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15 अगस्त पर कुछ कविताएँ | Poem on Independence Day 15 August

दोस्तों, सबसे पहले तो आप सबको स्वतंत्रता दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं। हम सब को पता हैं की 15 अगस्त को हम सब स्वतंत्रता दिवस बड़ी धूम धाम से मनाते हैं। ज्ञानीपण्डित पर आपनें 15 अगस्त पर भाषण, 15 अगस्त पर निबंध और 15 अगस्त पर सुविचार पढ़े हैं। ज्ञानीपण्डित के बहुत से फोल्लोवेर्स को 15 अगस्त पर कविताएँ – 15 August Poem चाहिए थी। तो इसलियें आज हम स्वतंत्रता दिन के इस सुवर्ण मौके पर आपके लिए 15 अगस्त पर कुछ कविताएँ – Poem on Independence Day लाये हैं। ताकि आपका इस साल का स्वतंत्रता दिवस – Independence Day और भी खास हो जाये।

15 अगस्त पर कुछ कविताएँ – Poem on Independence Day 15 August

Poem on Independence Day – मेरा देश

प्यारा प्यारा मेरा देश,

सबसे न्यारा मेरा देश।

दुनिया जिस पर गर्व करे,

ऐसा सितारा मेरा देश।

चांदी सोना मेरा देश,

सफ़ल सलोना मेरा देश।

गंगा जमुना की माला का,

फूलोँ वाला मेरा देश।

आगे जाए मेरा देश,

नित नए मुस्काएं मेरा देश।

इतिहासों में बढ़ चढ़ कर,

नाम लिखायें मेरा देश।

15 August Poem – विजयी विश्व तिरंगा प्यारा

विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,

झंडा ऊँचा रहे हमारा।

सदा शक्ति बरसाने वाला,

प्रेम सुधा सरसाने वाला

वीरों को हर्षाने वाला

मातृभूमि का तन-मन सारा,

झंडा ऊँचा रहे हमारा।

स्वतंत्रता के भीषण रण में,

लखकर जोश बढ़े क्षण-क्षण में,

काँपे शत्रु देखकर मन में,

मिट जाये भय संकट सारा,

झंडा ऊँचा रहे हमारा।

इस झंडे के नीचे निर्भय,

हो स्वराज जनता का निश्चय,

बोलो भारत माता की जय,

स्वतंत्रता ही ध्येय हमारा,

झंडा ऊँचा रहे हमारा।

आओ प्यारे वीरों आओ,

देश-जाति पर बलि-बलि जाओ,

एक साथ सब मिलकर गाओ,

प्यारा भारत देश हमारा,

झंडा ऊँचा रहे हमारा।

इसकी शान न जाने पावे,

चाहे जान भले ही जावे,

विश्व-विजय करके दिखलावे,

तब होवे प्रण-पूर्ण हमारा,

झंडा ऊँचा रहे हमारा।

– श्यामलाल गुप्त पार्षद

Independence Day Poem – आज़ादी

भागी परतंत्रता,

आयी स्वतंत्रता,

दिखलायी वीरता,

वीरों की ललकार,

देशभक्त की पुँकार,

आगे बढ़े तरुणाई

भारत को सजायेंगे

रक्षक हम आज़ादी के

गौरव को बढ़ायेंगे

रह्स्त्र गीत गाएंगे,

तिरंगा लहरायेंगे

Poem on Independence Day – ऐ मेरे प्यारे वतन

ऐ मेरे प्यारे वतन, ऐ मेरे बिछड़े चमन

तुझ पे दिल कुरबान

तू ही मेरी आरजू़, तू ही मेरी आबरू

तू ही मेरी जान

तेरे दामन से जो आए

उन हवाओं को सलाम

चूम लूँ मैं उस जुबाँ को

जिसपे आए तेरा नाम

सबसे प्यारी सुबह तेरी

सबसे रंगी तेरी शाम

तुझ पे दिल कुरबान

माँ का दिल बनके कभी

सीने से लग जाता है तू

और कभी नन्हीं-सी बेटी

बन के याद आता है तू

जितना याद आता है मुझको

उतना तड़पाता है तू

तुझ पे दिल कुरबान

छोड़ कर तेरी ज़मीं को

दूर आ पहुँचे हैं हम

फिर भी है ये ही तमन्ना

तेरे ज़र्रों की कसम

हम जहाँ पैदा हुए उस

जगह पे ही निकले दम

तुझ पे दिल कुरबान

– प्रेम धवन

15 August Poem – भारत देश हमारा प्यारा।

भारत देश हमारा प्यारा।

सारे विश्व में हैं न्यारा।

अलग अलग हैं यहाँ रूप रंग।

पर सभी एक सुर में गाते।

झेंडा ऊँचा रहे हमारा।

हर परदेश की अलग जुबान।

पर मिठास की उनमे शान।

अनेकता में एकता पिरोकर।

सबने मिल जुल कर देश संवारा।

लगा रहा हैं भारत सारा।

‘हम सब एक हैं’ का नारा।

Poem on Independence Day – सारे जहाँ से अच्छा

सारे जहाँ से अच्छा

हिंदुस्तान हमारा

हम बुलबुलें हैं उसकी

वो गुलसिताँ हमारा।

परबत वो सबसे ऊँचा

हमसाया आसमाँ का

वो संतरी हमारा

वो पासबाँ हमारा।

गोदी में खेलती हैं

जिसकी हज़ारों नदियाँ

गुलशन है जिनके दम से

रश्क-ए-जिनाँ हमारा।

मज़हब नहीं सिखाता

आपस में बैर रखना

हिंदी हैं हम वतन है

हिंदुस्तान हमारा।

– मुहम्मद इक़बाल

Independence Day Poem – ध्वजा वंदना

नमो, नमो, नमो।

नमो स्वतंत्र भारत की ध्वजा, नमो, नमो!

नमो नगाधिराज – शृंग की विहारिणी!

नमो अनंत सौख्य – शक्ति – शील – धारिणी!

प्रणय – प्रसारिणी, नमो अरिष्ट – वारिणी!

नमो मनुष्य की शुभेषणा – प्रचारिणी!

नवीन सूर्य की नई प्रभा, नमो, नमो!

हम न किसी का चाहते तनिक अहित, अपकार।

प्रेमी सकल जहान का भारतवर्ष उदार।

सत्य न्याय के हेतु

फहर-फहर ओ केतु

हम विचरेंगे देश-देश के बीच मिलन का सेतु

पवित्र सौम्य, शांति की शिखा, नमो, नमो!

तार-तार में हैं गुँथा ध्वजे, तुम्हारा त्याग!

दहक रही है आज भी, तुम में बलि की आग।

सेवक सैन्य कठोर

हम चालीस करोड़

कौन देख सकता कुभाव से ध्वजे, तुम्हारी ओर

करते तव जय गान

वीर हुए बलिदान,

अंगारों पर चला तुम्हें ले सारा हिंदुस्तान!

प्रताप की विभा, कृषानुजा, नमो, नमो!

– रामधारी सिंह ‘दिनकर’

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