Get Even More Visitors To Your Blog, Upgrade To A Business Listing >>

प्यारे सिल्ली विधानसभा वासियों….

प्यारे सिल्ली विधानसभा वासियों,

सादर प्रणाम

साढ़े तीन वर्ष उपरांत, एक बार फिर कल हम… हमारे गांव-घर से एक प्रतिनिधि चुनकर इस उपचुनाव में विधानसभा भेजने जा रहे हैं। ग़रीब व उनकी गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, संसाधनों का बंदरबांट, हड़िया-दारू व गुटखा-तम्बाकू के नशे में मदहोश युवा, प्रखंड(ब्लॉक) से ग्राम पंचायत स्तर पर जकड़ी भर्ष्टाचार की गहरी जड़ें से लेकर और कितने कारण है आपके समक्ष वोट डालने के। अच्छे शिक्षण संस्थानों के अभाव में दसवीं पास करने के बाद ही पलायन कर चुके इस नॉन रेसिडेंट सिल्ली वासी से अधिक समझ शायद आपमें होगी।

देश आजाद हुए आज 70 से अधिक वर्ष हो चुके हैं और झारखंड बने 18 वर्ष। इन 18 वर्षों में सिर्फ़ सड़क और पुल-पुलिया में उलझा कर कुछ लोगों ने सिर्फ हमसे झंडा ढुलाई व जिंदाबाद-मुर्दाबाद की नारेबाजी करवाई हैं।

मित्रों, कभी सिल्ली से आरंभ हुई एक निर्दलीय विधायक की राजनीतिक गंगा आज इतनी प्रदूषित हो गई कि कभी पाई-पाई को मोहताज सिल्ली का बेटा, आज लगभग 500% की आर्थिक ग्रोथ रेट में ग्रोथ कर करोड़ों में खेल रहा हैं। 40 के उम्र पार कर राहुल गांधी टाइप से अखंड युवा हो चुके हमारे सुप्रीमो, अतीत के वर्षों में सदैव सत्ता की गोदी में बैठ मूंगफली फोड़ने का काम किया हैं। नेताजी, मोदी चचा के जीएसटी व नोटबन्दी के वाबजूद इतनी अधिक आर्थिक ग्रोथ के लिए कौन सा खेल खेल रहे हैं भाई…कही आईपीएल में सट्टा वठ्टा का लोचा तो नहीं।

महीनों पहले से चुनावी चिलगोजे और उनके सो कॉल्ड भक्त, नाना प्रकार के हसीन सपनों का दुकान लगा हमारे सिल्लीवासी वोटरों को शहर से आये साली की तरह ताड़ रहे हैं।

हालांकि कानफाड़ू लाउडस्पीकर युक्त प्रचार प्रक्रिया व जनसंपर्क रैली के बाद, अब डोर टू डोर कैम्पेन के द्वारा आपको बहलाने-फुसलाने वाले खरीदारों द्वारा आज और कल सुबह सवेरे बोलियां लगेगी। मुर्गा-मुर्गी, खस्सी-दारू, गहरा गुलाबी यानि मैजेंटा(₹2000) और स्टोन ग्रे(₹500) नोटों की नई-नवेली खेप खपाई जाएंगी।

वोट को बेचकर, उसका पिकनिक मनाने की मानसिकता में हमेशा की तरह एक बार फिर बिक जाना, क्योंकि चुनाव उपरांत निरीह जनता आजतक अपनी समस्याओं का रंडी रोना ही तो रोती आई हैं।

आपको मालूम हैं, कि ये पैसा कहां से आता हैं। मोदी जी लाख भर्ष्टाचार मुक्त व्यवस्था की जुमलेबाजी करें, परंतु चुनाव उपरांत आज भी एक सरकारी शौचालय निर्माण के लिए अपने गाँव के मुख्यमंत्री(मुखिया) को ₹1000 से ₹2000 का चढ़ावा चढ़ाना पड़ता हैं। बाकी प्रत्येक बड़े-छोटे राज्य सरकार द्वारा संचालित योजना के लिए विधायक, BDO, गली के नेताओं-चमचों को 20 से 30% की आहुति देने की काली कथा सास्वत सत्य हैं।

अब बीजेपी और मोदी जी के जुमलेबाजी पर बातें करते हैं। इन लोगों ने देश को इसकदर निराश व हतास किया कि ये आग वर्षों तक धधकती रहेगी। आज झारखंड को एक दूसरे राज्य से आये तानाशाह मोदी भक्त के हवाले कर दिया गया। सारी गोदी मीडिया सरकार की वाहवाही लूटने में लगी हैं। बैंक गरीबों से निम्न बैलेंस के नाम पर नाहक डेबिट कर जनधन खातों को निल बट्टा सन्नाटा कर रही हैं और कुछ खास लोग देश में चौकीदार के होते बैंको में डकैती कर राम-दो-तीन हो रहे हैं। पेट्रोल-डीज़ल पे आग लगा कर अच्छे दिन की जनाकांक्षाओं को फूंका जा चुका हैं। सोशल साइट्स को बेरोजगार भक्तों के हवाले किया जा चुका हैं। समर्थ विहीन गांधी के भरोसे खड़ी दो राजनीतिक धुरविरोधी गुटों में बंटाधार हो चुके देश में मोदी मजबूरी बन गए हैं।

NOTA is my choice…
कल सिर्फ नाम मात्र के जिंदा रह गए लोकतंत्र पर उंगली उठाने सिल्ली आ रहा हूँ।
गरीबी और गरीबों से जूझ रही सिल्ली में करोड़पति विधायक क्यों और कहाँ से?

जय सिल्ली

आपका…

पवन Belala Says



This post first appeared on Pawan Belala Says, please read the originial post: here

Share the post

प्यारे सिल्ली विधानसभा वासियों….

×

Subscribe to Pawan Belala Says

Get updates delivered right to your inbox!

Thank you for your subscription

×