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भगवान का मुख किस दिशा में होना चाहिए : जाने घर में मंदिर की सही दिशा | Bhagvan ka mukh kis disha me hona chahiye

भगवान का मुख किस दिशा में होना चाहिए : हेलो दोस्तों नमस्कार आज हम आप लोगों को भगवान का मुख किस दिशा में होना चाहिए इसके बारे में बताएंगे क्योंकि हर एक इंसान को पता होना चाहिए कि भगवान का मुख पूजा करते समय किस दिशा में होना चाहिए या फिर आप कभी भी कोई मंदिर बनवा रहे हैं तो उनकी मुख की दिशा कौनसी होनी चाहिए।

हर इंसान अपनी श्रद्धा के अनुसार पूजा पाठ करता है हर व्यक्ति के अंदर भगवान के प्रति श्रद्धा और भक्ति रहती हैं उसी श्रद्धा और भक्ति के साथ भक्त भगवान की पूजा करते हैं इसीलिए लोग अपने अपने घरों में एक छोटा सा मंदिर बना कर उन सभी देवी देवताओं की मूर्ति स्थापित करते हैं।

जिनके प्रति वह अपने मन में श्रद्धा और भक्ति रखते हैं कुछ लोगों के मन में अब सवाल उठ रहा हुआ की मूर्ति स्थापित करते समय लोगों के मन में अक्सर यह सवाल उठता है कि आखिर भगवान का मुख किस दिशा में होना चाहिए।

जिससे भक्तों को पूजा पाठ करने का सबसे श्रेष्ठ फल मिल सके तो आज हम उसी विषय पर चर्चा करने वाले हैं और आपको इस आर्टिकल के माध्यम से भगवान का मुख किस दिशा में होना चाहिए इसकी जानकारी देने वाले हैं।

तो इसके लिए आपको इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें तभी आपको इसकी मुख्य दिशा पता चलेगी और आप अपने भगवान के प्रति जो भी श्रद्धा और भक्ति रखते हैं तो उनके बैठने की सही दिशा क्या होगी यह भी जान लेंगे।

भगवान का मुख किस दिशा में होना चाहिए ? | Bhagwan ka mukh kis disha mein hona chahiye

वैसे जब भी आप पूजा करने जाते हैं आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना है कि भगवान की मूर्ति की स्थापना करते समय भगवान का मुख एकदम सही दिशा में होना चाहिए तो इसके लिए आप किसी भी पंडित से पूछ सकते हैं कि भगवान का मुख किस दिशा में होना चाहिए कई लोगों को इसका महत्व नहीं पता रहता है।

इसकी वजह से वह भगवान का मुख्य किसी गलत दिशा में कर देते हैं वैसे तो शास्त्रों के अनुसार भगवान का मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए क्योंकि पूर्व दिशा को सकारात्मक ऊर्जा की दिशा कहा जाता है क्योंकि जब भी पूर्व दिशा की ओर भगवान का मुख रहता है। तो सूर्य भगवान की दृष्टि उन पर पड़ती है तभी जाकर आपके घर में सुख शांति हमेशा के लिए बनी रहती है।

अक्सर लोग ऐसा जानना चाहते हैं कि भगवान का मुख किस दिशा में होना चाहिए वैसे तो पूजा करने में उसकी भक्ति और भावना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती है ना की पूजा किस दिशा में करनी चाहिए भगवान तो भाव के भूखे होते हैं वैसे तो आप इस चीज को भी नकार नहीं सकते है ।

कि भगवान की स्थापना सही दिशा और सही मुहूर्त पर उसकी पूजा करनी चाहिए यदि आप महा सिद्ध साधक हो तो किसी भी बात का कोई फर्क नहीं पड़ेगा फिर फिर तो जहां भी आप बैठ जाएंगे उसी दिशा में अपने आप ही सब कुछ ईश्वरमय हो जाएगा परंतु आमतौर पर धारण मनुष्य के साथ ऐसा नहीं होता है।

क्योंकि वह लोग ऐसा सोचते हैं कि अगर हम मंदिर बनवाते हैं तो उसके लिए उसकी सही दिशा होनी चाहिए या फिर पूजा करते हैं तो उसकी सही दिशा होनी चाहिए क्योंकि पूजा करते समय हम लोगों की देव प्रतिमा का मुख्य सही दिशा में रखने जैसी छोटी से छोटी बात का भी ध्यान रखते हैं।

वह लोग जिससे हमारे और आपके जैसे साधारण लोग अपने मन को पृथ्वी की चुंबकीय शक्ति से विचलित ना होने दें और एकाग्र होकर पूजा पाठ करें इसीलिए वह अक्षर पूजा करने से लेकर भगवान कि मुख दिशा क्या होनी चाहिए इस पर भी विशेष ध्यान रखते हैं इसी उद्देश्य से आइए समझते हैं कि हमारे पूजा करने में भगवान की प्रतिमा का मुख दिशा किस तरह की होनी चाहिए जानते हैं।

वैसे तो हर देवताओं की अलग-अलग दिशाएं होती है लेकिन फिर भी आज हम आपको बताएंगे कि कौन से भगवान की कौन सी दिशा होनी चाहिए विभिन्न देवताओं में मुख और दृष्टि के बारे में विभिन्न प्रकार की मान्यताएं घर के बुजुर्गों से और कुछ विशेष पूर्वजों के समय से चली आ रही प्राचीन सुनी हुई बातों से जानते आ रहे हैं कि भगवान का मुख किस दिशा में होना चाहिए।

वैसे तो कुछ विशेष देवताओं की दृष्टि का हमें ध्यान रखना चाहिए कि वह सही दिशा में पढ़ रही है या नहीं जैसे कि कुछ देवताओं के नाम बताएंगे जिन को सही दिशा में रखना चाहिए जैसे कि गणेश भगवान की प्रतिमा कभी भी ऐसी जगह नहीं रखनी चाहिए जहां उनकी दृष्टि घर के बाहर की ओर बढ़ रही हो अन्यथा आपके घर कि सुख शांति आपके घर से बाहर चली जाएगी।

सुनिश्चित करें कि गणेश भगवान की मूर्ति को किसी ऐसी जगह रखें कि उनकी दृष्टि आपके पूरे घर के अंदर पढ़नी चाहिए तभी आपको उससे कोई भी लाभ प्राप्त होगा। अब बात करें कि शंकर भगवान की मुख दिशा किस तरफ होनी चाहिए शंकर भगवान की मूर्ति उत्तर दिशा कि और होनी चाहिए।

शिवलिंग का मुख उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए इनके साथ नंदी जी जरूर होने चाहिए तो उनका मुख शिवलिंग या भगवान भोलेनाथ की प्रतिमा की ओर होना चाहिए ध्यान रहे पूजा करते समय यदि आप की दिशा पश्चिम की ओर पीठ करके बैठे हैं और मुख की ओर मुंह करके बैठे हैं।

तो इसे पूजा बहुत ही ज्यादा सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है इसीलिए भगवान भोलेनाथ की मुख दिशा उत्तर दिशा की ओर होनी चाहिए जिससे आपके घर में हमेशा सुख शांति बनी रहे। देव प्रतिमा को सही जगह रखने के बारे में आप को ध्यान रखना होगा।

सावधानी

कुछ देवताओं की पूजा आराधना विशेष प्रकार से होती है और उन देवताओं का शास्त्रों में वर्णित उन प्राचीन मान्यताओं का सम्मान करना चाहिए।

वैसे आप लोगों ने शनि भगवान के बारे में तो सुना ही होगा कुछ लोग तो अपनी परेशानियों को दूर करने के लिए अपनी समस्याओं को हमेशा के लिए दूर भगाने के लिए शनि भगवान की पूजा करते हैं शनि भगवान की पूजा कक्ष्या घर में नहीं करनी चाहिए उनकी पूजा हमेशा मंदिर में जाकर करनी चाहिए।

तो आपके लिए बहुत ही लाभदायक होगा क्योंकि उनकी प्रतिमा से आंखें मिलाने का मतलब है कुछ खराब होने वाला है यदि पूजा कमरे में गणेश भगवान की मूर्ति रखी है तो गणेश जी के साथ लक्ष्मी जी की मूर्ति भी अवश्य होनी चाहिए ध्यान है कभी भी आप किसी भी भगवान की पूजा करते हैं।

तो उनकी पूजा अगर आप कमरे में करते हैं और उनकी फोटो को रखते हैं तो वह कभी जमीन पर नहीं रखनी चाहिए और किसी भी देवता का मुख दक्षिण दिशा की ओर नहीं होना चाहिए अगर आप इस तरह से अपनी पूजा कक्ष में सही दिशा में देव प्रतिमा को मुख्य रखने का ध्यान करेंगे.

तो ऐसे ईश्वर के प्रति आपकी अच्छी श्रद्धा एवं भक्ति बनी रहेगी जिससे आपके घर में कभी भी सकारात्मक ऊर्जा प्रभावित नहीं होगी और आपके घर में धन-धान्य हमेशा बना रहेगा और आपका घर खुशहाली से भरा रहेगा और आप कभी भी दुखी नहीं रहेंगे।

वैसे तो अगर आप कभी नहीं भगवान का मुख पूर्व दिशा की ओर रखते हैं तो सूर्य से आने वाली सकारात्मक ऊर्जा भगवान के भीतर प्रवेश करती है तो वही सकारात्मक ऊर्जा पूजा करने वाले उस भक्तों के अंदर प्रवेश करती है।

तभी जाकर उस भक्तों के अंदर भगवान के प्रति अपार श्रद्धा उत्पन्न होती है और वह भगवान की भक्ति में लीन हो जाता है।अक्सर मैंने लोगों को देखा है कि उनके मन में यह सवाल पूछते रहते हैं कि हम भगवान का मुख पूर्व दिशा की ओर रख देंगे तो फिर हमारे बैठने की सही दिशा क्या होगी।

सही दिशा में बैठकर पूजा करनी चाहिए ?

देखा जाए तो भगवान विद्यमान है लेकिन सांसों में ऐसा कहा गया है कि ईश्वरा सर्व भूत ए नमः इसका मतलब है भगवान हर जगह हैं ऐसा कोई भी स्थान नहीं है जहां पर भगवान विद्यमान नहीं है लेकिन अगर आप भगवान की पूजा करते हैं तो उसके लिए कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है.

जैसे कि आप कभी भी पूजा के लिए बैठते हैं तो उसके लिए सही दिशा का होना बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण माना गया है भक्त जिस दिशा में बैठकर पूजा करता है उस दिशा का प्रभाव उसके मन पर अत्यधिक पड़ता है और हमारे शास्त्रों के अनुसार तो हमारी 10 दिशाएं हैं.

प्रत्येक दिशा के अंतिम कुछ दो ऐसे विशेष दिशा है जिससे कुछ ना कुछ विशेष देवी देवताओं का वास माना गया है जैसे कि पूर्व दिशा की ओर होती है वह देश दिशा मानी जाती है जो दक्षिण दिशा की ओर होती है वह पित्रों दशा मानी जाती है जो पश्चिम दिशा के ओर होती है वह मानव का स्थान माना जाता है।

तो आप जब भी पूजा करने बैठे तो उसकी सही दिशा का चुनाव जरूर करें और पूजा करते समय हरदम पूजा पर ही विशेष ध्यान लगाना चाहिए। इसीलिए प्रत्येक देवी देवता ऋषि तिथि अपना एक विशेष स्थान है इसीलिए भक्ति भी उनकी विशेष स्थान को धारण करके भगवान की उपासना अर्चना वंदना आधी करनी चाहिए।

अगर आप प्रातः पूजा कर रहे हैं तो आपका मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए अगर आप शाम को पूजा करते हैं तो आप का मुख पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए अगर आप रात्रि को पूजा करते हैं तो आपका मुख उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए ऐसा शास्त्रों में लिखा है और इसका प्रमाण है।

अगर आप कभी भी अपने मंदिर में पूजा कर रहे हैं तो अगर मूर्ति का मुख्य पूर्व की ओर है तो आपको उत्तर दिशा की ओर मुख कर के पूजा करनी चाहिए या अभी हमारे शास्त्रों में लिखा गया है तो आप पूजा करते समय इस बात का विशेष ध्यान दें कि पूजा करते समय भगवान का मुख किस दिशा में है और आप का मुख किस दिशा में होना चाहिए।

FAQ : भगवान का मुख किस दिशा में होना चाहिए

भगवान को कौन सी दिशा में बैठना चाहिए?

आप जब कभी भी जो सोचते हैं कि आखिर भगवान की मुख दिशा किस तरफ की होनी चाहिए तो आज हम आपको बता दें कि भगवान का मुख पूर्व दिशा की ओर होना बहुत ही ज्यादा श्रेष्ठ माना जाता है क्योंकि अगर आप भगवान का मुख पूर्व दिशा की ओर करते हैं तो आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा की दिशा आती है और उसी से आपके घर में सूर्य भगवान की उर्जा भी आती है और वह बहुत ही उत्तम मानी जाती है।

मंदिर का मुख किधर हो?

ऐसा कई लोग सवाल करते हैं कि भगवान का मुख किधर को होना चाहिए जो बहुत ही ज्यादा शुभ माना जाए इसीलिए आज हम आपको बता दें कि घर में पूजा करते समय आप मंदिर आप मुंह पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए और मंदिर का मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए यह बहुत ही शुभ माना जाता है और कुछ लोग तो भगवान की प्रतिमा के एकदम सामने खड़े होकर पूजा और आरती करते हैं लेकिन ऐसा करना अशुभ माना जाता है

भगवान की तस्वीर कौन सी दिशा में लगानी चाहिए?

भगवान की तस्वीर को हरदम पूर्व दिशा की ओर रखना चाहिए वैसे अगर वास्तु शास्त्र को मानते हैं तो उसके अनुसार आप भगवान की मूर्ति को किसी भी दिशा में रख सकते हैं और वह बहुत ही शुभ मानी जाएगी वैसे आपको बता दें कि किसी भी भगवान की मूर्ति रखने के लिए उसकी एक निश्चित दिशा जरूर होनी चाहिए जैसे कि गणेश भगवान की मूर्ति रखने के लिए उत्तर दिशा बहुत ही शुभ मानी गई है उसी प्रकार देवी दुर्गा की मूर्ति स्थापित करने के लिए उत्तर पूर्व दिशा बहुत ही शुभ मानी गई है उसी प्रकार अगर आप भगवान बुद्ध को स्थापित करते हैं तो उत्तर दिशा में बहुत ही ज्यादा शुभ माना जाता है।

निष्कर्ष

उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा दिया गया यह लेख कि भगवान का मुख किस दिशा में होना चाहिए आपको अच्छा लगा होगा हमने इसमें आपको भगवान के मुख्य दिशा के बारे में बताने का प्रयास किया है तो उम्मीद है आपको हमारा यह लेख अत्यधिक प्रिय लगा होगा और आपको समझ में आ गया होगा .

कि भगवान की मुख दिशा किस तरफ होनी चाहिए तो अब आप जब भी पूजा करते हैं या फिर मंदिर बनवाते हैं तो इस बात का ख्याल जरूर रखें कि भगवान की मुख दिशा किस तरह की होनी चाहिए।

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