2 October 2019: Lal Bahadur Shastri Jayanti Kab, Kyu, Aur Kaise Manate Hai In Hindi
2 अक्टूबर को कब, क्यों और कैसे मनाई जाती है लाल बहादुर शास्त्री जयंती, जानिए कौन थेLal Bahadur Shastri Jayanti - 2 October 2019:दोस्तों 2 अक्टूबर को गांधीजी जन्मदिन होता है यह तो आप सभी जानते हैं लेकिन बहुत कम लोगों को यह पता है 02 October को ही देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का भी जन्मदिन होता है। लाल बहादुर शास्त्री एक शांत स्वभाव के इंसान थे और इस साल 2019 में देश उनकी 116वीं जयंती मना रहा है।
सादगी से अपना जीवन व्यतीत करने वाले शास्त्री जी गांधीवादी परंपरा पर विश्वास रखने वाले नेता थे।
2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में गरीब घर में पैदा होने वाले शास्त्री जी का जीवन काफी संघर्ष भरा रहा।
गरीब परिवार से होने के बावजूद उन्होंने अपने जीवन में कड़ा संघर्ष करके देश के दूसरे प्रधानमंत्री बनने का गौरव हासिल किया और सबको यह दिखा दिया कि अगर मन में आत्मविश्वास हो तो इंसान कोई भी मंजिल पा सकता है।
आइए अब आपको लाल बहादुर शास्त्री जी कौन है और 2 अक्टूबर को उनकी जयंती क्यों मनाई जाती है तथा कैसे मनाई जाती है इसके बारे में बताते हैं।
Lal Bahadur Sastri Jayanti 2 October 2019 Kab Kyu Aur Kaise Manate Hai |
लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती 2 अक्टूबर को क्यों मनाई जाती है
2 अक्टूबर को लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती इसलिए मनाई जाती है क्योंकि 2 अक्टूबर 1904 को ही बहादुर शास्त्री जी का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन को लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती के रूप में 2 अक्टूबर को मनाया जाता है।अगर आप लाल बहादुर शास्त्री जी के बारे में नहीं जानते तो आइए अब हम आपको लाल बहादुर शास्त्री जी कौन थे इसके बारे में भी बताते हैं।
लाल बहादुर शास्त्री कौन थे | Information in Hindi
लाल बहादुर शास्त्री जी ने उत्तर प्रदेश के मुगलसराय जिले में 2 अक्टूबर 1904 को एक गरीब परिवार में जन्म लिया। उनके पिता का नाम शारदा प्रसाद और माँ का नाम रामदुलारी देवी था। लाल बहादुर शास्त्री जी के पिता शुरूआती दिनों में एक स्कूल के अध्यापक थे लेकिन बाद में वे आयकर विभाग में क्लर्क के लिए चुने गए।गरीब होने के बाद भी उनके पिता एक ईमानदार व्यक्ति के रूप में जाने जाते थे लेकिन उनकी मृत्यु उस समय हुई जब लाल बहादुर शास्त्री केवल 1 वर्ष के थे। उसके बाद उनकी माता राम दुलारी देवी ने उनका तथा उनकी दो बहनों का पालन पोषण अपने पिता के घर के किया।
लाल बहादुर अपने दादा के घर से कक्षा 6 की परीक्षा पास की उस समय वे केवल 10 वर्ष के थे, इसके बाद वे उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाराणसी चले गए।
जब 1921 में महात्मा गांधी द्वारा ब्रिटिश सरकार के खिलाफ असहयोग आंदोलन की शुरुआत हुई उस समय लाल बहादुर शास्त्री की उम्र केवल 17 साल थी। और महात्मा गांधी जी द्वारा सभी युवाओं को सरकारी स्कूलों और कॉलेजों, दफ्तरों से बाहर निकल कर आजादी के लिए सब कुछ न्योछावर करने का आह्वान करने पर शास्त्री ने अपना स्कूल छोड़ दिया। और असहयोग आंदोलन में शामिल हो गये और इस दौरान उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था परंतु कम उम्र होने की वजह से उन्हें रिहा कर दिया गया
जेल से रिहा होने के बाद काशी विद्यापीठ में 4 साल दर्शनशास्त्र की पढाई करने के बाद वर्ष 1926 में उन्होने वहां से “शास्त्री” की उपाधि प्राप्त कर की।
शास्त्री की उपाधि प्राप्त करने के बाद वो “The Servant of the people” socity से जुड़ गए जिसकी शुरुआत 1921 में लाला लाजपत राय द्वारा की गयी थी। इस सोसाइटी का प्रमुख उद्देश्य उन युवाओं को प्रशिक्षित करना था जो अपना जीवन देश की सेवा में समर्पित करने के लिए तैयार थे।
1927 में लाल बहादुर शास्त्री का विवाह काफी साधारण तरीके से ललिता देवी के साथ हुआ।
1930 में वे गांधी जी के सविनय अवज्ञा आंदोलन से जुड़े और लोगों को सरकार को भू-राजस्व और करों का भुगतान न करने के लिए प्रेरित करने के जुर्म मे उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और ढाई साल के लिए जेल भेज दिया गया।
1939 में दूसरे विश्व युद्ध के दौरान सन् 1940 में कांग्रेस द्वारा चलाए गए आजादी कि मांग करने के लिए “एक जन आंदोलन” में गिरफ्तार कर लिया गया और एक साल के बाद रिहा किया गया।
8 अगस्त 1942 को गांधीजी द्वारा चलाए गए भारत छोड़ो आंदोलन में उन्होंने सक्रिय रूप से भाग लिया। इसी दौरान वह भूमिगत हो गए पर बाद में गिरफ्तार कर लिए और फिर 1945 में दूसरे बड़े नेताओं के साथ उन्हें भी रिहा कर दिया गया।
उन्होंने 1946 में प्रांतीय चुनावों के दौरान पंडित गोविन्द वल्लभ पंत उनकी कड़ी मेहनत से काफी प्रभावित हुए और उनकी क्षमता को देखते हुए गोविन्द वल्लभ पंत जब उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री बने तो उन्होंने लाल बहादुर को संसदीय सचिव के रूप में नियुक्त किया।
जिसके बाद साल 1947 में शास्त्रीजी पंतजी के मंत्रिमंडल में पुलिस और परिवहन मंत्री बने।
भारत के गणराज्य बनने के बाद जब पहले आम चुनाव आयोजित किये गए तब लाल बहादुर शास्त्री कांग्रेस पार्टी के महासचिव थे। कांग्रेस पार्टी ने भारी बहुमत के साथ चुनाव जीता।
1952 में जवाहर लाल नेहरू द्वारा लाल बहादुर शास्त्री जी को केंद्रीय मंत्रिमंडल में रेलवे और परिवहन मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया।
1956 में एक रेल दुर्घटना होने पर लाल बहादुर शास्त्री ने उसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया।
अगले आम चुनावों में जब कांग्रेस ने दुबारा चुनाव जीता तब लाल बहादुर शास्त्री जी को परिवहन और संचार मंत्री और बाद में उन्हे वाणिज्य और उद्द्योग मंत्री के रूप में चुना गया।
वर्ष 1961 में गोविन्द वल्लभ पंत की मृत्यु होने के बाद वे गृह मंत्री बने।
सन 1962 में भारत-चीन युद्ध के दौरान शास्त्री जी ने देश की आतंरिक सुरक्षा को बरकरार रखा।
1964 में जवाहरलाल नेहरू के मरने के बाद सबके मत से लाल बहादुर शास्त्री को भारत के दुसरे प्रधान मंत्री के रूप में चुना गया।
यह एक कठिन समय था क्योंकि उस देश के सामने बड़ी चुनौतियां थी। देश में खाद्यान की खासा कमी हो गई थी और पाकिस्तान सुरक्षा के मोर्चे पर समस्या बन चुका था।
और इसके बाद ही 1965 में पाकिस्तान ने भारत पर हमला कर दिया। इस मौकें पर लाल बहादुर शास्त्री जी की सूझबूझ और चतुरता भरा नेतृत्व आज भी याद किया जाता है।
उस समय जवानों और किसानों का उत्साह बढ़ाने के लिए उन्होंने “जय जवान, जय किसान” का नारा दिया। और उनके प्रशंसनीय नेतृत्व की मदद से पाकिस्तान को युद्ध में हार का सामना करना पड़ा।
भारत और पाकिस्तान के बीच शांति वार्ता के लिए जनवरी 1966 में ताशकंद में लाल बहादुर शास्त्री और अयूब खान के बीच शान्ति वार्ता हुई। और रूसी मध्यस्थता के बाद भारत और पाकिस्तान ने संयुक्त घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए।
भारत-पाक के बीच हुई इस संधि के तहत भारत ने युद्ध के दौरान कब्ज़ा किये गए सभी प्रांतो को पाकिस्तान को लौटा दिया।
जिस दिन (10 जनवरी 1966) को इस संधि पर हस्ताक्षर किये गए उसी रात दिल का दौरा पड़ने से लाल बहादुर शास्त्री का निधन हो गया।
अंतिम शब्द | 2 अक्टूबर लाल बहादुर शास्त्री जयंती
दोस्तों अब तो आप लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती 2 अक्टूबर को क्यों मनाई जाती है है इसके बारे में समझ ही गए होंगे।दोस्तों अगर आपको लाल बहादुर शास्त्री के बारे में 2 अक्टूबर को कब, क्यों और कैसे मनाई जाती है लाल बहादुर शास्त्री जयंती, जानिए कौन थे की यह जानकारी अच्छी लगे तो इसे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ भी जरूर शेयर करें ताकि उन्हें भी इस तरह की महत्वपूर्ण जानकारी पता चल सके।