मित्रों ,
इस पोस्ट में शामिल रचनाओं के चुनाव का दो आधार हैं :-
1. रचनाकार मित्रों का मेरे ब्लॉग का अनुसरणकर्ता/फॉलोवर होना अनिवार्य है।
2. पोस्ट का कंटेंट अश्लील या किसी भी व्यक्ति की भावनाओं पर चोट न पहुंचाती हो।
"मित्र मंडली" की चौथी कड़ी का पोस्ट प्रस्तुत है। इस पोस्ट में मेरे ब्लॉग फॉलोवर/अनुसरणकर्ता के हिंदी पोस्ट के लिंक के साथ उस पोस्ट के प्रति मेरी भावाभिव्यक्ति सलंग्न है। पोस्ट का चयन साप्ताहिक आधार पर है। इसमें दिनांक 06.02.2017 से 12.02.2017 के हिंदी पोस्ट का संकलन है।
इसका उद्देश्य मेरे मित्रों की रचना को ज्यादा से ज्यादा पाठकों तक पहुँचाना है।
आप सभी पाठकगण से निवेदन है कि दिए गए लिंक के पोस्ट को पढ़ कर टिपण्णी के माध्यम से अपने विचार जरूर लिखें। यकीं करें ! आपके द्वारा दिया गया विचार लेखकों के लिए अनमोल होगा।
प्रार्थी
राकेश कुमार श्रीवास्तव "राही"
मित्र मंडली - 6
1. "पहले आप - पहले आप "सुधरो ! - पीताम्बर दत्त शर्मा (स्वतन्त्र टिप्पणीकार)मो.न. 9414657511
"पहले आप - पहले आप "सुधरो ! - पीताम्बर दत्त शर्मा की पोस्ट विचारणीय है। जैसा की इन्होंने लिखा है कि सब कुछ संविधान के अनुसार हो रहा है तो ऐसे हालात में क्या किया जाए। भारत के सभी बुद्धिजीवी इस बात से आहत है कि भारत का संविधान कुछ कहता है और हमारी सरकारें और नेता लोग कुछ और कहते है। मसलन जाति, लिंग, भाषा, धर्मऔर रंग के आधार पर भेद-भाव नहीं कर सकते परंतु वास्तविकता कुछ और है। मेरा तो मनना है की देश में पार्टी की ही प्रथा गलत है इससे परिवारवाद को बढ़ावा मिलता है या राजतंत्र की बू आती है। भारत को नेता नहीं अपितु समाजसेवक चाहिए जो हम किसी से भी उम्मीद नहीं कर सकते क्योंकि लाखों-करोड़ों खर्च कर कोई आपकी सेवा करने तो नहीं आयेगा।
2. धीरे - धीरे ज़ख़्म सारे
"धीरे - धीरे ज़ख़्म सारे" रवीन्द्र जी बहुत ही सुंदर कविता है। ज़िन्दगी से जुड़े चंद पहलुओं पर उनके सुंदर मनोभाव को कविता के माध्यम से प्रस्तुत किया है।
3. भोपाल उत्सव मेले की रंगत में
कवित जी ने भोपाल उत्सव मेले का सजीव शब्द चित्रण किया है। यू -ट्यूब के द्वारा मेले का फिल्मांकन दर्शनीय है। आप भी आनंद लें।
4. योजनाओं का लाभ उठाया कैसे जाए ?इसपर भी जोर दो !- पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक) मो.न.- ९४१४६५७५११
योजनाओं का लाभ उठाया कैसे जाए ?इसपर भी जोर दो !- पीताम्बर दत्त शर्मा की पोस्ट फिर से सामाजिक सरोकार से जुड़ा है। आप माने या ना माने सभी पार्टी जानती है कि अशिक्षित जनता ही इनका पोषण कर सकती है अतः परोक्ष और अपरोक्ष रूप से शिक्षा को आम जन से अभी तक दूर रखा गया है।
5. मानवीय प्रतिरक्षा शक्ति : सतीश सक्सेना
"मेरे गीत" ब्लॉग का एक साल के बाद लिखी गई "मानवीय प्रतिरक्षा शक्ति" : सतीश सक्सेना जी की पोस्ट वाकई विचारणीय है ऐसा इस लिए की ये केवल किताबी ज्ञान से लिए गए विचार नहीं है अपितु सतीश जी ने खुद पर अमल किया और इसके परिणाम को हमारे साथ साझा किया इसके लिए सतीश जी को साधुवाद है।
6. हमे भी सोचना होगा, तुम्हें भी सोचना होगा ---------
राजेश जी की कविता "हमे भी सोचना होगा, तुम्हें भी सोचना होगा ---------" समाज को सन्देश देती कविता है कि अगर हमें शांति और सदभाव के साथ जीना है तो आज के दौर में जीने के तरीके के बारे में सभी को चिंतन करने की आवश्यकता है।
7. ग़ज़ल सम्राट स्व॰ जगजीत सिंह साहब की ७६ वीं जयंती
ग़ज़ल सम्राट स्व॰ जगजीत सिंह साहब की ७६ वीं जयंती है - शिवम् मिश्रा जी का पोस्ट में गुलज़ार जी की कविता जगजीत सिंह साहब की शख्सियत को बहुत सुंदर ढ़ंग से बयां कर रहीं हैं।
8. आदमी सोचते रहने से आदमी नहीं हुआ जाता है ‘उलूक’
आदमी सोचते रहने से आदमी नहीं हुआ जाता है ‘उलूक’ सुशील कुमार जोशी की राजनीति से इतर जिंदगी की कड़वी सच्चाई से परिचय कराती पोस्ट।
9. हम ब्लॉक माइंड देसी लोग : सतीश सक्सेना
हम ब्लॉक माइंड देसी लोग : सतीश सक्सेना जी की पोस्ट टहलने एवं 2 मिनट की दौड़ का महत्त्व को बताती है। सुंदर प्रयास।
10. Ye kahaan se aa gayee bahar hai.
रवींद्र जी की इस पोस्ट में ज़िन्दगी से लाख मायूसी हो मगर आशा होने के कारण जीने की चाह बनी हुई है।
11. प्राण साहब की ९७ वीं जयंती
शिवम् मिश्रा जी की पोस्ट "प्राण साहब की ९७ वीं जयंती" अभिनेता प्राण साहब की संक्षिप्त जीवनी बहुत ही सुंदर ढ़ंग से प्रस्तुत की गई है। आप भी आनंद लें।
आशा है कि मेरा प्रयास आपको अच्छा लगेगा । आपका सुझाव आपेक्षित है। अगला अंक 20-02-2017 को प्रकाशित होगी। धन्यवाद ! अंत में ....
12. पुस्तक समीक्षा-1
मेरे द्वारा लिखित एक पुस्तक समीक्षा- “ज़िन्दा है मन्टो” ।