क्या आप लोग जानते है की सेंसेक्स क्या होता है (Sensex Kya Hota Hai) अगर आप सभी लोग भी अखबार या टीवी देखते होगे तो सेंसेक्स शब्द सुना होगा की आज सेंसेक्स की अंक ऊपर जा रहा है और फिर सुने होंगे आज सेंसेक्स की अंक नीचे जा रहे है ।
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अगर आप लोग शेयर मार्केट में पैसा निवेश करते होंगे तो आपको ये सब पता होगा की निफ्टी और Sensex Kya Hota Hai । अगर आप ये शब्द नही सुना है की सेंसेक्स क्या होता है तो आज आप हमारी इस लेख में पूरी तरह से समझ जायेंगे की सेंसेक्स क्या है कैसे काम करता है और इसके जरिए क्या काम होता है।
हमने अपनी पहली लेख में पूरा विस्तार से समझाया है की निफ्टी क्या होता है और कैसे काम करता है और आज हम बात करेंगे की सेंसेक्स क्या होता है (Sensex Kya Hota Hai) sensex कैसे काम करता है। Sensex भी Nifty की तरह होता है। निफ्टी की तुलना में निफ्टी में 50 कंपनिया लिस्टेड होती है और वही सेंसेक्स में 30 कंपनिया लिस्टेड होती है तो आए पूरा विस्तार से समझते है।
सेंसेक्स क्या होता है ? (Sensex Kya Hota Hai)
Sensex शब्द की शुरुआत किसने किया सेंसेक्स शब्द दो शब्दो से मिलकर बना है Sensitive और Index से मिलकर सेंसेक्स बना है सेंसेक्स शब्द की शुरुआत दीपक मोहिनी के द्वारा किया गया था। यह एक संवेदी सूचकांक होता है।
सेंसेक्स एक हमारे भारतीय Stock मार्केट का बेंचमार्क इंडेक्स है जो को BSE (Bombay Stock exchange) के भाव में होने वाली तेजी और मंदी को बताता है। सेंसेक्स के जरिए 30 सबसे बड़ी कंपनियों के प्रदर्शन को जरकारी हासिल होती है । सेंसेक्स की बात को जाए तो ये भारत का सबसे पुराना मार्केट इंडेक्स है जिसकी शुरुआत 1986 में किया गया था।
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सेंसेक्स एक मार्केट इंडेक्स है और इसका महत्वपूर्ण काम है यह स्टॉक मार्केट में कंपनियों के सभी शेयर्स के भाव को देखता रहता है और पूरा दिन के काम के बाद एक वैल्यू देता है की हमारी शेयर्स के भाव में गिरावट आया है की हमारे शेयर में बढ़ाव आया है।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज BSE जो को भारत का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है इसके अंडर में 30 भारत की कंपनिया आती है। ये कंपनिया मार्केट कैपिटिलाइजेशन के द्वारा देखा जाए तो बहुत ही बड़ी कंपनिया होती हैं। यह अभी के समय में भारतीय GDP का कुल 39% है।
यह कंपनिया भारतीय बाजार के ट्रेंड को सेट करने का काम करती है। आसान शब्द में बताए तो ये भारत की बड़ी कंपनियों के शेयर की कीमतों के अंक बढ़ रहे या फिर घट रहे है उन्ही सभी पर नजर रखती है यही सेंसेक्स कहलाता हैं।
Sensex full form क्या हैं
Stock Exchange Sensitive Index
BSE Full Form क्या हैं
Bombay Stock Exchange
Sensex कैसे बनता है पूरी जानकारी
अभी हमने ऊपर बताया कि सेंसेक्स क्या होता है। अब हम लोग जानेंगे कि सेंसेक्स कैसे बनता है और यह किन किन लोगो द्वारा बनाया जाता है। और इसके बनने की सारी प्रक्रिया जानेंगे।
जैसे की हम लोग अब जान गए है की सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का हिस्सा है सेंसेक्स पर मात्रा बस 30 कंपनिया लिस्टेड होती है कंपनियों के शेयर के भाव से मिलकर बना हुआ है तब भी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में कुल लिस्टेड कम्पनी 6000 से भी ज्यादा है।
जब भी सेंसेक्स की गणना की जाती है तो उसमे बस 30 ही कंपनियों का मार्केट प्रमुख में होता है और उनके ही शेयर्स को शामिल किया जाता है इन 30 कंपनियों को क्यों शामिल किया जाता है क्युकी 30 कंपनियों के शेयर्स भाव को शामिल किया जाता है कारण यह की इस 30 कंपनियों के शेयर्स सबसे ज्यादा खरीदे और बेचे जाते है।
और यह 30 कंपनिया सबसे बड़ी होती है और इनका मार्केट कैप स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध सभी शेयर्स के लगभग आधा होता है जो बहुत बड़ी उपलब्धि होती है ये 30 कंपनियों 13 अलग अलग सेक्टर से चुनी जाती है और यह 30 कंपनिया अपने सेक्टर में सबसे बड़ी मानी जाती है।
और ये 30 कंपनियों का चुनाव स्टॉक एक्सचेंज की इंडेक्स कमिटी के हिसाब से किया जाता है। इस मकीटी में कई वर्गो से लोग शामिल होते है जैसे की प्रमुख रूप से सरकार,बैंक अर्थशास्त्री भी शामिल होते है।
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सेंसेक्स का परिचय
बीएसई सेंसेक्स या मुंबई शेयर बाजार संवेदी सूचकांक भारत का एक मूल्य भारतीय सूचकांक है। बीएसई ने 1986 में सेंसेक्स की स्थानपना किया था। आज उसकी सिर्फ एक भारत में नही पूरे विदेशो में प्रमुख इंडेक्स उसकी गणना की जाती है। सेंसेक्स के अंदर 30 कंपनियों को भी रखा गया है। जिसकी गणना मार्केट में कैपिटलाइजेशन वेटेज मेथाडोलाजी जी के आधार पर किया जाता है सेंसेक्स का आधार वर्ष 1978-79 सेंसेक्स का आधार वर्ष मूल्य 1 अप्रैल 1979 को 100 रुपया रखा गया जून 1990 को वही आधार मूल्य लगभग 10 गुना बढ़ गया।
सेंसेक्स कैसे घटता और बढ़ता है?
सेंसेक्स का काम ही है की शेयर्स की जानकारी प्रदान करना है। यह तिसो कंपनियों के शेयर्स को आए हर दिन उतराव चढ़ा का नजर रखता है। वही अगर सेंसेक्स में लिस्टेड कम्पनी का बाजार के मूल्य बढ़ रहे है तो तो सेंसेक्स भी बढ़ जाता है और सेंसेक्स उपर चला जाता है। वही अगर सेंसेक्स में लिस्टेड कम्पनी की बाजार में शेयर्स का मूल्य गिरने लगता है तो सेंसेक्स भी गिरने लगता है
शेयर्स की कीमतों की बात करे तो नीचे जाने का उपर जाने का बहुत महत्वपूर्ण कारण होता है। जैसे की उदाहरण की अगर कोई नया कोई कंपनी बड़ा प्रोजेक्ट लॉन्च किया है तो जाहिर सी बात है कंपनी का शेयर्स उपर बढ़ेगा।
इसकी प्रकार से अगर कोई कंपनी अपना अच्छा प्रदर्शन नही दे रही है मतलब कोई प्रोजेक्ट या और भी कुछ अच्छा काम नही कर रही है तो लोग भी सोचते अब इस कंपनी को छोड़ना है। और वैसे ही शेयर्स ज्यादा मात्रा में काम वैल्यू पे ही बिकने लगते है तो शेयर्स के दाम घाट जाते है और ऐसे ही सेंसेक्स नीचे तरह आने लगता है।
भारत में कितने स्टॉक एक्सचेंजर है?
भारत के प्रमुख दो स्टॉक एक्सचेंज है जिससे लोग बस जानते है की सेंसेक्स ही शेयर बाजार है ऐसा नही है उसका ऐसा कुछ नाम है आइए समझ ले।
- बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE)
- नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE)
Bombay Stock exchange के बारे में जो आप पढ़ रहे है वही है अगर आपको NSE मतलब की नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को पढ़ना और जानना चाहते है तो हमारी पिछली लेख वही के उपर है तो आप पढ़ सकते है यह क्लिक करे और पढ़े निफ्टी क्या है और पूरी जानकारी निफ्टी से लोग ज्यादा पैसा कैसे कमाते है।
30 कंपनियों का चुनाव किस आधार पर किया जाता हैं
अब थोड़ा ये भी जान ले की किस आधार पर 30 कंपनियों का चुनाव होता है। इंडेक्स कमिटी सेंसेक्स में शामिल करने के लिए 30 कंपनियों के चुनाव के समय कुछ यह बातों का ध्यान रखना होता है इस प्रकार होता है जान लेते है
1* उन सब कंपनियों के शेयर्स काम से काम 1 साल या उससे भी ज्यादा अधिक समय से stock exchange पर सूचीबद्ध होना चाहिए।
2* पिछले एक साल के अंदर जितने भी शेयर्स खुले है उन सभी दिनों में उस कंपनी के स्टॉक को खरीदा और बेचा होना आवश्यक होता है।
3* हर रोज की औसत ट्रेड की संख्या और वैल्यू के हिसाब से कंपनी देश की सबसे बड़ी 150 से अधिक कंपनिया में आवश्यक होना चाहिए।
यही जो उपर पहला और दूसरा और तीसरा जो जो बाते बताया गया है यही सारी बातों को ध्यान देना बहुत जरूरी है। जो लिस्टिंग के लिए इंडेक्स कमिटी के द्वारा ध्यान रखी जाती है।
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बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली 30 कंपनिया कोन कोन सी है।
सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनी सन 1986 में ही पहली बार शामिल किया गया था सभी कंपनिया बहुत काफी ताकतवर है और मार्केट कैप्बल हिसाब से बहुत बड़ी होती है। और ये कंपनियों के शेयर्स की माग बहुत ज्यादा होती है। 31 सो कंपनियों को “ब्लू चिप” कंपनिया भी कहा जाता है।बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में अभी कुल 30 कंपनी शामिल है BSE sensex में लिस्टेड कम्पनी कुछ ऐसी है।
सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनिया ?
- रिलायंस
- ओएनजीसी
- एसबीआई
- टीसीएस
- इंफोसिस
- एनटीपीसी
- आईटीसी
- भारती एयरटेल
- आईसीआईसीआई बैंक
- विप्रो
- लार्सन एंड टूब्रो
- एचडीएफसी बैंक
- एचडीएफसी
- बीएचईएल
- टाटा मोटर्स
- टाटा स्टील
- हिंदुस्तान यूनिलीवर
- जिंदल स्टील
- स्टरलाइट इंडस्ट्रीज
- महिंद्रा एंड महिंद्रा
- बजाज ऑटो
- हिंडाल्को
- डीएलएफ
- मारुति सुजुकी
- हीरो होंडा
- टाटा पावर
- सिप्ला
- रिलायंस कम्युनिकेशंस
- जेपी एसोसिएट्स
- रिलायंस इंफ्रा
- बीएसई सेंसेक्स
सेंसेक्स की गति 2021
वर्ष | आधार मूल्य |
1990 | 1000 |
1992 | 2000 |
1992 | 4000 |
1999 | 5000 |
2000 | 6000 |
2006 | 10,000 |
2017 | 30,000 |
2018 | 35,000 |
2019 | 41,000 |
2020 | 46,000 |
2021 | 50,000 |
सेंसेक्स कैसे कैलकुलेट होता है ?
सेंसेक्स का कैलकुलेट हमेशा उसकी प्रमुख 30 कंपनियों के उपर किया जाता हैं। और सेंसेक्स की कैलकुलेशन उनकी कंपनियों की ओपनिंग प्राइस से क्लोजिंग प्राइस को देख कर सेंसेक्स में कैलकुलेशन किया जाता है अब मुझे उम्मीद है की समझ गए होंगे को सेंसेक्स कैलकुलेशन कैसे करता है। सेंसेक्स आपको बीएसई की पूरी एक्सचेंज में हो रही उतारव चढ़ाव और स्टॉक एक्सचेंज में हो रहे बदलाव को दर्शाता है
सेंसेक्स के फायदे क्या है।
सेंसेक्स के फायदे वैसे तो सेंसेक्स का सबसे ज्यादा फायदा यही है की इसके जरिए निवेशक बाजार में होने वाली भविष्य के परिवर्तन को जन सके समझ सके उनके हिसाब से अपना पैसा ठीक जगह लगा सके।
सेंसेक्स से हमे कुछ ऐसे भी लाभ है जैसे की कोई ज्यादा फायदा असर नहीं करते है पर काफी उपयोगी होते है। रुपया मजबूत होता है तो देश में हर चीज सस्ती लगने लगती है। कुछ और भी फायदे जान लेते है।
जब भी कंपनी सेंसेक्स को उपर की तरह जाते देखती है तो निवेशक भी ऐसी कंपनी में पैसा लगाना चाहने लगते है। और जब निवेशकों से ज्यादा पैसा इक्कठा हो जाता है तो कंपनी Grow होने लगती है और जब भी कंपनी की ग्राफ उपर की ओर बहुत तेज़ी से बढ़ने लगता है तो कंपनी में बहुत नए लोग जुड़ने लगते है।
जब भी सेंसेक्स का मार्केट अच्छा होता है तो उपर की ओर बढ़ता जाता है तो देश में बहुत सारे बाहरी निवेशक आने लगते है और वही बाहरी लोग भारत में पैसा लगाते है तो इसे भारत के पैसे में बहुत तेज़ी आती है रूपया के बतौर विदेशी मुद्रा के मुकाबले बहुत मजबूत होता है।
भारतीय शेयर बाजार उचायियो की और बहुत तेजी बढ़ चुका है एक ऐसा समय था जब इसकी शुरुआत 1990 में तब सेंसेक्स एक हजार हुआ करता था लेकिन आज के मुकाबले इसका बहुत अकड़ा बढ़ गया है। आज के समय में यह 50,000 हजार का भी अकड़ा पर कर चुका है।
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[FAQ] Sensex Kya Hota Hai
Sensex का फुल फॉर्म क्या होता है।
सेंसेक्स का फुल फॉर्म स्टॉक एक्सचेंज सेंसिटिव इंडेक्स होता है।
BSE का फुल फॉर्म क्या होता है
BSE का फुल फॉर्म बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज होता है
BSE की स्थापना कब हुआ था?
BSE ki स्थापना सन 1957 में को गई थी
NSE की स्थापना कब हुआ था?
NSE की स्थापना सन 1993 में हुआ था
BSE का सूचकांक क्या है?
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सूचकांक सेंसेक्स है।
NSE का सूचकांक क्या है?
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का सूचकांक NiFTY है
सेंसेक्स Top 30 कंपनिया?
आज हमने क्या सीखा ?
आज हमने क्या सीखा Sensex Kya Hota Hai, सेंसेक्स कैसे बनता है, सेंसेक्स का परिचय, सेंसेक्स 30 कंपनिया, सेंसेक्स के फायदे,सेंसेक्स कैसे कैलकुलेट होता है,30 कंपनियों का चुनाव कैसे होता है,सेंसेक्स में शामिल कंपनिया,भारत में कितने स्टॉक एक्सचेंज है,सेंसेक्स कैसे घटता और बढ़ता है,बीएसई सेंसेक्स परिचय,बीएसई फुल फॉर्म, हमने अपने से बहुत कोशिश की है की ऐसी कोई टॉपिक न हो जो छूटा हो हमने इस लेख में पूरी जानकारी दी है की sensex kya hota hai और कैसे काम करता है तो दोस्तो ये लेख अच्छा लगे आपको तो जरूर से जरूर लेख को शेयर करे धन्यवाद