आज बसन्त पंचमी है -सरस्वती पूजन का दिन है । या कुन्देन्दु तुषार हार धवला या शुभ्र वस्त्रावृता या वीणा वर दण्ड मण्डित करा या श्वेत पद्मासना या ब्र्ह्माच्युत् शंकर प्रभृतिभि देवै: सदा वन्दिता सा माम् पातु सरस्वती भगवती नि:शेष जाड्यापहा क्षमा करें माँ ! क्षमा इस लिए मां कि उपरोक्त श्लोक के लिए ’गुगलियाना’ पड़ा [यानी ’गूगल’ से लाना पड़ा] छात्रावस्था में यह ’श्लोक’ मुझे कंठस्थ
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