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Jo Utar ke Zeena-E-Shaam Se- Amzad Islam Amzad

One of the best writings of Janaab Amjad Islam Amjad with meanings of difficult urdu words.
ASHAAR

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भली सी एक शक्ल थी-अहमद फ़राज़

होठों पे मोहब्बत के फ़साने नहीं आते- शायर बशीर बद्र

ये एक बात समझने में रात हो गई है

जो  उतर  के  ज़ीना -ए -शाम  से  
 तेरी  चश्म -ए -खुश  में समा  गए 
 वही  जलते  बुझते  से  मेहर -ओ -माह 
 मेरे  बाम -ओ -दर  को  सजा  गए 

 ये  अजीब  खेल  है  इश्क़  का 
 मैंने  आप  देखा  ये  मोजज़ा 
 वो  जो  लफ्ज़  मेरे  गुमां  में  थे 
 वो  तेरी  जुबां  पर  आ  गए 

 वो  जो  गीत  तुम  ने  सुना  नहीं 
 मेरी  उम्र  भर  का  रियाज़ था
 मेरे दर्द  की  थी दास्ताँ
 जिसे  तुम  हंसी  में  उड़ा  गए 

वो  चिराग़ -ए -जां  कभी  जिस की लौ   
 ना किसी हवा  से  निगुण  हुई
 तेरी  बेवफाई  के  वसवसे
 उसे  चुपके  चुपके  बुझा  गए 

 वो  था  चाँद  शाम -ए -विसाल  का 
 के  था  रूप  तेरे  जमाल  का 
 मेरी  रूह  से  मेरी  आँख  तक 
 किसी  रौशनी  में  नहा  गए 

 ये  जो  बन्दगान -ए -नियाज़  हैं 
 ये  तमाम  है  वो  लश्करी 
 जिन्हें  ज़िंदगी  ने  अमां  न  दी 
 तो  तेरे  हुज़ूर  में  आ  गए 

 तेरी  बेरुखी  के  दयार  में
 मैं  हवा  के  साथ  हवा  हुआ
 तेरे  आईने  की  तलाश  में
 मेरे  ख्वाब  चेहरा  गँवा  गए 

 तेरे  वसवसों  के  फ़िशार  में
 तेरा  शहर -ए -रंग  उजड़  गया
 मेरी  ख्वाहिशों  के  ग़ुबार  में
 मेरे  माह -ओ -साल -ए -वफ़ा  गए

 वो  अजीब  फूल  से  लफ्ज़  थे
 तेरे  होंठ  जिन  से  महक  उठे
 मेरे  दश्त -ए -ख्वाब  में  दूर  तक
 कोई  बाघ  जैसे  लगा  गए 

 मेरी  उम्र से  न  सिमट  सके
 मेरे  दिल  में  इतने  सवाल  थे
 तेरे  पास  जितने  जवाब  थे
 तेरी  एक  निगाह  में  आ  गए 


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