हैं जज़ीरे अपने सीने पर समंदर के नियम लेकिन जज़ीरों पर नहीं चलते। कोई जादू हो दौलत का, कोई टोना हो शोहरत का ये



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