मुंबई| बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को BEST के बस कर्मचारियों की हड़ताल को खत्म करने का आदेश दिया है| इससे बेस्ट कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है| बुधवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक घंटे के भीतर कर्मचारियों को हड़ताल खत्म करने को कहा| इससे पहले मंगलवार रात तक बेस्टकर्मियों ने बॉम्बे हाई कोर्ट का निर्देश मानने से इनकार कर दिया थे।मुंबई की लाइफलाइन मानी जानी वाली बंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (बेस्ट) के 20,000 से अधिक कर्मचारी पिछले 9 दिनों से हड़ताल पर हैं|
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हड़ताल की वजह से यात्रियों को करना पड़ा परेशानियों का सामना:
इस हड़ताल के चलते यात्रियों को एक जगह से दूसरी जगह पर जाने के लिए खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है| लाखों यात्रियों को ऑटोरिक्शा, टैक्सी का सहारा लेना पड़ रहा है| और इतनी बड़ी संख्या में सेवा में लगाई गई निजी बसें यात्रियों को सेवा देने के लिए पर्याप्त नहीं साबित हो रही है। कुछ परेशान यात्रियों ने महाराष्ट्र सरकार से विरोध प्रदर्शन को समाप्त करने के लिए आवश्यक कदम उठाने की अपील की थी ।यह दशक का बेस्ट का सबसे लंबा चलने वाला चलने वाली हड़ताल है इसके पहले 1997में बेस्ट की हड़ताल 3 दिन तक चली थी । बेस्ट, दक्षिण मुंबई में विद्युत आपूर्ति करती है और मुंबई, ठाणे और रायगढ़ में यात्रियों को सार्वजनिक बस सेवाएं मुहैया कराती है| मुंबई में लोकल ट्रेनों के बाद बेस्ट बस यातायात का दूसरा सबसे बड़ा साधन है| बेस्ट की बसों में हर दिन 80 लाख से अधिक यात्री सवार होते हैं|
BEST के बस कर्मचारियों की हड़ताल आठ जनवरी से चल रही है:
कर्मचारियों की मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल आठ जनवरी से चल रही है. इन मांगों में घाटे में चल रही बेस्ट को बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के साथ विलय, सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने समेत अन्य दूसरी मांगें शामिल हैं| कल बेस्ट ने अदालत को बताया था कि वह अपने कर्मचारियों को अंतरिम वेतन वृद्धि देने पर राज्य सरकार की उच्चाधिकार प्राप्त समिति द्वारा सुझाए गए कदमों को लागू करना चाहता है| मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने सिफारिश की कि हड़ताल बंद करने के लिए अंतरिम राहत के तौर पर समयबद्ध तरीके से करीब 15,000 कर्मचारियों के लिए वेतन में ‘10 चरण की वृद्धि’ दी जाए| बेस्ट कामगार संयुक्त कृति समिति ने हाई कोर्ट में दिए गए बेस्ट प्रशासन के प्रस्ताव की तीखी आलोचना की थी। समिति के अध्यक्ष शशांक राव ने आरोप लगाया कि इसके पीछे कर्मचारियों को कटौती करने और बेस्ट के निजीकरण का छिपा अजेंडा है। बेस्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार इस मांग पर गंभीरता से विचार कर रही है। एक अधिकारी ने कहा, “उच्चाधिकार प्राप्त समिति दोनों बजटों का विलय करने पर गंभीरता से विचार कर रही है। इस पर जल्द ही फैसला लिया जा सकता है।”
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