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अब अवैध मोबाइल टावरों पर कसेगा शिकंजा

लखनऊ । शहर में अवैध रूप से बनी इमारतों पर लगाए गए मोबाइल टॉवर हटाए जाएंगे। मानचित्र के विपरीत अथवा बिना मानचित्र बने भवनों की छतों पर बड़ी संख्या में मोबाइल टावर लगाए गए हैं। एलडीए के विहित न्यायालय ट्रांस गोमती विहित प्राधिकारी ने मंगलवार को एक सुनवाई में यह आदेश दिया है।

सेलुलर टॉवर की वैधानिकता पर दिए निर्णय में विहित प्राधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने कहा कि वैध मानचित्र से इतर या उल्लंघन से निर्मित भवनों पर लगे रुफ टॉप टावर(आरटीटी टॉवर) भी अनाधिकृत निर्माण की श्रेणी में आएंगे। उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम की धारा 27 व 28 के तहत इन पर भी कार्रवाई की जाएगी।

मंगलवार को एलडीए के विहित प्राधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने सेलुलर टॉवर की वैधानिकता पर निर्णय देते हुए कहा कि ग्राउंड बेस्ड टावर(जीबीटी) तथा वैध मानचित्र भवन पर आरटीटी टॉवर वर्ष 1998 के नोटिफिकेशन से पूरी हैं तो वह वैध हैं। वहीं, इससे उलट वैध मानचित्र से इतर या उल्लंघन से निर्मित भवनों पर लगे आरटीटी टॉवर अवैध माने जाएंगे।

प्राधिकरण के सभी अधिशासी अभियंताओं को आदेश भेजते हुए निर्देश दिए हैं कि नए टॉवर के आवेदनों में इसका ध्यान रखा जाए। बताया कि आरटीजी के लिए बिना भवन का शमन मानचित्र स्वीकृत हुए स्वीकार्य नहीं किए जाएंगे। अनाधिकृत बने भवनों पर स्थापित टावर स्ट्रक्र्चस के लिए शमन करवाने के बाद ही छूट प्रभावी होगी। ऊंची इमारतों पर टेलीकॉम कंपनियों के मोबाइल टावर स्थापित करने के कोई नियम नहीं हैं।

अपार्टमेंट अथवा काम्प्लेक्स बनाने के बाद उस पर मोबाइल टावर लगा दिए गए हैं। यही नहीं रिहायशी इलाकों में भी बिना मानचित्र के बने भवनों की छतों पर लगे टावर आंधी-तूफान में गिरने का खतरा बने रहते हैं। जानकारी के अनुसार, शहर में 4000 मोबाइल टावर लगे हैं। इनमें 25 प्रतिशत टावर ही वैध हैं। शेष 3000 टावर मानकों के विपरीत लगाए गए हैं। ऊंची-ऊंची इमारतों में लगे मोबाइल टावर बिना एलडीए की एनओसी के स्थापित किए गए हैं।

दो अवैध निर्माण होंगे ध्वस्त
विहित न्यायालय में दो अवैध निर्माणों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के आदेश दिए गए। संयुक्त सचिव ने बताया सचिन यादव, विजय नगर चौराहे के पास, भैंसोरा गोमती नगर विस्तार व उषा प्रभाकर, 1/191, वास्तु खंड गोमती नगर के ध्वस्तीकरण के आदेश दिए। साथ ही, मुश्ताक अली, 4/757 विभव खंड, गोमती नगर की सील करने का आदेश दिया गया है। इसके अलावा गोमती नगर में सेक्टर 3/339 पर बने व्यावसायिक निर्माण को ढहाने के आदेश पूर्व में दिए गए हैं। यहां पर रेस्टोरेंट अवैध निर्माण कर चलाया जा रहा है।

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