अभी कुछ दिन पहले ही बॉल टेंपरिंग की घटना बहुत चर्चा में थी जहां सब ने देखा कि कैसे ऑस्ट्रेलियन प्लेयर कैमरून बैनक्राफ्ट ने बॉल टेंपरिंग की जिस पर कैप्टन स्टीव स्मिथ भी शामिल थे तो ऐसे ही क्रिकेट के इतिहास में कई बार बॉल टेंपरिंग के केस रहे हैं और आज की इस पोस्ट में हम आपको तीन भारतीय क्रिकेट खिलाडी की बॉल टेंपरिंग से जुडी घटनाओं के बारे में बताएंगे तो आप से रिक्वेस्ट है कि आप इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े।
1 - राहुल द्रविड़ बॉल टेंपरिंग विवाद
जिम्बाम्बे के खिलाफ 2004 में हुए वन डे मैच के दौरान राहुल द्रविड़ बॉल को साइन करते नजर आए, जब कैमरा मैन ने उनके हाथ के मूवमेंट पर फोकस किया तो बॉल पर एक पीली चीज दिखाई दी जो माना जा रहा था कि चिविंगम का पार्ट है जिसकी वजह से द्रविड़ पर बॉल टेंपरिंग का चार्ज लगाया गया द्रविड़ ने अपने डिफेंस पर कहा कि मैं बहुत बॉल टेंपरिंग नहीं कर रहा था बल्कि गलती से चिविंगम का टुकड़ा मेरी लार से बॉल पर लग गया और मैं उसी को साफ करने की कोशिश कर रहा था पर आईसीसी के नियम के मुताबिक कोई भी खिलाडी क्रिकेट बॉल पर कुछ भी बाहरी तत्व नहीं लगा सकता चाहे वह गलती से ही क्यों ना हो।
फाइन के तौर पर द्रविड़ की 50% मैच फीस काटी गई पर क्लाइव जो उस मैच के रेफ़री थे उन्होंने प्रेस रिलीज में कहा कि द्रविड़ का व्यवहार हमेशा से ही क्रिकेट में ईमानदारी के प्रति रहा है और यह बात बोर्ड ने ध्यान में रखी थी उन्हें फाइन देते हुए वरना कोई और होता तो शायद उसे 2 मैच का बैन लगाया जाता या अपनी 100 प्रतिसत मैच फीस देनी होती. द्रविड़ को यह आरोप बिल्कुल पसंद नहीं आया और जब वह अगले मैच में बैटिंग करने उतरे तो सभी ने उन्हें सपोर्ट किया और अपनी पहली तीन बॉल पर उन्होंने तीन 4 लगा दिए।
2 - सचिन तेंदुलकर बॉल टेंपरिंग विवाद
2001 में जब इंडिया- साउथ अफ्रीका के दौरे पर थी तो दुसरे टेस्ट मैच के दौरान वह सीन सामने आया जहां सचिन बॉल की सील पर अपने नाख़ून घुमाते हुए दिखे। सचिन को इसके लिए बॉल टेंपरिंग का चार्ज लगाया गया और उन्हें एक टेस्ट मैच के लिए बैन भी किया गया. इस टेस्ट मैच के मैच रेफरी माइक डेनिस थे और सारा इंडियन मीडिया और फेंस उन्हें क्रिटिसाइज करने लगा क्योंकि सचिन के अलावा भी डेनिस ने 5 और इंडियन प्लेयर्स को एक टेस्ट मैच का बैन लगाया था और वह भी इसलिए क्योंकि डेनिस के मुताबिक सहवाग, हरभजन, दीप दासगुप्ता, शिव सुंदर दास यह सब फील्डिंग के दौरान हद से ज्यादा अपील कर रहे थे। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था कि एक साथ इतने खिलाडी को सिर्फ ज्यादा अपील करने के लिए बैन किया जा रहा था और साथ ही साथ इंडियन कैप्टन सौरव गांगुली को एक टेस्ट मैच और दो वन डे मैच के लिए सस्पेंड कर दिया गया था क्योंकि डेनिस का कहना था कि कप्तान होने के नाते उन्हें अपनी टीम के व्यवहार को कंट्रोल करना चाहिए था पर ऐसा वह नहीं कर पाए तो उन्हें भी इसकी सजा मिलेगी।
यह सब तो हुआ ही पर फिर जब सचिन को बॉल टेंपरिंग के लिए बैन किया गया तब पूरी सीरीज खतरे में आ गई। सचिन ने बॉल टेंपरिंग की आरोप को अपने ऊपर लेने से मना कर दिया और इंडियन बोर्ड ने यह कह दिया कि अगर यह सीरीज जारी रखनी है तो माइक डेनिस को थर्ड टेस्ट मैच रेफरी नहीं रखा जाना चाहिए वरना इंडिया टेस्ट सीरीज का आखिरी मैच खेलने मैदान पर नहीं उतरेगी। ICC इंडिया की एक भी बात मानने के लिए राजी नहीं थी पर साउथ अफ्रीका ने इंडिया का साथ दिया क्योंकि इंडिया मैच नहीं खेलती तो उनके बोर्ड को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचता। तो तीसरा टेस्ट मैच एक अन ऑफिसियल टेस्ट मैच की तरह खेला गया और सभी बैन प्लेयर्स ने अपना बैन पूरा किया उस टेस्ट मैच को ना खेलकर।
तेंदुलकर से जब भी इस बॉल टेंपरिंग की घटना बारे में पूछा जाता है तो हमेशा वो इस टॉपिक को अवॉइड कर देते है। अपनी आत्मकथा में सचिन ने इस घटना के बारे में लिखा है जहां उनका कहना था कि मुझे बहुत आश्चर्य हुआ यह सुनकर कि मुझ पर बॉल टेंपरिंग का चार्ज लगाया गया है, मैंने अपनी क्रिकेट हमेशा इमानदारी से खेली है मैं कोई चीटर नहीं हु।
3 - विराट कोहली बॉल टेंपरिंग विवाद
2016 की इंडिया-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के दौरान इंग्लैंड के प्लेयर्स ने विराट कोहली पर आरोप लगाया कि उन्होंने बॉल टेंपरिंग की है क्योंकि विराट ने बॉल साइन करने के लिए चिविंगम के लार का उपयोग किया था और जैसा द्रविड़ के केस में हुआ था कि कोई भी प्लेयर बॉल पर कोई एक्सटर्नल एलिमेंट का यूज़ नहीं कर सकता तो उसी तरह कोहली का भी बॉल टेंपरिंग का बैन बन सकता था पर हुआ यूं कि ICC के नियम के मुताबिक अगर किसी भी टीम को शिकायत करनी होती है तो उनके पास 5 दिन का समय होता है और इंग्लैंड ने यह डेडलाइन मिस कर दी थी इसी वजह से विराट कोहली पर इंग्लैंड टीम का लगाया गया यह आरोप न्यूज़ में तो आया पर कभी कोई ऑफिशियल निर्णय इस पर नहीं दिया गया।
तो आज की इस पोस्ट में इतना ही आपको यह जानकारी कैसी लगी हमें अपने लाइक और कमेंट के जरिए जरूर बताएं।
1 - राहुल द्रविड़ बॉल टेंपरिंग विवाद
जिम्बाम्बे के खिलाफ 2004 में हुए वन डे मैच के दौरान राहुल द्रविड़ बॉल को साइन करते नजर आए, जब कैमरा मैन ने उनके हाथ के मूवमेंट पर फोकस किया तो बॉल पर एक पीली चीज दिखाई दी जो माना जा रहा था कि चिविंगम का पार्ट है जिसकी वजह से द्रविड़ पर बॉल टेंपरिंग का चार्ज लगाया गया द्रविड़ ने अपने डिफेंस पर कहा कि मैं बहुत बॉल टेंपरिंग नहीं कर रहा था बल्कि गलती से चिविंगम का टुकड़ा मेरी लार से बॉल पर लग गया और मैं उसी को साफ करने की कोशिश कर रहा था पर आईसीसी के नियम के मुताबिक कोई भी खिलाडी क्रिकेट बॉल पर कुछ भी बाहरी तत्व नहीं लगा सकता चाहे वह गलती से ही क्यों ना हो।
फाइन के तौर पर द्रविड़ की 50% मैच फीस काटी गई पर क्लाइव जो उस मैच के रेफ़री थे उन्होंने प्रेस रिलीज में कहा कि द्रविड़ का व्यवहार हमेशा से ही क्रिकेट में ईमानदारी के प्रति रहा है और यह बात बोर्ड ने ध्यान में रखी थी उन्हें फाइन देते हुए वरना कोई और होता तो शायद उसे 2 मैच का बैन लगाया जाता या अपनी 100 प्रतिसत मैच फीस देनी होती. द्रविड़ को यह आरोप बिल्कुल पसंद नहीं आया और जब वह अगले मैच में बैटिंग करने उतरे तो सभी ने उन्हें सपोर्ट किया और अपनी पहली तीन बॉल पर उन्होंने तीन 4 लगा दिए।
2 - सचिन तेंदुलकर बॉल टेंपरिंग विवाद
2001 में जब इंडिया- साउथ अफ्रीका के दौरे पर थी तो दुसरे टेस्ट मैच के दौरान वह सीन सामने आया जहां सचिन बॉल की सील पर अपने नाख़ून घुमाते हुए दिखे। सचिन को इसके लिए बॉल टेंपरिंग का चार्ज लगाया गया और उन्हें एक टेस्ट मैच के लिए बैन भी किया गया. इस टेस्ट मैच के मैच रेफरी माइक डेनिस थे और सारा इंडियन मीडिया और फेंस उन्हें क्रिटिसाइज करने लगा क्योंकि सचिन के अलावा भी डेनिस ने 5 और इंडियन प्लेयर्स को एक टेस्ट मैच का बैन लगाया था और वह भी इसलिए क्योंकि डेनिस के मुताबिक सहवाग, हरभजन, दीप दासगुप्ता, शिव सुंदर दास यह सब फील्डिंग के दौरान हद से ज्यादा अपील कर रहे थे। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था कि एक साथ इतने खिलाडी को सिर्फ ज्यादा अपील करने के लिए बैन किया जा रहा था और साथ ही साथ इंडियन कैप्टन सौरव गांगुली को एक टेस्ट मैच और दो वन डे मैच के लिए सस्पेंड कर दिया गया था क्योंकि डेनिस का कहना था कि कप्तान होने के नाते उन्हें अपनी टीम के व्यवहार को कंट्रोल करना चाहिए था पर ऐसा वह नहीं कर पाए तो उन्हें भी इसकी सजा मिलेगी।
यह सब तो हुआ ही पर फिर जब सचिन को बॉल टेंपरिंग के लिए बैन किया गया तब पूरी सीरीज खतरे में आ गई। सचिन ने बॉल टेंपरिंग की आरोप को अपने ऊपर लेने से मना कर दिया और इंडियन बोर्ड ने यह कह दिया कि अगर यह सीरीज जारी रखनी है तो माइक डेनिस को थर्ड टेस्ट मैच रेफरी नहीं रखा जाना चाहिए वरना इंडिया टेस्ट सीरीज का आखिरी मैच खेलने मैदान पर नहीं उतरेगी। ICC इंडिया की एक भी बात मानने के लिए राजी नहीं थी पर साउथ अफ्रीका ने इंडिया का साथ दिया क्योंकि इंडिया मैच नहीं खेलती तो उनके बोर्ड को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचता। तो तीसरा टेस्ट मैच एक अन ऑफिसियल टेस्ट मैच की तरह खेला गया और सभी बैन प्लेयर्स ने अपना बैन पूरा किया उस टेस्ट मैच को ना खेलकर।
तेंदुलकर से जब भी इस बॉल टेंपरिंग की घटना बारे में पूछा जाता है तो हमेशा वो इस टॉपिक को अवॉइड कर देते है। अपनी आत्मकथा में सचिन ने इस घटना के बारे में लिखा है जहां उनका कहना था कि मुझे बहुत आश्चर्य हुआ यह सुनकर कि मुझ पर बॉल टेंपरिंग का चार्ज लगाया गया है, मैंने अपनी क्रिकेट हमेशा इमानदारी से खेली है मैं कोई चीटर नहीं हु।
3 - विराट कोहली बॉल टेंपरिंग विवाद
2016 की इंडिया-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के दौरान इंग्लैंड के प्लेयर्स ने विराट कोहली पर आरोप लगाया कि उन्होंने बॉल टेंपरिंग की है क्योंकि विराट ने बॉल साइन करने के लिए चिविंगम के लार का उपयोग किया था और जैसा द्रविड़ के केस में हुआ था कि कोई भी प्लेयर बॉल पर कोई एक्सटर्नल एलिमेंट का यूज़ नहीं कर सकता तो उसी तरह कोहली का भी बॉल टेंपरिंग का बैन बन सकता था पर हुआ यूं कि ICC के नियम के मुताबिक अगर किसी भी टीम को शिकायत करनी होती है तो उनके पास 5 दिन का समय होता है और इंग्लैंड ने यह डेडलाइन मिस कर दी थी इसी वजह से विराट कोहली पर इंग्लैंड टीम का लगाया गया यह आरोप न्यूज़ में तो आया पर कभी कोई ऑफिशियल निर्णय इस पर नहीं दिया गया।
तो आज की इस पोस्ट में इतना ही आपको यह जानकारी कैसी लगी हमें अपने लाइक और कमेंट के जरिए जरूर बताएं।