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माँ पर 21 बेस्ट कविताएं | Poem on Mother in Hindi: Maa Par Kavita

 Poem on Mother in Hindi: Maa Par Kavita - Friends, today in this post we have collected some poems on mother based on mother. This Maa Par Kavita in Hindi is very popular poem. Which will touch your heart.

Friends, it is very difficult to express mother's love in a few words. No one in this world can love you more than your mother. Removes all the obstacles coming in the way of your life. Mother knows everything about you. Mother understands what you want without you saying anything.

Mother tirelessly wants to fulfill all the wishes of her children. Tries to make us a better person. Mother always wants to see us happy. It is said that even God comes after listening to the call of the mother.

Writing poetry on mother is not an easy task. Here some popular poems in Poem about Mother in Hindi are given below. We hope you will like this best poem on mother. Poem about Mother in Hindi, Maa Par Kavita in Hindi, Poem on Mother, Maa Kavita Short Poem on Mother in Hindi.

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माँ पर 21 बेस्ट कविताएं | Poem on Mother in Hindi

poem on mother in hindi

1. अम्मा का जाना (Sad Poem on Maa in Hindi)

अम्मा का जाना

बाबा के लिए 

कुछ यूं रहा ज्यों 

हाथ छुड़ा कर चली गई हो, 

एकबार फिर से उनकी अपनी माँ!

अम्मा के जाने के बाद बाबा 

अपने कमरे में नहीं जाते

दालान में बिछे दीवान पर गुमसुम बैठे 

सिलबट्टे को ताका करते हैं,

मानों अम्मा मेहंदी रचे , चूड़ी भरे हाथों से 

पीस रही हो मिरच अमिया की चटनी !

अम्मा का जाना पूरे घर पर

भारी कर देता है बाबा की चाय, दवाई 

और दो बख़त की रोटी के टाईम का लेखाजोखा!

अम्मा के जाने से बाबा को 

अब कोई बीमारी नहीं सिवाय हर बात में 

अम्मा को याद कर रोने की बीमारी के!

जीवन भर खुशी से चहककर भागदौड़ कर 

अम्मा के मनचाही मुंहमाँगी करने वाले बाबा 

अम्मा की बूढ़ सुहागन  हो जाने की मुराद 

सच होने पर न जाने क्यों मुंह लटकाए बैठे रहते हैं ?

अम्मा का जाना बाबा को इतना खलता है कि

खलते देखते ही उन्हें याद आ जाती है 

अम्मा के लिए रातों को छिपाकर लाई 

इमरती, रबड़ी और खस्ता-कचौड़ी !

बाबा अब हजामत नहीं बनाते 

कि शीशे में उन्हें वे नहीं ,

अम्मा दिखती हैं !

सुजाता 

 2. मैं माँ को मानता हूँ

बचपन में माँ कहती थीं

बिल्ली रास्ता काटे,

तो बुरा होता है

रुक जाना चाहिए

मैं आज भी रुक जाता हूँ

कोई बात है जो डरा

देती है मुझे

यकीन मानो,

मैं पुराने ख्याल वाला हूँ नहीं 

मैं शगुन-अपशगुन को भी नहीं मानता

मैं माँ को मानता हूँ

मैं माँ को मानता हूँ

दही खाने की आदत मेरी

गयी नहीं आज तक

दही खाने की आदत मेरी

गयी नहीं आज तक

माँ कहती थीं

घर से दही खाकर निकल

तो शुभ होता है

मैं आज भी हर सुबह दही

खाकर निकलता हूँ

मैं शगुन-अपशगुन को भी नही मानता…

मैं माँ को मानता हूँ

मैं माँ को मानता हूँ

आज भी मैं अँधेरा देखकर डर जाता हूँ,

भूत-प्रेत के किस्से खोफ पैदा करते हैं मुझमें,

जादू , टोने, टोटके पर मैं यकीन कर लेता हूँ

बचपन में माँ कहती थी

कुछ होते हैं बुरी नज़र लगाने वाले,

कुछ होते हैं खुशियों में सताने वाले

यकीन मानों, मैं पुराने ख्याल वाला नहीं हूँ

मैं शगुन-अपशगुन को भी नहीं मानता

मैं माँ को मानता हूँ

मैं माँ को मानता हूँ

मैंने भगवान को भी नहीं देखा जमीन पर

मैंने अल्लाह को भी नहीं देखा

लोग कहते है,

नास्तिक हूँ मैं

मैं किसी भगवान को नहीं मानता

लेकिन माँ को मानता हूँ

में माँ को मानता हूँ

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3. ईश्वर का रूप है माँ (Maa Par Kavita)

Maa Par Kavita: Friends, it is not so easy to write poems on mother, but I am sharing some of my collected mother's poems with you. I hope you like this Hindi poem on mother's love.

Mother's love has no value. Let me tell you that people who have a mother are very lucky, their luck never leaves them and the most valuable thing in the world is the blessings of the mother and father.

The one who has this is the richest person. Friends, today I am writing some poem for you and I hope that you will like the Maa Par Kavita given below.

So friends, let's start copying poem for our dear mother and read it to our mother. 

तुम एक गहरी छाव है अगर तो जिंदगी धूप है माँ

धरा पर कब कहां तुझसा कोई स्वरूप है माँ

अगर ईश्वर कहीं पर है उसे देखा कहां किसने

धरा पर तो तू ही ईश्वर का रूप है माँ, ईश्वर का कोई रुप है माँ

नई ऊंचाई सच्ची है नए आधार सच्चा है

कोई चीज ना है सच्ची ना यह संसार सच्चा है

मगर धरती से अंबर तक युगो से लोग कहते हैं

अगर सच्चा है कुछ जग में तो माँ का प्यार सच्चा है

जरा सी देर होने पर सब से पूछती माँ,

पलक झपके बिना घर का दरवाजा ताकती माँ

हर एक आहट पर उसका चौक पड़ना, फिर दुआ देना

मेरे घर लौट आने तक, बराबर जागती है माँ

सुलाने के लिए मुझको, तो खुद ही जागती रही माँ

सहराने देर तक अक्सर, मेरे बैठी रही माँ

मेरे सपनों में परिया फूल तितली भी तभी तक थे.

मुझे आंचल में लेकर अपने लेटी रही माँ.

बड़ी छोटी रकम से घर चलाना जानती थी माँ

कमी थी बड़ी पर खुशियाँ जुटाना जानती थी माँ.

मै खुशहाली में भी रिश्तो में दुरी बना पाया.

गरीबी में भी हर रिश्ता निभाना जानती थी माँ.

माँ पर कविता हिंदी में

मेरे सर पर भी माँ की दुवाओं का साया होगा,

इसलिए समुन्दर ने मुझे डूबने से बचाया होगा..

माँ की आघोष में लौट आया है वो बेटा फिर से..

शायद इस दुनिया ने उसे बहुत सताया होगा…

अब उसकी मोहब्बत की कोई क्या मिसाल दे,

पेट अपना काट जब बच्चों को खिलाया होगा..

की थी सकावत उमर भर जिसने उन के लिए

क्या हाल हुआ जब हाथ में कजा आया होगा

कैसे जन्नत मिलेगी उस औलाद को जिस ने

उस माँ से पैहले बीवी का फ़र्ज़ निभाया होगा…

और माँ के सजदे को कोई शिर्क ना कह दे

इसलिए उन पैरों में एक स्वर्ग बनाया होगा

4. बहुत याद आती है माँ (Heart Touching Poems on Mom in Hindi)

बाजुओं में खींच के आ जायेगी जैसे क़ायनात

अपने बच्चे के लिए ऐसे बाहें फैलाती है माँ…

ज़िन्दगी के सफ़र मै गर्दिशों में धुप में

जब कोई साया नहीं मिलता तब बहुत याद आती है माँ..

प्यार कहते हैं किसे, और ममता क्या चीज़ है,

कोई उन बच्चों से पूछे जिनकी मर जाती है माँ

सफा-ए- हस्ती पे लिखती है, असूल-ए- ज़िन्दगी,

इसलिए तो मक़सद-ए- इस्लाम कहलाती है माँ.

जब ज़िगर परदेस जाता है ए नूर-ए- नज़र,

कुरान लेकर सर पे आ जाती है माँ

लेके ज़मानत में रज़ा-ए- पाक की,

पीछे पीछे सर झुकाए दूर तक जाती है माँ

काँपती आवाज़ में कहती है बेटा अलविदा

सामने जब तक रहे हाथों को लहराती है माँ

जब परेशानी में फँस जाते हैं हम परदेस में

आंसुओं को पोंछने ख्वाबों में आ जाती है माँ

मरते दम तक आ सका न बच्चा घर परदेस से,

अपनी सारी दुआएं चौखट पे छोड़ जाती है माँ

बाद मरने के बेटे की खिदमत के लिए,

रूप बेटी का बदल के घर में आ जाती है माँ 

5. माँ प्यार ये तेरा कैसा है? (Poem on Mother in Hindi)

घुटनों से रेंगते-रेंगते

कब पैरों पर खड़ी हुई

तेरी ममता की छाँव में

जाने कब बड़ी हुई

काला-टीका दूध मलाई

आज भी सब कुछ वैसा है

मैं ही मैं हूँ हर जगह

माँ प्यार ये तेरा कैसा है

सीधी-साधी भोली-भाली

मैं ही सबसे अच्छी हूँ

कितनी भी हो जाऊ बड़ी

माँ मैं आज भी तेरी बच्ची हूँ

-अमृता वर्मा

6. बच्चा माँ की आँखों का तारा होता है (Poem on Maa in Hindi)

Poem on Maa in Hindi: Friends, we have collected some of the best poems written on Maa. By the way, there is no explanation on the mother.

Because no pen in the world has the power to define a mother. Mother is the embodiment of purity, sacrifice, affection and love whose debt can never be repaid. Only a mother who takes care of everyone.

There is only one mother on whose call even God comes. We have collected poems for Mother on Mother's day. 

बच्चा माँ की आँखों का तारा होता है

जो उसे जान से भी प्यारा होता है

जिसे वह हमेशा दुलार करती है

वही उसके आँगन का सितारा होता है।

बच्चे को कठिन परिस्थितियों से बचाती है

बाद में उससे लड़ना सिखाती है

हार का मुँह कभी नहीं देखती

बच्चे को भी जीना सिखाती है।

बच्चे के चेहरे पर मुस्कान लाती है

बड़े प्यार से उसे सहलाती है

सारे काम वह बाद में करती है

पहले उसकी ज़मी को जन्नत बनती है।

आँखों में जब तिनका आ जाता है

पल्लू से उसे हटा देती है

पास खड़ी उसके हर मोड़ पर

हर बार वही नज़र आती है।

सारे जहाँ से खुद है लड़ती

हर दर्द में वो हँसती है

जब बच्चे की आँखों में आँसू हो

तो वो भी नम हो जाती है।

जब बच्चे को चलाना सिखाती है

रास्तों को मखमल बना देती है

होठ उसके खिल उठते है

जब उसे कोशिश करते देखती है।

मंज़िल की शुरुआत यहीं से होती है

जब तक सफल न हो, चैन से न सोती है

और जब बच्चा गिर जाता है

उसका हौसला बनकर उसे फिर उठाती है।

न हो के भी अपनी अहसास दिलाती है

सभी रिश्ते निभाने का साहस देती है

रूक जाते हैं जब कदम आगे बढ़ने से

परछाईं बनकर फिर आ जाती है।

उसका हर बच्चा उसके लिए नूर होता है

वही उसकी देहं, सूरत होता है

वो सबसे ज़्यादा तब खुश होती है

जब उसका बच्चा उसके आँसू पोंछता है।

7. वो मां है (Maa Par Kavita in Hindi)

नौ महीने उसे कोख में रखती है

मन ही मन उससे बातें करती है

हजारों दर्द वो सह लेती है

और प्यार से बच्चे पर हाथ फेरती है

उसका बच्चा ही उसकी खुशी है

वो ये बात मानती है

वो मां है ना, वो सब जानती है

बच्चे की खुशियों की बात हो

तो वो सबसे उलझ जाती है

उसका बच्चा इशारा भी कर दे

तो मां सब समझ जाती है

कांटो को हटाकर उसके लिए

वो फूल बिछाती है

वो मां है ना, वो सब जानती है

बच्चे के साथ खेलते खेलते

वो बाकी जहां को भूल जाती है

उसके चेहरे पर खुशियां लाने के लिए

वो उसी की तरह बन जाती है

इस दुनिया को वो उसे

अपनी नजरों से दिखाती है

वो मां है ना, वो सब जानती है

जबतक बच्चा चलना सीख नहीं जाता

बच्चे को गोद में लेकर सोती है

उसके जीवन में जैसी परिस्थितियां आती हैं

हमेशा उसकी मां ही उसके साथ होती है

गम का काढ़ा अलग करके

उसके लिए वो प्यार छानती है

वो मां है ना, वो सब जानती है।

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8. वो माता का प्यार दुलार (Small Poem on Mother in Hindi)

वो पिता की मीठी डांट

वो माता का प्यार दुलार

वो दादी नानी द्वारा कहानी सुनाने

वो दादा का खेतों मे ले जाना

वो दोस्तों के साथ टोली बनाकर खेलना

वो कपड़े मिट्टी में गंदे करना

वो अध्यापक का हमे पढ़ाना

वो रंगों से होली खेलना

वो दिवाली पर मिट्टी के दिए जलाना

जब पता चला कि बच्चपन क्या है?

तब मैंने महसूस किया की वो बचपन 

बच्चों के चेहरे की मासूमियत में है।

9. माँ एक बार प्यार से गले लगा ले (Man ke Upar Kavita)

poem on Mother in Hindi: Friends, everyone knows how important mother is for us. Our world is bright only because of the presence of mother. It will not be wrong if mother is called God. There is no limit to mother's love. Only the lucky ones get the love of a mother. That's why friends, now there is a real God in your house, so keep him happy while you are alive, his blessings are able to avoid every problem in life. The definition of love in the world has originated from mother only.

Mother's love is exclusive, so we are going to show you some sweet glimpses of this love in today's post poem on mother. Here you will read mothers day poem in hindi, small poem on mother in hindi, poem on maa in hindi, maa poetry in hindi, short poem on mother in hindi, heart touching poem on mother in hindi, maa par kavita who has mother's love He is the richest man in the world. 

आज फिर से छोटा होने का दिल कर रहा है

माँ तेरी गोद में सर रख के सोने का दिल कर रहा है 

कितनी भी गलतियां हो जाएं बचपन में हमसे

पर मां तेरे लिए हम हमेशा सही होते थे 

और अब बिन गलतियों के भी गलत हो जाते हैं हम 

एक बार फिर से वो यादें संजोने का दिल कर रहा है

माँ तेरी गोद में सर रख के सोने का दिल कर रहा है

बचपन में रोना हसना सब कितना अच्छा होता था माँ  

झूठी हंसी है चेहरे पर क्यूंकि रोने वालों को 

दुनिया कमज़ोर समझती है 

माँ एक बार प्यार से गले लगा ले 

खुल के रोने का दिल कर रहा है

माँ तेरी गोद में सर रख के सोने का दिल कर रहा है

हमारी भूख प्यास का तुम्हें एहसास था माँ  

हमारा सुख दुःख सब तुम्हारे पास था माँ

अब समझाने से कोई नहीं समझता 

तुम बिन कहे सब समझ जाती थी माँ ! 

एक बार फिर से तेरे सामने 

भूखा प्यासा होने का दिल कर रहा है 

माँ तेरी गोद में सर रख के सोने का दिल कर रहा है

- श्वेता सेठ

10. माँ क्या तुम कोई परियों की कहानी हो (poem on mothers day in hindi)

माँ, क्या तुम कोई परियों की कहानी हो?

या मेरी कल्पना कोई पुरानी हो?

क्या तुम कोई परियों की कहानी हो?

क्या सचमुच मेरी ज़िंदगी में तेरा वजूद था?

या बस मेरे सोच के दायरे में सिमटी हो?

या हो कोई मधुर स्वप्न

जो बस नींदों में बनती हो?

जिससे मेरा भाग्य है वंचित

तुम वो गोद सुहानी हो

माँ, क्या तुम कोई परियों की कहानी हो?

अतीत में गूंजती मीठी सी आवाज़ हो तुम

एक धुंधली टिमटिमाती सी याद हो तुम

जिसे जी भर के बुला ना सकी

वही प्यारा सा अल्फ़ाज़ हो तुम

मेरे स्कूल के किस्सों,दोस्तों

पसन्द, नापसन्द हर चीज से अंजानी हो

माँ, क्या तुम कोई परियों की कहानी हो?

इतनी कम समझ, इतनी छोटी उमर थी

कि मौत के मतलब से भी बेखबर थी

मैं रोज़ तेरा इंतेज़ार करती थी

सबसे तेरा ठिकाना पूछा करती थी

फिर भ्रम और वास्तविकता वक़्त ने बता दिया

तेरे खालीपन ने मुझे लिखना सिखा दिया ।

– जया पाण्डेय

11. माँ से ही दुनिया कि मूरत बनती है (Hindi Poem on Mother)

मॉ वह दर्पण है जिसमें ममता झलकती है

माँ से ही दुनिया कि मूरत बनती है,

तुम्हारी हर हँसी उसकी हँसी होती है,

तकलीफ में भी उसे परवाह तुम्हारी होती है,

तुम्हारे अपमान को वो सहती रहती है,

फिर भी तुम्हारी सलामती की वो दुआ करती रहती है,

तुम्हारे सपने को वो अपना सपना बना लेती है,

तुम्हारे लिए वो कांटों को भी अपना बिछौना बना लेती है,

मॉ को छोड़कर तुम एक नया परिवार बनाते हो,

मॉ की ममता की तुम खुद ही चिता जलाते हो,

तुम्हारी यादों मे वो हरपल रोती रहती है,

किस्मत वाले होते हैं जिनके मॉ होती है,

जो हर वक्त तुम्हारे साथ रहती है,

ऐसी तो सिर्फ मॉ होती है.

– प्रिया यादव

12. माँ भूलती नहीं (Short Poems on Mother in Hindi)

Best Heart Touching Poems on Mom in Hindi: Friends, no such pen has been made in the world till date, which can write the definition of the word mother. It is said that mother is another form of God in the world. There is no value of mother's love, those people are very lucky who have a mother.

It is said that those who have mother's hand on their head, luck also does not leave them. In this post, the creations of famous poets (maa poems in hindi) have been shared on mother. 

माँ भूलती नहीं,

याद रखती है हर टूटा सपना

नहीं चाहती कि

उसकी बेटी को भी पड़े

उसी की तरह

आग में तपना

माँ जानती है

जिन्दगी कि बगिया में

फूल कम शूल अधिक हैं,

उसे यह भी ज्ञात है कि

समय सदा साथ नहीं देता

वह अपनी राजदुलारी को

रखना चाहती है महफूज़

नहीं चाहती कि

उस जान से ज्यादा

अज़ीज़ बेटी पर

कभी भी उठे उँगली।

इसलिए वह

भीतर से

नर्म होते हुए भी

ऊपर से

दिखती है कठोर

जैसे रात की सियाही

छिपाए रहती है

अपने दामन में

उजली भोर।

13. तेरी ममता की छाँव में (मेरी माँ पर कविता)

घुटनों से रेंगते रेंगते

कब पैरो पर खड़ा हुआ

तेरी ममता की छाँव में

न जाने कब बड़ा हुआ?

काला टीका दूध मलाई

आज भी सब कुछ वैसा है

मै ही मै हु हर जगह

प्यार ये तेरा कैसा है

सीधा साधा भोला भाला

मै ही सबसे अच्छा हु

कितना भी हो जाऊ बड़ा

माँ मै आज भी तेरा बच्चा हु.

14.मेरे हिस्से आई अम्मा (माँ पर कविता)

चिंतन दर्शन जीवन सर्जन

रूह नज़र पर छाई अम्मा

सारे घर का शोर शराबा

सूनापन तनहाई अम्मा

उसने खुद़ को खोकर मुझमें

एक नया आकार लिया है,

धरती अंबर आग हवा जल

जैसी ही सच्चाई अम्मा

सारे रिश्ते- जेठ दुपहरी

गर्म हवा आतिश अंगारे

झरना दरिया झील समंदर

भीनी-सी पुरवाई अम्मा

घर में झीने रिश्ते मैंने

लाखों बार उधड़ते देखे

चुपके चुपके कर देती थी

जाने कब तुरपाई अम्मा

बाबू जी गुज़रे, आपस में-

सब चीज़ें तक़सीम हुई तब-

मैं घर में सबसे छोटा था

मेरे हिस्से आई अम्मा

- आलोक श्रीवास्तव

15. खुशनसीब हैं वो लोग जिनके पास माँ है (Hindi Poem on Mother)

Maa Par Kavita – Friends, today a collection of poems on mother has been given in this post. You will definitely like this collection of Hindi Poems on Mothers.

It is not in anyone's capability to define mother. Mother's place in life is considered higher than that of God. The heaven on earth is considered to be under the umbrella of the parents.

There is only a mother who takes care of her children 24 X 7. There is no holiday or Sunday for mother. She constantly takes care of her children tirelessly. Mother is the one who understands all the things of her children without telling them. maa pe kavita, Poem on Mother in Hindi, Poems on Mother, Poem on Mom in Hindi, Maa Kavita.

कभी जो गुस्से में आकर मुझे डांट देती

कभी जो गुस्से में आकर मुझे डांट देती

जो रोने लगूं में मुझे वो चुपाती

जो में रूठ जाऊं मुझे वो मनाती,

मेरे कपड़े वो धोती म



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