होटल में बर्तन मांज रहे हो और पास बैठे लोग आप ही के गानों पर थिरक रहा हो, उन्हें गुनगुना रहा हो और उन्हें यह पता भी ना हो कि आप ही का गाना है कनाडा में कुछ ऐसा ही हुआ सिद्धू मूसे वाला के साथ।
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असली नाम सुखदीप सिंह सिद्धू, प्यार का नाम गग्गू पंजाब के मनसा के मूसा गांव के रहने वाले हैं ।इसीलिए बाद में जब मशहूर हुए तो अपना नाम कर लिया सिद्धू मूसे वाला। पांचवी क्लास से ही सिद्धू को गाने का शौक था। सोचा यही था कि सिंगर ही बनूंगा लेकिन सिद्धू को पता था कि मेरी शक्ल सूरत इतनी अच्छी है नहीं और बाद में उन्हें इसके लिए क्रिटिसाइज भी किया गया। लेकिन उनका कहना था कि भैया मुझे अच्छी लगती है। मेरे मम्मी पापा को अच्छी लगती है, तो तुम लोगों को क्या दिक्कत है, बात भी सही है।
सिद्दू के पापा आर्मी में थे, लेकिन वहां कोई हादसा हुआ चोट लग गई और उसके बाद वह पुलिस में भर्ती हो गए थे। मम्मी पापा चाहते थे कि पढ़ाई पूरी करें। बाकी जो कुछ है वह सेकेंडरी है, तो सिद्धू ने पढ़ाई की और उसके बाद लुधियाना में गुरु नानक देव कॉलेज में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग करने लगे। जी हां सिद्धू मूसेवाला इलेक्ट्रिकल इंजीनियर है।
सिद्धू ने सबसे पहले सोचा कि मैं गाने गाता हूं। लेकिन दिक्कत यह थी कि सिद्धू को लिखना नहीं आता था। सिद्धू ने बड़ी कोशिश की कि कोई लेखा उनके लिए गाना लिख दे। कोशिश की बड़ी मुश्किल से एक राइटर ने कई बार फोन करने पर उनका फोन उठाया और बोला कि चल ठीक है। तेरे लिए लिख देता हूं गाना तू मेरे पिंड आ जइयो पिंड मतलब पंजाब में गांव के पिंड कहते हैं। सिद्धू ने अपनी बाइक उठाई और उनके पिंड के लिए निकल गए। तेज बारिश हो रही थी लेकिन सिद्धू बड़े खुश थे। कि आज मुझे पहला गाना मिलेगा लिखा हुआ और उसे मैं गाता हूं। गांव के बाहर पहुंचे तो उन्होंने फोन मिलाया। उस राइटर को किस सर मैं यहां पहुंच गया हूं। जरा मुझे बता दीजिए। आपका घर कहां पर है। उन्होंने कहा कि तुम किसी और दिन आना, आज तुझे गाना नहीं दे पाऊंगा। बहुत हॉट हुए खूब रोए। उस वक्त सिद्धू ने तय कर लिया कि वह आज के बाद किसी और का लिखा गाना नहीं गाएगा। हॉस्टल आए ओर सबसे पहले गाना लिखना शुरू किया। जी हां, सिद्धू ने यह कसम खा ली थी कि किसी का लिखा गाना नहीं गाऊंगा और वह किसी का लिखा गाना नहीं गाते। उन्होंने कुछ गाने लिखने की शुरुआत कर दी। नए-नए लड़के के गाने गाता कौन?
पहला गाना उन्होंने लिखा लाइसेंस और उस गाने को गाने के लिए सिंगर निंजा रेडी हो गए। दूसरा गाना उनका दीप झंडू ने गाना गाया। यह गाना भी ठीक-ठाक चला, लेकिन अभी सिद्धू की कोई खास पहचान नहीं बन पा रही थी। अक्सर जो लोग सामने दिखता है, सिंगर वो ज्यादा पहचाने जाते हैं। ऐसा नहीं गीतकार मशहूर नहीं है। फिर सिद्धू ने अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की और चले गए कनाडा। आगे की पढ़ाई के लिए मम्मी पापा ने कह दिया था। कि भैया कुछ भी कर पढ़ाई पूरी करनी है। वहां जो कोर्स कर रहे थे, वहां हो गई कोई दिक्कत फिर सिद्धू की वहां पर एक उनके कमलजीत अंकल है। उन्होंने मदद की उस सिद्धू का कॉलेज चेंज करवा दिया। सिद्धू ने सोचा कि भैया बनना तो मुझे गए। तो मैं क्या करता हूं, कोई आसान सा कोर्स ले लेता हूं। तो उन्होंने होटल मैनेजमेंट का कोर्स को चुन लिया। तब तक सिद्धू ने कुछ कुछ गाने को गाने शुरू कर चुके थे। उनके कुछ कुछ गाने आ भी चुके थे। लेकिन ऐसी कोई बड़ी पहचान अभी भी नहीं मिली थी। होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई तो कर ली। अब दिकट आई ट्रेनिंग में किस होटल में ट्रेनिंग करनी पड़ती थी, वहां सिद्धू को बीफ काटना पड़ता था। अब सिद्धू प्योर वेज, विदेशों में तो बीफ खूब चलता है। इसमें सिद्धू आसपास कुछ दूसरे लोगों की मदद लिया करते थे। अपने यार दोस्तों की मदद लिया करते थे, बर्तन धोने पड़ते थे। अब तक सिद्धू के गाने आना शुरू हो गए थे। लेकिन सिद्धू पढ़ाई को नही छोड़ पा रहे थे। जैसा कि मैंने बताया, मम्मी-पापा के प्रेशर की वजह से नहीं छोड़ पा रहे थे। जिस होटल से सिद्धू ट्रेनिंग ले रहे थे। वह पर नाइजीरिया के लोग भी थे। वह सिद्धू के गाने सुनकर खूब खुश हुआ करते थे। सिद्धू को ही देखते थे, की देखो क्या बढ़िया गायक है। फिर सिद्धू ने बताया कि यह मेरा ही गाना है। मतलब एक तरफ तो सिद्धू बर्तन मांज रहे होते थे और दूसरी तरफ अगल-बगल का स्टाफ उन्ही के गानों को सुन रहा होता था , गुनगुना रहा होता था।
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