Get Even More Visitors To Your Blog, Upgrade To A Business Listing >>

मित्र मंडली - 18



मित्रों ,
"मित्र मंडली" की अठारहवाँ अंक का पोस्ट प्रस्तुत है। इस पोस्ट में मेरे ब्लॉग के फॉलोवर/अनुसरणकर्ता का हिंदी पोस्ट के लिंक के साथ उस पोस्ट के प्रति मेरी भावाभिव्यक्ति सलंग्न है। पोस्ट का चयन साप्ताहिक आधार पर है।  इसमें  दिनांक 01.05.2017  से 07.05.2017  के हिंदी पोस्ट का संकलन है।


पुराने मित्र-मंडली पोस्टों को मैंने मित्र-मंडली पेज पर सहेज दिया है और अब से प्रकाशित मित्र-मंडली का पोस्ट 7 दिन के बाद केवल मित्र-मंडली पेज पर ही दिखेगा, जिसका लिंक नीचे दिया जा रहा है  :-HTTPS://RAKESHKIRACHANAY.BLOGSPOT.IN/P/BLOG-PAGE_25.HTML

"खेद है कि तकनीकी कारणों से ग्यारहवीं कड़ी उपरोक्त लिंक पर उपलब्ध नहीं है।" 

मित्र-मंडली के प्रकाशन का उद्देश्य मेरे मित्रों की रचना को ज्यादा से ज्यादा पाठकों  तक पहुँचाना है। 

आप सभी पाठकगण से निवेदन है कि दिए गए लिंक के पोस्ट को पढ़ कर टिपण्णी के माध्यम से अपने विचार जरूर लिखें। यकीं करें ! आपके द्वारा दिया गया विचार लेखकों के लिए अनमोल होगा।  

प्रार्थी 

राकेश कुमार श्रीवास्तव "राही"

                                         मित्र मंडली - 18 

श्वेताक्षर



पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा 

प्रकृति के अनमोल उपहारों में से एक है बादल, जो प्रकृति को नव-जीवन प्रदान करता है। सुन्दर मनोभाव से सावन का स्वागत-गान  करती सुन्दर कविता। 

मजदूर सच में ... या मजदूर दिवस ...




दिगम्बर नस्वा


मज़दूर दिवस पर सबको लाल सलाम ! जिस वस्तु को खरीद कर हम इतराते है उस वस्तु की निर्माण प्रक्रिया से जुड़े मजदूरों को कभी हम धन्यवाद भी नहीं कह पाते हैं।  सृष्टिकर्ता ईश्वर के बाद अगर किसी को शुक्रिया अदा करना हो तो वह है मज़दूर वर्ग। मज़दूर का हम कभी भी वास्तविक मेहनताना अदा नहीं कर सकते। मज़दूरों के वास्तविक दर्द को उभारती सुन्दर कविता। 

"देख ! वे आ रहें हैं''



ध्रुव सिंह


किसी की दहाड़ मात्र से ही जब सत्ता किसी की हिलने लगे तो क्रांति आने में देर नहीं है और यह व्यवस्था परिवर्तन का आगाज़ है। इस कविता ने व्यवस्था परिवर्तन का ऐलान डंके की चोट पर शुरू कर दिया है। 

सत्ता 


रवींद्र सिंह यादव 
जनतंत्र को राजतंत्र समझने वालों के लिए, चेतावनी देती सुन्दर कविता। आमजन  के आक्रोशित मनोभाव को सुन्दर ढंग से व्यक्त करती एवं सत्ता आसीन को ललकारती कविता।

कायरता




मीना शर्मा 

गीता के सार को अपनी शैली में व्यक्त करती सुन्दर कविता। परिस्थितियों के अनुसार अपना व्यवहार करने की सलाह देती कविता ।


आशा है कि मेरा प्रयास आपको अच्छा लगेगा ।  आपका सुझाव अपेक्षित है। अगला अंक 15-05-2017  को प्रकाशित होगी। धन्यवाद ! अंत में ....

मेरी दो  पेशकश :-


फोटोग्राफी : पक्षी 7  (Photography : Bird 7  )


फोटोग्राफी : पक्षी 8 (Photography : Bird 8 )



This post first appeared on RAKESH KI RACHANAY, please read the originial post: here

Share the post

मित्र मंडली - 18

×

Subscribe to Rakesh Ki Rachanay

Get updates delivered right to your inbox!

Thank you for your subscription

×