मित्रों ,
"मित्र मंडली" की आठवीं कड़ी का पोस्ट प्रस्तुत है। इस पोस्ट में मेरे ब्लॉग फॉलोवर/अनुसरणकर्ता के हिंदी पोस्ट के लिंक के साथ उस पोस्ट के प्रति मेरी भावाभिव्यक्ति सलंग्न है। पोस्ट का चयन साप्ताहिक आधार पर है। इसमें दिनांक 20.02.2017 से 26.02.2017 के हिंदी पोस्ट का संकलन है।
पुराने मित्र-मंडली पोस्टों को मैंने मित्र-मंडली पेज पर सहेज दिया है और अब से प्रकाशित मित्र-मंडली का पोस्ट 7 दिन के बाद केवल मित्र-मंडली पेज दिखेगा, जिसका लिंक नीचे दिया जा रहा है :-https://rakeshkirachanay.blogspot.in/p/blog-page_25.html
मित्र-मंडली प्रकाशन का उद्देश्य मेरे मित्रों की रचना को ज्यादा से ज्यादा पाठकों तक पहुँचाना है।
आप सभी पाठकगण से निवेदन है कि दिए गए लिंक के पोस्ट को पढ़ कर टिपण्णी के माध्यम से अपने विचार जरूर लिखें। यकीं करें ! आपके द्वारा दिया गया विचार लेखकों के लिए अनमोल होगा।
प्रार्थी
राकेश कुमार श्रीवास्तव "राही"
मित्र मंडली - 8
1. हिमालय की गोद में बसे श्रीनगर, कश्मीर की सैर (Local Sight Seen to Srinagar, Kashmir...6)
रितेश गुप्ता जी की यह पोस्ट श्रीनगर की विस्तृत यात्रा वृतांत एवं सूंदर तस्वीरों से सजी है। आप भी आनंद लें।
2. वीर सावरकर जी की ५१ वीं पुण्यतिथि
शिवम् मिश्र जी की पोस्ट नायक दामोदर सावरकर जी की संक्षिप्त जीवनी है। वीर सावरकर जी को मेरा भी नमन।
3. आ अब लौट चलें!! :)
सारिका चौधरी की ये पोस्ट उनकी अपनी लिखने के माध्यम के ऊपर आधारित है लिखना जरुरी है माध्यम कुछ भी हो सकता है। हाँ ! ब्लॉग लिखते रहें तो हम पाठक लाभान्वित होंगे।
4. शिव-पार्वती बारात
कविता जी की यह पोस्ट महाशिवरात्रि की महत्ता का बखान करता है
'अमर' अंकल पई की छटी बरसी पर उन्हें नमन
शिवम् मिश्रा जी की यह पोस्ट अनंत पई जी को समर्पित है जो अमर चित्र कथा के रचयिता थे।अनंत पई जी को मेरा नमन।
5. अष्टावक्र गीता - भाव पद्यानुवाद (उन्तालीसवीं कड़ी)
अष्टावक्र गीता अद्वैत वेदान्त का ग्रन्थ है।राजा जनक एवं अष्टावक्र के संवाद को अष्टावक्र गीता कहते है। कैलाश जी सरल शब्दों में इस गीता को हिंदी में और अर्थ इंग्लिश में लिखा है। ज्ञान,मुक्ति एवं वैराग्य की कड़ी में यह पोस्ट वैराग्य को समर्पित है। कैलाश जी को इस कार्य के लिए बधाई के पात्र है।
6. कलाबाजी कलाकारी लफ्फाजों की लफ्फाजी जय जय बेवकूफों की उछलकूद और मारामारी
सुशील कुमार जोशी जी की उलूक टाइम्स का उलूक इस जंग के लायक नहीं है चाह कर भी वह ऑक्टोपस नहीं बन सकता उसके नियति में है ऑक्टोपस के जाल में फँसना।
आशा है कि मेरा प्रयास आपको अच्छा लगेगा । आपका सुझाव आपेक्षित है। अगला अंक 06-03-2017 को प्रकाशित होगी। धन्यवाद ! अंत में ....
मेरी एक कहानी - दो भागों में