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एक लघु कथा : इन्सानियत का बन्दा

" तुम ’राम’ को मानते हो ?-एक सिरफिरे ने पूछा -"नहीं"- मैने कहा उसने मुझे गोली मार दी क्योकि मै उसकी सोच का हमसफ़ीर नहीं था और उसे स्वर्ग चाहिए था "तुम ’रहीम’  को मानते हो ?"-दूसरे सिरफिरे ने पूछा -"नही"- मैने कहा उसने मुझे गोली मार दी क्योंकि मैं काफ़िर था और उसे जन्नत चाहिए थी। " तुम ’इन्सान’ को मानते हो"- दोनो सिरफिरों ने पूछा -हाँ- मैने कहा फिर दोनों ने बारी बारी से मुझे गोली मार दी क्योंकि

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एक लघु कथा : इन्सानियत का बन्दा

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