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मित्र मंडली -78




मित्रों , 
"मित्र मंडली" का  अठहत्तर वाँ अंक का पोस्ट प्रस्तुत है।इस पोस्ट में मेरे ब्लॉग के फॉलोवर्स/अनुसरणकर्ताओं के हिंदी पोस्ट की लिंक के साथ उस पोस्ट के प्रति मेरी भावाभिव्यक्ति सलंग्न है। पोस्टों का चयन साप्ताहिक आधार पर किया गया है। इसमें दिनांक 09.07.2018  से 15.07.2018 तक के हिंदी पोस्टों का संकलन है।


पुराने मित्र-मंडली पोस्टों को मैंने मित्र-मंडली पेज पर सहेज दिया है और अब से प्रकाशित मित्र-मंडली का पोस्ट 7 दिन के बाद केवल मित्र-मंडली पेज पर ही दिखेगा, जिसका लिंक नीचे दिया जा रहा है : HTTPS://RAKESHKIRACHANAY.BLOGSPOT.IN/P/BLOG-PAGE_25.HTML मित्र-मंडली के प्रकाशन का उद्देश्य मेरे मित्रों की रचना को ज्यादा से ज्यादा पाठकों तक पहुँचाना है। आप सभी पाठकगण से निवेदन है कि दिए गए लिंक के पोस्ट को पढ़ कर, टिप्पणी के माध्यम से अपने विचार जरूर लिखें। विश्वास करें ! आपके द्वारा दिए गए विचार लेखकों के लिए अनमोल होगा। 
प्रार्थी 
राकेश कुमार श्रीवास्तव "राही"

मित्र मंडली -78    
(नोट : मेरे कई ब्लॉग अनुसरणकर्ता  मित्र का पोस्ट जो मुझे बहुत अच्छा लगता है परन्तु मैं उसे मित्र मंडली में सम्मलित नहीं करता क्यूंकि उनकी रचना पहले से ही लोकप्रिय होती है और समयाभाव के कारण मैं उनके पोस्ट पर टिप्पणी  भी नहीं कर पाता हूँ, इसके लिए मैं क्षमा प्रार्थी हूँ।), 

इस सप्ताह के छः  रचनाकार 

पंख कटे पैरों में बेड़ी.....

नीतू ठाकुर   जी 

"स्त्री-मन की दबी इच्छाओं को मुक्त कर स्त्री-स्वाभिमान के लिए मुखर आह्वान करती सुन्दर रचना। "

"प्रहरी"

मीना भारद्वाज  जी 

"सैनिकों के प्रति आश्रु भरी श्रद्धा-सुमन अर्पित करती सुन्दर भावपूर्ण कविता। "

बाल कविता " पंछी"

राधा तिवारी  जी  

"बाल-सुलभ मन को लुभाने वाली सुंदर कविता। आप पढ़ें और बच्चों को सुनाएँ। "
तुम नील गगन में

श्वेता सिन्हा जी 


"प्रेमी के प्रति अपने अंतर्मन की अभिव्यक्ति और अनुभूति को सौम्यता के साथ मुखर करती सुंदर कविता "

धारी देवी मंदिर, उत्तराखण्ड

हर्ष वर्धन जोग जी 

"धारी देवी मंदिर, उत्तराखण्ड जैसी स्थलों का भ्रमण करना आम पर्यटकों के लिए मुश्किल है क्योंकि चार-धाम के अलावा अन्य कई महतवपूर्ण स्थान है भ्रमण के लिए परन्तु जो लोग आस-पास के है और अक्सर किसी भी कारण से उनका आना-जाना लगा रहता है तो ऐसी स्थलों की जानकारी मिलती हैं, आप भी आनंद लें। " 

चतुर्मास संग जीव प्रिये.

विश्व मोहन जी

"आम्रपाली एवं यशोधरा की शख्सियत किसी एक स्त्री में हो तो ऐसी  स्त्री को देखना, महसूस करना किसकी चाह नहीं होगी।पवित्र चतुर्मास में ऐसी ही अलौकिक मिलन की चाह को व्यक्त करती सुंदर कविता।"

आशा है कि मेरा प्रयास आपको अच्छा लगेगा ।  आपका सुझाव अपेक्षित है। अगला अंक 23-07-2018  को प्रकाशित होगा। धन्यवाद ! अंत में ....

मेरी प्रस्तुति  :

1.
फोटोग्राफी : पक्षी 58 (Photography : Bird 58 )



2.FACE OF COMMON MAN - 4







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