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होली क्यूँ मनाई जाती है होली की शुरुआत कब और कैसे हुई

होली जिसको रंगों का त्यौहार भी कहा जाता है असल में बुराई पर अच्छाई की जीत है हमारे यहाँ होली का त्यौहार प्रमुख त्योहारों में से एक है और मुझे ये बताने कि जरूरत नहीं कि इसको कितने धूमधाम और बड़े इस्तर पर पुरे देश में मनाया जाता है होली किसी विशेष राज्य या समुदाय का त्यौहार न होकर पुरे देश में मनाई जाती है जिसमे हर उम्र के लोग शामिल होते है और खास कर बच्चो में इसे लेकर अलग ही उत्सह होता होता है होली के समय आपको बाजारों में खाने पीने का सामान और रंग देखने को ज्यदा मिलते है इस त्यौहार की खासियत ही यही है कि होली सभी को अपने रंग में रंगती है लेकिन क्या आपको पता है कि Holi kyu manai jati hai, What is holi,Holi celebration

होली का नाम सुनते ही मन में ख़ुशी और उल्लास की उमंग दौड़ जाती है होली को हमारे पड़ोसी देश नेपाल में भी बड़ी धूम से मनाया जाता है होली का त्यौहार आपसी मेल को दर्शाता है यही कारण है कि इसे पुरे देश में मनाया जाता है कुछ राज्यों में तो होली को अलग तरीके से मनाया जाता है जिसमे से वृन्दावन की होली अपनी अलग पहेचान रखती है

Holi kya hai (What is holi in Hindi)

होली का त्यौहार सभी के जीवन में ख़ुशी और रंग भरने का काम करता है और इसी लिए होली को रंगों का त्यौहार भी कहा जाता है होली हिन्दुओ का पारंपरिक त्यौहार है जिसे हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है ये रंग , मेल मिलाप और एकता का त्यौहार है होली में सभी लोग अपने गिले शिकवे मिटा के एक दुसरे को गले लगाते है होली में पहले दिन होलिका दहन किया जाता है होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत के तौर पर मनाया जाता है जिसमे हर साल लकड़ी की होलिका बना के उसको जलाया जाता है और उसके दुसरे दिन हम सभी लोग रंग खेलते है एक दुसरे के ऊपर पानी डालते है और होली के गीत गाये और सुने जाते है

इसके बाद सभी लोग चाहे वो किसी भी जाती या धर्म के हो एक दुसरे से मिलने जाते है और ये काफी दिनों तक चलता है होली के त्यौहार उनको भी पास लाता है जिनसे आपकी बहुत सालो से बात नहीं हुई ये आपसी रंजिश को मिटाने का काम करता है और यही इसकी खाशियत है

VALENTINE DAY KYU MANAYA JATA HAI

Holi kyu manai jati hai(History of holi)

होली मनाये जाने के पीछे एक पौराणिक कथा है कहा जाता है ऐसा कहा जाता है कि हिरण्यकश्यप नाम का एक राजा था जोकि राक्षस प्रवृत्ति होने के साथ साथ बहुत ही बल शाली था वो अपने भाई की मौत का बदला लेना चाहता था जिसको भगवान विष्णु ने मारा था इसके लिए उसने कई बर्षो तक ब्रम्हा जी की प्राथना की जिससे उसको वरदान मिला लेकिन वो खुद को ही भगवान समझने लगा उसने राजा इंद्र को स्वर्ग के सिंघासन से हटा दिया और अपने राज्य में भगवान विष्णु की पूजा पर रोक लगा दी और लोगो से खुद की पूजा करने को कहने लगा|

हिरण्यकश्यप का वरदान 

न तो उसे मनुष्य मार सके न कोई पशु ,न वह दिन में मारा जा सके न रात में , न उसे घर के अन्दर मारा जा सके और न ही घर के बहार , न ही वह जल में मारा जा सके और न ही थल में और न ही उसको कोई हथिया से ही मारा जा सके और इसी वरदान से उसके अन्दर मृत्यु का कोई डर न रहा

हिरण्यकश्यप का एक प्रहलाद नाम का पुत्र था| प्रहलाद बचपन से ही भगवान विष्णु का बड़ा भक्त था और जब हिरण्यकश्यप को पता चला कि उसका बेटा विष्णु की पूजा करता है तो उसने भक्त प्रह्लाद को विष्णु की पूजा करने से मना किया पर भक्त प्रह्लाद नहीं माने, हिरण्यकश्यप ने विष्णु की प्राथना रुकवाने के लिए हर सम्भब प्रयास किया यहाँ तक की भक्त प्रह्लाद को बहुत सारी यातनाये भी दी लेकिन उनकी विष्णु भक्ति नहीं रुकी इससे हिरण्यकश्यप को बहुत क्रोध आया और उसने प्रह्लाद को मारने की थान ली

इसके लिए उसने अपनी बहन होलिका की सहायता ली क्यूंकि होलिका को वरदान मिला था कि आग उसे नहीं जला सकती, हिरण्यकश्यप ने होलिका से कहा की वह प्रह्लाद को अपनी गोद में लेके आग में बैठ जाये और उसने ऐसा ही क्या लेकिन भक्त प्रह्लाद पर तो भगवान विष्णु की कृपा द्रष्टि थी तो उनको कौन मर सकता था उस आग में भक्त प्रह्लाद की जगह होलिका ही जल के राख हो गई क्यूंकि उसने अपने वरदान को बुराई के लिए इस्तेमाल किया था जब होलिका जल गई तो हिरण्यकश्यप को बहुत क्रोध आया

उसने प्रह्लाद से कहा कहाँ है तेरा भगवान तो प्रह्लाद ने कहा वो तो कड़ कड़ में है तो हिरण्यकश्यप ने एक खम्भे की तरफ इशारा किया की क्या इसमें भी तेरा भगवान है तो प्रह्लाद ने हां कहा और जैसे ही हिरण्यकश्यप ने उस खम्भे पर प्रहार करने की सोंची उसकी पल विष्णु नरसिंह के अवतार में प्रकट हुए और हिरण्यकश्यप का वध किया और यही कारण है कि होली का त्यौहार होलिका की मृत्यु से जुड़ा है इसीलिए होली को बुराई पर अच्छाई की जीत कहा गया है  तो अपने जाना कि Holi kyu manai jati hai

Holi me rang kyu khela jata hai

इसके पीछे भगवान विष्णु के 8वे अवतार श्री कृषण और राधा रानी की कहानी है ऐसा कहा जाता है कि भगवान श्रीकृषण जी रंगों से होली खेला करते थे और इस दिन वे राधा रानी के गॉव बरसाने जाकर राधा और गोपियों के साथ होली खेलते थे भगवान श्रीकृषण ने ही होली को प्रेम का पर्व बनाने का काम किया और इसीलिए वृन्दावन जैसी होली श्याद ही कहीं और देखने को मिले | ऐसे ही रंग होली का अभिन्न अंग बन गए |

Vrindavan ki holi  ( वृन्दावन होली )

वृन्दावन की होली बहुत ही खास होती है क्यूंकि होली को प्यार का रंग देने का काम हमारे भगवान श्रीकृषण ने ही किया था उनका राधा रानी के प्रति जो प्यार और स्नेह था वो तो जग जाहिर है और वृन्दावन वो जगह है जहाँ भगवान श्रीकृषण का बचपन बीता , होली में जहाँ दुसरे शहरो में सभी लोग पानी और रंग के साथ खेली जाती है वहीँ वृन्दावन में होली गुलाल और फूलो के साथ खेली जाती है

वैसे मथुरा और वृन्दावन में आपको हर जगह होली का उल्लास देखने को मिलेगा लेकिन बांके बिहारी मंदिर जैसी होली श्याद ही आपको कहीं देखने को मिले आप इसकी लोकप्रियता इस बात से समझ सकते है कि यहाँ दुसरे राज्यों के अलावा विदेशों से भी लोग आके होली का आनंद लेते है लोग एक दुसरे के ऊपर फूल ,गुलाल और पानी फेकते और राधा कृषण के भजन उप झूमते- नाचते है यहाँ होली के दिन भांग और ठंडाई भी पिया जाता है

Holi kab hai ( होली कब है )

साल 2020 में होली की बात करे तो होलिका दहन जिसको हम छोटी होली कहते है वो 9 मार्च और बड़ी होली यानी कि धुलेंडी 10 मार्च को मनाई जाएगी| और इसी दिन बड़ी होली को ही कलर भी खेला जाता है

होलिका दहन समय – शाम 6:22 से 8:49 तक
रंगवाली होली – 10 मार्च

होली कैसे मनाये (Holi Celebration)

होली में हम सभी लोग अपने घरों की साफ सफाई तो करते ही है उसके साथ ही घरो को पेंट भी किया जाता है नए कपड़े भी खरीदते है लेकिन इसके साथ ही कितना अच्छा होगा अगर हम सभी अपने मन में फैली बुराई को भी साफ करे और आपसी भाई चारा बनाये रख्खे |

होली मानाने के सबके अपने तरीके होते है लेकिन आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए –

होली खेलने से पहले अपने चहरे हाथों और बालों में कोकोनट आयल या ओलिव आयल लगा ले जिससे ये रंग से होने वाले नुसान से आपको बचाए रखेगा |

हमेशा गुलाला का ही इस्तेमाल करे ये शरीर के लिए नुकसान देह नहीं होता है और बाजार में मिलने वाले केमिकल वाले कलर से दूर रहे |

रंग खेलते समय थोड़ा ध्यान दे और पानी के गुब्बारे फेकने से पहले देख ले कि किसी की आँखों में न पड़े| अगर रंग आपकी आंख में पड़ जाये तो उसको तुरंत साफ़ पानी से धोये|

सिल्वर वाले कलर इस्तेमाल करने से बचे उसमे एल्युमीनियम ब्रोमाइड होता है जो त्वचा के कैंसर के लिए जिम्मेदार होता है

ज्यदा नशा करने से बचे और हो सके तो कोई भी नशा न करे ये आपके लिए अच्छा भी नहीं है और होली पर एक्सीडेंट के लिए नशा बहुत ही जिम्मेदार होता है

बाजार में मिलने वाली मिठाई से दूर ही रहे होली के समय उनमे ज्यदा मिलाबट हो सकती है जो आपकी बॉडी के लिए बिलकुल भी अच्छी नहीं है

किसी भी लड़ाई झगड़े से अपनों और अपने आप को बचाए होली भाई चारे का पर्व है इसलिए आपसी भाईचारा बनाये रख्खे|

होली का महत्व

आज आपने जाना होली क्यों मनाई जाती है इसके साथ ही आपको ये भी समझ आया होगा कि होली हर साल हमे ये बताती है कि जीवन में भले ही कितनी भी कठिनाइयाँ क्यों न हो अगर आप सही है और आपको ऊपर वाले पर भरोशा है तो आपके जीवन की सभी कठिनाइयाँ एक न एक दिन जरुर ख़तम हो जायेंगी और ईश्वर आपकी हमेशा सहायता करेंगे जैसे भक्त प्रह्लाद की सहायता की, इससे हमे ये सीख लेने की जरूरत है कि हमे अपने जीवन में बुराई से बचना चाहिए और सदा अच्छे मार्ग पर ही चले जिससे भगवान सदा हमारे साथ रहे |

आज आपने जाना कि Holi kyu manai jati hai ,What is holi, Holi celebration और इससे जुड़ी कुछ खास बातें मैं आशा करता हूँ आपको ये जानकारी अच्छी लगी होगी और आपको इससे कुछ ऐसी जानकरी मिली होगी जो आपको इससे पहले नहीं पता था|

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