अँधेरे में एक हसीं रात के साथ अल्फाज इश्क़ फर्मा रहे हो,
और आपकी अज़ीज़ आपसे कहे ,
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"कुछ सुनाईये न !"
तब वो फरमाइश
ठुकराई नहीं जा सकती !
फरमाइश (Request)
लब्जोंको जोडके नशीले ख़ाब बुनलु
कोई गझल मैं लिख दू, फरमाइश तो कीजिये
होठोंका काम कुछ और है, बात रोके नहीं
करदु हर आरजू पुरी, फरमाइश तो कीजिये (wish)
हर सहर, ओस के कतरोंको समेटलू (Morning, Dew drops)
तेरे आँचल मोती भरु, फरमाइश तो कीजिये
चौदहवीके चांदसे लोग करते है तेरी बराबरी
चाँदको फना करदु, फरमाइश तो कीजिये (destroy)
ऐ साकी, अब शराब का नशा चढ़ता नहीं (a loved lady)
तेरे आंखोके जाम पीलू, फरमाइश तो कीजिये
हर रोज जान लेती हो मेरी थोड़ी थोड़ी
तेरे जानोमे दम तोडदु , फरमाइश तो कीजिये (Lap )