दिल्ली की घटना बहुत आहत करने वाली थी। रूह काँप उठी सुनकर। दिल किया आज ही दिल्ली की ट्रेन पकड़ कर तिहाड़ चलूँ और 6 की 6 गोलियां उन हरामियों के सीने में धंसा आऊं। मगर याद आया की भारत का एक ज़िम्मेदार नागरिक हूँ। कानून तोडना या हाथ में लेना गैर क़ानूनी है। आत्मा और बुद्धि की जंग में उलझ कर रह गया। सोचा करूँ तो क्या करूँ? कानून तोड़ नहीं सकता और विरोध करूँ तो कैसे?
ये प्रश्न शायद आपके मन में आया होगा। आईये आप और हम भारत देश के ज़िम्मेदार नागरिक होने का फ़र्ज़ निभाएं और कल 2 बजे कारगिल चौक , गाँधी मैदान पहुँच कर हमारे "SIGN PETITION CAMPAIGN" का साथ दें जिसे हम पहुंचा रहे हैं भारत गणराज्य के "CHIEF JUSTICE- SUPREME COURT" को।
शायद आपका एक SIGNATURE बुनियाद बने उस कानून का, जो ढाल बने उन लाखों जिंदगियों का, जो महफूज़ रखे हमारी आधी आबादी को, जिसकी रक्षा के लिए हम साल दर साल वचन लेते हैं।
जय हिन्द।
समय :- 2 बजे दिन।
स्थान :- कारगिल चौक , गाँधी मैदान।