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विश्वकर्मा पूजा 2020: कब, क्यों और कैसे मनाया जाता है? शुभ मुहूर्त, पूजा विधि (Vishwakarma Puja Photos)

Vishwakarma Day 2020: विश्वकर्मा पूजा कब, क्यों और कैसे मनाया जाता है, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र

विश्वकर्मा डे कब है २०२० में: निर्माण एवं सृजन के देवता तथा तकनीकी जगत के भगवान विश्वकर्मा की पूजा का त्योहार इस साल 16 सितंबर 2020, को बुधवार के दिन मनाया जा रहा है। जिसे विश्वकर्मा जयंती (Vishwakarma Day) भी कहा जाता है।

विश्वकर्मा पूजा (Vishwakarma Puja) का त्यौहार दिवाली के अगले दिन भी मनाया जाता है जो 15 नवम्बर 2020 को रविवार के दिन पड़ रहा है।

ऐसा माना जाता है की अगर इस दिन कोई कारोबारी और व्यवसायी व्यक्ति भगवान विश्वकर्मा की पूजा करें तो उसे तरक्की मिलती है।

विश्वकर्मा जी को दुनिया के पहले इंजीनियर तथा वास्तुकार की उपाधि दी गई है। Lord Vishwakarma को सभी रचनाकारों और शिल्पकारों का भी ईष्ट देव माना गया है।

Vishwakarma Puja Kab Kyu Aur Kaise Manaya Jata Hai Hindi Images

आइए जानते हैं की भगवान विश्वकर्मा कौन है, विश्वकर्मा जयंती क्यों मनाते है? यह किस तारिख/Date को मनाया जाता है? तथा विश्वकर्मा की पूजा कैसे करें और क्या है विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त?


भगवान विश्वकर्मा कौन है | Who Is Lord Vishvakarma in Hindi

सनातन धर्म में भगवान विश्वकर्मा को ही सृजन और निर्माण का देवता माना जाता है, वह दुनिया के पहले इंजीनियर तथा एक काबिल वास्तुकार भी है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा का जन्म माघ शुक्ल की त्रयोदशी को हुआ था, इसलिए इन्हें भगवान शिव का अवतार भी कहा जाता है।

कैसे हुई भगवान विश्वकर्मा की उत्पत्ति:
पौराणिक कथाओं और मान्यताओं के अनुसार विश्वकर्मा ब्रह्म जी के पुत्र धर्म की सातवीं संतान वास्तु के पुत्र थे। परंतु कुछ कथाओं के अनुसार विश्वकर्मा जी का जन्म देवताओं और राक्षसों के बीच हुए समुंद्र मंथन के दौरान हुआ माना जाता है।

माता-पिता:
वास्तुकला के आचार्य भगवान विश्वकर्मा के पिता वास्तुदेव तथा माता अंगिरसी हैं।

God Vishwakarma देवताओं के अस्त्र-शस्त्र, आभूषण तथा महल आदि बनाने का काम किया करते थें।


उनके द्वारा किए गए निर्माण कार्य:
भगवान विश्वकर्मा को शिल्प देव भी कहा जाता है क्योँकि उन्होंने सभी युगों मे महान निर्माण किए जो निम्न प्रकार है।

  • सतयुग - स्वर्गलोक
  • त्रेतायुग - सोने की लंका
  • द्वापर युग - द्वारिका नगरी
  • कलियुग - यमपुरी, वरुणपुरी, पांडवपुरी, कुबेरपुरी, शिवमंडलपुरी तथा सुदामापुरी के साथ साथ भगवान जगन्नाथ, बलभद्र एवं सुभद्रा की विशाल मूर्तियों आदि का निर्माण किया।

ऋगवेद में इनके महत्व का वर्णन 11 ऋचाएं लिखकर किया गया है।

विश्वकर्मा डे/पूजा/जयंती कब और क्यों मनाया जाता है?

विश्वकर्मा पूजा भद्रा के अंतिम दिन होती है जिसे भद्रा संक्रांति या कन्या संक्रांति के नाम से जाना जाता है इसी दिन भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था, जिसे विश्वकर्मा डे के नाम से भी जाना जाता है।

भारत के कुछ हिस्सों में मान्यता है कि विश्वकर्मा जी का जन्म अश्विन मास की प्रतिपदा को हुआ था। तो वहीं यह अश्विनी मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भी उल्लेखित है।

परंतु आप यह जानकर काफी चकित हो जाएंगे कि यही एक ऐसा पूजन है जो सूर्य के पारगमन के आधार पर तय किया जाता है। और यह प्रत्येक वर्ष कन्या संक्रांति (ज्यादातर 16-17 सितम्बर) को ही मनाया जाता है। जो इस बार 16 सितम्बर 2020 को बुधबार के दिन मनाई जा रही है।


विश्वकर्मा पूजा किस लिए की जाती है?
भगवान ऋषि विश्वकर्मा को हिंदू धर्म में पहला वास्तुकार माना गया है और विश्वकर्मा पूजा इसलिए की जाती है क्योंकि यह मान्यता है कि घर में रखे हुए लोहे और मशीनों आदि की पूजा करने से वह जल्दी खराब नहीं होते और भगवान उन पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं।

और यह भी मान्यता है कि इस दिन जो कारोबारी विश्वकर्मा की उपासना करते हैं उन्हें अपने कार्य में तरक्की मिलती है।


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भगवान विश्वकर्मा जी की विधि-विधान पूजा कैसे करें?

भगवान विश्वकर्मा जी की पूजा 16 सितंबर को विश्वकर्मा जयंती के शुभ मुहूर्त में किया जाएगा। यह पूजन कारोबार में वृद्घि करने के साथ ही आपको धनवान बनाने का भी काम करता है। भगवान विश्वकर्मा की विधि-विधान से की गई पूजा-अर्चना विशेष फल देती है।

आइये अब आपको भगवान विश्वकर्मा की पूजा कैसें करें इसके बारे में भी बताते है।


विश्वाकर्मा पूजा के लिए जरूरी सामग्री:
अक्षत, चंदन, फल, फूल, धूप, अगरबत्ती, दही, रोली, सुपारी, रक्षा सूत्र, मिठाई, आदि को एक साथ रख लें।

Vishvakarma Puja Vidhi:

भगवान विश्वकर्मा की पूजा के लिए फैक्टरी, Workshop, Office, दुकान आदि के मालिक को स्नान करके अपनी पत्नी के साथ पूजा के लिए पर बैठना होता है।

साथ बैठकर कलश को स्थापित करना और फिर विधि-विधान से क्रमानुसार पूजा करनी होती है जो इस प्रकार है:


  • सबसे पहले अष्टदल की बनी रंगोली पर सतनजा बनाएं।

  • पूर्ण विश्वास तथा श्रद्धा के साथ विश्वकर्मा जी की मूर्ति/फोटो पर फूल चढाए।

  • इसके बाद सभी मौजूद औजारों पर तिलक और अक्षत लगाएं फिर फूल चढ़ाकर और सतनजा पर कलश रख दें।

  • इसके बाद कलश को रोली-अक्षत लगाएं फिर दोनो को हाथ में लेकर निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करें:

    ॐ पृथिव्यै नमः
    ॐ अनंतम नमः
    ॐ कूमयि नमः
    ॐ श्री सृष्टतनया सर्वसिद्धया विश्वकर्माया नमो नमः

  • इसके बाद शुद्ध जल या गंगा जल लेकर सभी मशीनों, औजारों, विश्वकर्मा पर और कलश पर चारों तरफ छिड़क दें, साथ ही फूल भी चढ़ा दें।

  • फिर भगवान को मिठाई चढाए,

  • इसके बाद भगवान विश्वकर्मा की आरती करें और प्रसाद को सभी में बांट दें।

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विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त कब है? | Shubh Mahurat 2020

  • चतुर्थी तिथि आरंभ: 15 सितंबर 2020 सुबह 11.01 बजे (मंगलवार)

  • चतुर्थी तिथि समाप्त: 16 सितंबर 2020 को 7:15 (बुधवार)

  • शुभ महूर्त: 16 सितंबर 2020 को सुबह 10:09 बजे से 11:37 बजे के बीच पूजा करना शुभ रहेगा।

  • कन्या संक्रांति: बुधवार 16 सितंबर 2020

इस समय विश्वकर्मा पूजा ना करें:

ऐसा माना जाता है कि यमगंड, गुलिक काल और राहुकाल के दौरान पूजा नहीं करनी चाहिए।


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विश्वकर्मा जी की पूजा किन-किन राज्यों में होती है?

भगवान विश्वकर्मा की पूजा दिल्ली, बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक आदि राज्यों में की जाती है।

कई कारीगरों की मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से सभी मशीनें अच्छे से काम करती हैं जल्दी खराब नहीं होती, और काम के समय पर धोखा नहीं देती हैं।

इस दिन कोई काम नही किया जाता केवल औजारों तथा मशीनों की साफ-सफाई की जाती है और उनकी पूजा होती है।

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यदि आप व्हाट्सएप और फेसबुक के जरिए सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों रिश्तेदारों को Vishwakarma Day या विश्वकर्मा पूजा/जयंती की शुभकामनाएं देना चाहते हैं, तो आप नीचे दी गई Photos, Images की मदद से आसानी से हैप्पी विश्वकर्मा पूजा (Happy Vishwakarma Puja) Wish कर सकते हैं। और अपने प्रिय जनों को विश्वकर्मा पूजा की शुभकामनाएं दे सकते हैं।


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अन्तिम शब्द

दोस्तों अब तो आप विश्वकर्मा जयंती कब, क्यों, और कैसे मनाते है? इसके बारे मे पूरी समझ ही गए होंगे। साथ ही आपको Vishwakarma Puja 2020 का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र क्या है? यह भी आपने जान लिया है।

अगर आपको Vishvakarma Day/Jayanti 2020 की यह जानकारी अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ जरूर शेयर करें।

आप सभी को हमारी ओर से भी विश्वकर्मा पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं! हैप्पी विश्वकर्मा पूजा

नोट: इन सभी जानकारियों एवं शुभ मुहूर्त तथा पूजा विधि के लिए कृपया किसी ज्ञानी पंडित से इसका मिलान अवश्य करें।



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