SEO kya hota hai | what is SEO explain in hindi
दोस्तों आज हम आप लोगो को बताएँगे की SEO kya hota hai यदि आप एक website के owner है.आप blogger है तो आप को SEO के बारे में जानना बहुत ही जरुरी है. सिर्फ आर्टिकल लिख कर अपने blog पर पोस्ट कर देना ही पर्याप्त नहीं होता है|हर रोज लाखो blog बनाते है कुछ दिन लोग उसे चलते है|फिर ट्रैफिक नहीं होने के कारण लोग निराश होकर website या blog को बंद कर देते है|
लेकिन यदि आपका blog पर ट्रैफिक नहीं आ रही है, तो आपको अपने आर्टिकल का analysis करने की जरुरत है.
यदि आप अपने ब्लॉग पोस्ट का seo नहीं करते है तो आप चाहे कितनी भी बढ़िया पोस्ट लिख ले. उस पर सर्च इंजन से traffic नहीं आ सकती है.
जब तक सर्च इंजन से ट्रैफिक नहीं आएगी तब तक आप पाने ब्लॉग से पैसे नहीं कम सकते है.
आजकल के blogger ब्लॉग से पैसे कमाने को ही प्रोफेशनल blogging कहते है.
तो यदि आपकी सोच प्रोफेशनल blogging की है तो अप सबसे पहले SEO यानि की सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन की जानकारी पूरी तरह से कर ले.
आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से आप लोगो को बताएँगे की SEO kya hota hai. तो चलिए शुरू करते है|
सबसे पहले हम यह जान ले की SEO क्या होता है.
” जब हम अपने ब्लॉग पोस्ट या ब्लॉग को इस तरह से optimize कर दे , की वह किसी ब्यक्ति के द्वारा सर्च इंजन में खोजे जाने पर दिखाई दे और वहा से ट्रैफिक आपके ब्लॉग पर आने लगे तो उसे ही search engine optimization कहते है. “
जब हम कोई लेख अपने website या ब्लॉग के लिए लिखते है तो और publish कर देते है तो उसके बाद हम उसे विभिन्न search engine में submit करना शुरू करते है|
submit करने के बाद हमारा लेख कुछ घंटे या एक दिन search result के पहले या दुसरे पेज पर दिखाई देता है|
लेकिन उसके बाद वह अपने position से गिरते हुए इतना निचे चला जाता है की वह search engine में रहे या न रहे उससे ट्रैफिक नहीं आएगी| जिससे सभी blogger को निराशा होने लगाती है| लेकिन यदि आपको SEO या search engine optimization ज्ञान हो तो आप उसका इस्तेमाल कर के आप अपने लेख को optimize कर देंगे.
जिससे आपका लेख या पोस्ट जो भी है वह किसी भी search engine के पहले या दुसरे पेज में आ जायेगा| SEO एक ऐसी Technic है जिसके द्वारा हम अपने लेख को search engine के top रैंकिंग में पंहुचा सकते है|
SEO के प्रकार
सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन दो प्रकार से किया से किया जाता है.
- On-Page SEO
- Off Page SEO
On Page SEO kya hota hai
किसी ब्लॉग पोस्ट को ऐसे लिखना कि जो किसी विशेष शब्द को सर्च इंजन में सर्च करने पर आपके ब्लॉग पोस्ट को सर्च इंजन रिजल्ट पेज SERP में दिखा दे तो इसे ही On page SEO कहते है.
लेकिन इसका मतलब यह नहीं है की आप सर्च इंजन के लिए ही अपने ब्लॉग पोस्ट को लिखे ब्लॉग पोस्ट ऐसा होना चाहिए जिसे सर्च इंजन पसंद करे और विजिटर जो चाहता है उसे वह मिल जाये.
कहने का मतलब यह है की आप पाने ब्लॉग पोस्ट में जिस टॉपिक को उठाये है उसे पूरी तरह से समझाए और इस तरह से बयते की विजिटर confuse न हो.
चलिये अब हुम आपको बताते है की ब्लॉग पोस्ट को कैसे लिखे जिससे विजिटर और सर्च इंजन दोनों खुश रहे.
On page SEO factor
1- Title
जब भी कोई विजिटर सर्च इंजन में कोई टॉपिक को सर्च करता है तो वह सर्च रिजल्ट में सबसे पहले ब्लॉग पोस्ट के title को ही देखता है.
इसलिए title को कभी ऐसे लिखे जो उस ब्लॉग पोस्ट के टॉपिक को explain करती हो. और वह 55 से 70 characters के बिच ही रहे.
क्या आप जानते है की blog post का title कैसे लिखे
title के शुरू में ही अपने keyword का इस्तेमाल जरुर करें. और title में keyword एक से दो ही बार इस्तेमाल होना चाहिए.
जैसे – SEO kya hota hai | what is SEO explain in hindi – Good title
SEO kya hota hai, Blog ke liye SEO kaise kare, SEO ki poori jankari hindi me – Bad Title
2- Meta Description
meta description का इस्तेमाल करके हम सर्च इंजन को यह बताते है की हमारा ब्लॉग पोस्ट में किस टॉपिक को कैसे explain किया गया है.
meta description को 160 characters से ज्यादा नहीं रखना चाहिए क्योकि सर्च इंजन इससे ज्यादा डिस्क्रिप्शन को रीड नहीं करता है.
क्या आप जानते है की meta description कैसे लिखे
यदि आप अपने ब्लॉग पोस्ट में meta डिस्क्रिप्शन को नहीं देते है तो अब सर्च इंजन खुद ही आपके ब्लॉग पोस्ट से कुछ पैराग्राफ को meta डिस्क्रिप्शन के लिये use कर लेता है.
3- Keyword
- सबसे पहले आप keyword का इस्तेमाल अपने first पैराग्राफ के 150 characters में जरुर करे.
- ब्लॉग पोस्ट के लास्ट पैराग्राफ में भी अपने keyword का इस्तेमाल करें.
- ब्लॉग पोस्ट के heading में भी अपने keyword का use करे.
- और आपके ब्लॉग पोस्ट में आपका keyword density 1.7% से ज्यादा न हो.
4- Paragraph length
ब्लॉग पोस्ट लिखते समय इस बात का जरुर ध्यान दे की जो भी पैराग्राफ लिखे वह 250 वर्ड्स से ज्यादा ना हो.
पैराग्राफ को बहुत ही लम्बा नहीं लिखना चाहिए. क्योकि अक्सर विजिटर तेज़ी से आपके ब्लॉग पोस्ट को स्कैन करते है और उसमे अपने प्रश्न का जवाब खोजते है.
ऐसे में यदि पैराग्राफ ज्यादा लम्बा रहेगा तो आपके ब्लॉग को छोड़ कर bounce कर जायेंगे. और आपके ब्लॉग का bounce rate बढ़ जायेगा.
5- SEO in Blog Post URL
- आप कोशिस करे की आपके ब्लॉग पोस्ट का यूआरएल छोटा हो. और विजिटर को याद हो जाने वाल हो.
- ब्लॉग पोस्ट के यूआरएल में भी keyword का use जरुर करना चाहिए.
- यूआरएल में प्रत्येक word के बिच “-” का use करना चाहिए. खाली स्थान का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
जैसे- http://www.achiseekh.com/2017/05/seo-kya-hota-hai-search-engine.html – Good URL
http://www.achiseekh.com/2017/05/seo kya hota hai.html – BAD URL
6- Headings
ब्लॉग पोस्ट को लिखते समय इस बात का जरुर ध्यान दे की आप heading tag जैसे H1, H2, H3, H4,H5आदि को इनके सिक्वेंस में ही लिखे.
जैसे की H1 केर बाद ही h2 और इसके बाद ही H3 का इस्तेमाल करे.
गलत सिक्वेंस में इसका use आपके ब्लॉग पोस्ट पर गलत seo इफ़ेक्ट डालता है.
7- post length
पोस्ट की लम्बाई कोई मायने नहीं रखती है. आप अपने पोस्ट की लम्बाई उतनाही ही बड़ी रहे जीतनी की उस टॉपिक को सही ढंग से समझाने के लिए सही है.
बिना मतलब की ही पोस्ट की लम्बाई को ज्यादा नहीं खीचना चाहिए. इससे पोस्ट बोरिंग हो जाता है. और यूजर इसे bounce कर जाता है.
8- internal & external links
अपने ब्लॉग के दुसरे पोस्ट के लिंक को इंटरनल लिंक कहते है. तथा किसी अन्य वेबसाइट के लिंक को external लिंक कहते है.
अपने ब्लॉग पोस्ट में कम से कम 1 इंटरनल और 1 एक्सटर्नल links जरुर देना चाहिए. और इनकी अधिकतम संख्या 5 है आपको इससे ज्यादा links अपने पोस्ट में नहीं रखने चाहिए.
चलिये अब जानते है की Off Page SEO क्या होता है.
Off Page SEO क्या होता है?
off page seo का मतलब यह होता है की ऐसे links जो आपको सर्च इंजन में high ranking में सहायता करे वो off page seo के अंतर्गत आता है. जब बात off page SEO की होती है तो अक्सर लोगो का ध्यान backlinks पर जाता है.
लेकिन backlinks बनाते समय इस बात पर हमेशा ध्यान होना चाहिए backlinks हमेशा dofollow backlinks ही बनाने चाहिए.
चलिये अब जानते है की off page seo कैसे करें.
off page seo factor kya hota hai
1- search engine submission
2- social media submission
3- Blog commenting
4-Guest post
5- forum
Some Other SEO Tips in Hindi 2018
- सबसे पहले आप अपने browser में SEO quake का add-on इंस्टाल कर ले|
- इसके बाद google adwords पर अपना एक account बना ले|
- अब adwords के tool menu में key planner पर click करे और इसकी सहायता से कोई ऐसा keyword ले जिसकी competition LOW हो|
- अब उस keyword को किसी search engine में डाले और SEOquake के द्वारा यह देखे की उसकी difficulty कितनी है|
- difficulty जीतनी काम होगी आपके कंटेंट की रैंकिंग उतनी high होने के chance ज्यादा होंगे|
- अब पुन: उसी keyword पर एक बढ़िया टाइटल बनाये और उसकी भी difficulty को जांचे कम difficulty वाले टाइटल पर ही लेख लिखे|
- टाइटल बनाते समय इस बात का ध्यान जरुर दे की keyword एक बार से ज्यादा बार न आये| इसको बहुत ज्यादा छोटा या बहुत ज्यादा बड़ा नहीं रखना चाहिए|
- अब उसी keyword पर आर्टिकल लिखना शुरू करे| SEO के हिसाब से keyword की density 1.5 से ज्यादा न हो नहीं तो search engine इसे penalize कर सकता है| जिससे आपका आर्टिकल search रिजल्ट में शो नहीं होगा|
- यदि आप इंग्लिश आर्टिकल लिखते है तो यह 300+ शब्दों का हो सकता है| लेकिन यदि आप का आर्टिकल हिंदी या हिंगलिश में है तो 600+ शब्द से कम नहीं होना चाहिए| वैसे आप जितना लम्बा आर्टिकल लिखे उतना ही अच्छा है| क्योकि SEO के हिसाब से search engine लम्बे पोस्ट को ज्यादा बढ़िया समझता है और उसे high रैंकिंग पर रखता है|
- आप अपने आर्टिकल में कम से कम एक इमेज का जरुर इस्तेमाल करे| और इमेज का ALT tag में अपने keyword को जरुर रखे|
- अपने keyword को url में भी जगह दे| यह भी एक high रैंकिंग की ट्रिक है|
- आप अपने आर्टिकल का एक सुन्दर और बेहतर meta description जो 150 कैरक्टर का ही डाले| यही description search पेज में आपके आर्टिकल के टाइटल साथ display होगा| इसमे भी कम से कम एक बार keyword का इस्तेमाल जरुर करे|
- अपने आर्टिकल में कोई भी पैराग्राफ 150 शब्द से ज्यादा नहीं होना चाहिए| क्योकि बहुत ज्यादे लम्बे पैराग्राफ रीडर को कंफ्यूज कर देता है| जिससे वह आपकी वेबसाइट को छोड़ कर चला जायेगा| जिससे आपकी bouncing rate high हो जाएगी और यह आपके website के सेहत के लिए अच्छी बात नहीं है|
- एक heading के अंतर्गत 300 शब्द से ज्यादा शब्द नहीं होने चाहिए| क्योकि यह भी रीडर की कंफ्यूज कर देते है जिससे वे वेबसाइट की छोड़ कर जम्प कर जाते है| जिससे आपकी bouncing rate बढ़ जाती है जो अच्छी बात नहीं है|
- प्रत्येक वाक्य या sentence 20 शब्द से ज्यादा का नहीं होने चाहिए| यदि sentence में 20 शब्द से ज्यादा शब्द है तो ऐसे sentence की संख्या अधिकतम 25 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होने चाहिए|यह भी एक महत्पूर्ण SEO फैक्ट है|
- सही तरीके से कामा, फुल स्टॉप, आदि का प्रयोग करना चाहिए|
- महत्पूर्ण SEO फैक्ट यह भी है की कम से कम 30 प्रतिशत ट्रांजीशन वर्ड का का इस्तेमाल करना आवश्यक होता है| इसी के करना आपके आर्टिकल का readability बेहतर होती है| और रीडर का इंटरेस्ट आपकी पोस्ट में बना रहता है|
- passive voice वाले sentence की संख्या कम से कम रखनी चाहिए| इनकी अधिकतम संख्या 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए| यह भी SEO फैक्ट ही है| जिस पर अक्सर नए blogger ध्यान नहीं देते है|
- इसमे कम से कम एक internal link होना चाहिए| मतलब की आप अपने blog के अन्य आर्टिकल के लिंक को अपने नए आर्टिकल में लगा दे| ताकि नए आर्टिकल के साथ पुराने आर्टिकल को भी रीडर पढ़े| प्रत्येक पोस्ट में कम से कम एक outbound link भी होना चाहिए|
- यह on page SEO है| जिसका इस्तेमाल करके आप एक बेहतर आर्टिकल लिख सकते है| इसके वावजूद अब आपको लिखने व publish करने के बाद उसे search engine में submit करे|
- अब आप off page SEO को शुरू कर सकते है|
Conclusion
SEO के लिए on page seo और off page seo दोनों को करना चाहिए. तभी आप सर्च इंजन में अच्छी तरह से रैंक कर पाएंगे.तो वह search engine में high रैंकिंग जरुर प्राप्त करेगी|इसमे बयते गए सभी फैक्ट मैंने खुद ही अजमाया हुआ है|
यही एक तरीका है जिससे आप free organic traffic पा सकते है. लेकिन यह बात आप जान ले की आपके द्वारा किसी पेज में किये गए seo का इफ़ेक्ट एक सप्ताह से पहले नहीं दिखाई देगा.
अंत में मुझे यही कहना है की यदि आप इस आर्टिकल से अब आप पूरी तरह से जन गए होंगे की SEO kya hota hai. यदि यह पोस्ट पसंद आया है तो इसे अपने मित्रो के साथ facebook, twitter पर जरुर शेयर करे|
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