Get Even More Visitors To Your Blog, Upgrade To A Business Listing >>

Daily Routine of Great men in hindi ( महान लोगों की दिनचर्या )


जीनियस , सफल , और ग्रेट मनुष्य जो की दूसरों के रोल मॉडल बन चुके है उनकी दिनचर्या कैसी होती है ? उनका जागना – सोना –काम करने का टाईमटेबल कैसा होता है ? “ daily richyulas : how artist work  “ ये  एक किताब है जो की मेसन करी नाम के लेखक ने रची है | इस किताब में 161 लेखक,चित्रकार,चिन्तक,वैज्ञानिक, गनितशास्त्री और राजकीय व्यक्ति की बातें और उनकी दिनचर्या के बारे में जानने को मिलेगा |तो जानते है फ्रेंड्स Daily Routine of Great men in hindi ( महान लोगों की दिनचर्या ) के बारे में | इससे पहेले में एक बात कहेना चाहता हूँ की यह पोस्ट बहुत ध्यान से पढना और इसका सही अर्थ समझना |

Daily Routine of Great men in hindi 

महान और सफल लोगों की दिनचर्या 


Source : huffinington post  



सफल आदमी की काम करने की आदत , रिलेक्स होने की आदत और अन्य लक्षण में कहीं भी उनके सफल होने की एक या दो चाबी तो छुपी ही होगी | यह किताब विदेशी है इसलिए इसमें जिनकी बात हुई है वह भी विदेशी है | इसमें कहिओं के नाम और काम शायद आपको पता भी नहीं होगे मगर हमको ज्यादा ध्यान उनकी विगत जानने में रखना चाहिए |


  • व्हाइट हाउस के बारे में असामान्य जानकारी 

एक प्रश्न बार बार सूझता है की दिन का कौन सा समय सबसे ज्यादा क्रिएटिव होता है ? सुबह या रात ? इसका कोई अचूक जवाब नहीं है | इंग्लैंड के भूतपूर्व मिनिस्टर विंस्टन चर्चिल सुबह 7:30 को उठ जाते पर दो घंटे तक वह अपने बेड पे से खड़े भी नहीं होते थे | ब्रेकफास्ट करना, बुक , न्यूज़ पेपर , पत्र पढना और  सेक्रेटरी को सुचना या फिर ऑर्डर देना ये सबकुछ वह दो घंटे बेड पे रहकर ही करते थे | भूतपूर्व अमेरिकन प्रेसिडेंट बराक ओबामा सुबह 7:30 को उठ जाते थे , weight और कार्डियो एक्सरसाइज ख़तम करके वह 9:00 बजे से पहेले ही ऑफिस में पंहुच जाते थे | रात को फॅमिली के साथ डिनर करके बहुत सी बार वह वापिस ऑफिस आ जाते और रात के दस बजे तक काम करते रहते थे |


  • Exam में टॉप कैसे करे 

एनेलिटिकल scicology के जन्मदाता कार्ल जंग का स्पष्ट कहेना था की “ दिन के महत्व के काम तो शरीर और मन थक जाये उससे पहेले ही कर लेने चाहिए | थक के चूर हो गया हो , परेशान हो गया हो , और तनमन को आराम की जरूर हो फिर भी जो आदमी काम करता रहे वह तो सिर्फ मुर्ख ही होगा | मोजार्ट सुबह 6 बजे  उठ जाते और  रात को 1 बजे तक म्यूजिक लेसन , कॉन्सर्ट ,मीटिंग आदि में बिजी रहते थे | आयरिश कवी- लेखक जेम्स जोयस सुबह 10 बजे उठते | 1 घन्टे तक बेड पे ही पड़े रहते थे | फिर उठके नहाते , शेविंग करते और पियानो बजाने बैठते | यह सब कार्यक्रम के बाद उनको दोपहर में लिखने का मूड होता था | अमेरिकन लेखक जॉन अपड़ाइक शिष्टाचार से सुबह लिखने बैठ जाते | वह कहते है  की “ प्रेरणा की राह देखके बैठना नहीं चाहिए , लिखते रहो , क्यूंकि नहीं लिखने का और कुछ न करके सिर्फ बैठे रहेने का आनन्द इतना प्रचंड होता है की यदि आपको उसकी आदत हो जाये तो आपको काम करने का जरा भी मन नहीं होगा | “


  • इंडिया के सबसे खतरनाक कमांडो 


कुछ क्रिएटिव व्यक्तिओं के लिए walk करने की एक्सरसाइज बहुत विशेष होती है | उनके पैरो की मूवमेंट उनके दिमाग को गतिशील रखती है | सोरेन किकेगार्ड नाम के डेनिश चिन्तक को चलते चलते अचानक कोई विचार आ जाता तो वह जल्दी से अपने घर वापस चले जाते और वोकिंग स्टिक और छाते सहित स्टडी रूम में घुस जाते और फटाफट लिकने बैठ जाते थे | ब्रिटिश लेखक चार्ल्स डिकन्स सुबह में नहीं बल्कि दुपहर को walk करते थे | महान जर्मन कंपोजर और पियानिस्ट बीथोवन भी खाने के बाद चलने निकलते थे | वह जेब में कागज और पेन्सिल याद करके रखते थे जिससे अचानक कोई धुन सूझे तो उसको नोट कर सके | क्रिएटिव विचार कभी दिमाग में से जल्दी निकल जाते है इसलिए हम भूल जाये इससे पहेले उन विचारो की एक नोट बना लेनी चाहिए |


  •  फुटबॉलर नेयमार की संघर्ष गाथा 


रोज हम कितना लिखते है उसका हिसाब रखना चाहिए ? नोबेल प्राइज winner अर्नेस्ट हेमिंग्वे रोज कितने शब्द लिखते थे उसका अलग ही चार्ट बनाया था , के जिससे खुद को उल्लू नहीं बना सके ? बी.एफ.स्किनर नाम के एक अमेरिकन लेखक –scicologyst लिखने बैठते तब रीतसर टाइमर सेट करते और उसके बाद हर hour में कितने word लिखते उसका नियमित चार्ट बनाते थे |


  • इंडिया की सभी जानकारी एक ही पोस्ट में 



महान कलाकारों की  एक कॉमन खासियत – मर्यादित सामाजिक जीवन है | फ्रेंच लेखिका – फेमिनिस्ट सिमोन द बुवा कभी भी किसी पार्टी में नहीं जाते , न ही कोई आमंत्रण का स्वीकार करते , न ही लोगों के साथ ज्यादा गुलते मिलते | उन्हों ने बहुत मशकत करके यह life स्टाइल बनाई थी | चित्रकार पिकासो ने  दोस्तों के साथ मिलने के लिए सिर्फ आधे  रविवार का समय ही रखा था | बाकी के दिनों में मात्र काम , और कोई डिस्टर्बेंस नहीं .

सो बात की एक बात | उतम सर्जन करने के लिए कोई भी महान पद्धति या नियम का होना जरूरी नहीं है | सर्जनशक्ति रखनेवाले सफल मनुष्य खुद ही अपनी तासीर के हिसाब से खुद के नियम बना लेते है और सफल बनते है |


आपको मेरी Daily Routine of Great men in hindi  ( महान लोगों की दिनचर्या )  Post कैसे लगी वो जरूर बताइये । और पसंद आया हो तो Social Site पे शेयर कीजिये । और आप Comment के ध्वारा भी अपनी राय दे सकते है ।




This post first appeared on Hindinx, please read the originial post: here

Share the post

Daily Routine of Great men in hindi ( महान लोगों की दिनचर्या )

×

Subscribe to Hindinx

Get updates delivered right to your inbox!

Thank you for your subscription

×