महामृत्युंजय मंत्र जाप के फायदे : नमस्कार आज हम आप लोगों को इस लेख में एक ऐसे मंत्र के बारे में बात करेंगे जो आपके लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होने वाला है वह मंत्र महामृत्युंजय मंत्र है आज हम आप लोगों को महामृत्युंजय मंत्र जाप के फायदे बताएंगे जिनका प्रयोग करके आप अपने जीवन को और सरल बना सकते हैं यदि आप भयमुक्त रोगमुक्त जिंदगी चाहते हैं और अकाल मृत्यु के डर को भगाना चाहते हैं.
Related Articles
तो आपको भगवान शिव का सबसे प्रिय महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना होगा महामृत्युंजय मंत्र सबसे शक्तिशाली मंत्रों में से एक मंत्र है अगर आप किस मंत्र का जाप करते हैं तो भगवान शिव बहुत ही प्रसन्न होते हैं महामृत्युंजय मंत्र का उल्लेख ऋग्वेद से लेकर यजुर्वेद तक इसका उल्लेख किया गया है इसके अलावा शिव पुराण और भी ग्रंथों में इस मंत्र का बहुत बड़ा महत्व माना जाता है.
साथ ही इस मंत्र के जाप से आपके जीवन में सकारात्मकता बढ़ती है तो चलिए आज हम जानते हैं कि महामृत्युंजय मंत्र जाप के फायदे क्या हैं और महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ क्या है महामृत्युंजय मंत्र क्यों और कैसे बोला जाता है महामृत्युंजय मंत्र के रचयिता कौन हैं आज हम इन्हें विषयों पर चर्चा करेंगे और आपको साधारण भाषा में बताएंगे कि इन सब का क्या मतलब है और किस लिए और क्यों बोला जाता है।
महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ | Mahamrityunjay mantra ka arth
हम त्रिनेत्र को पूजते हैं, जो सुगंधित हैं और हमारा पोषण करते हैं। जैसे फल शाखा के बंधन से मुक्त हो जाता है वैसे ही हम भी मृत्यु और नश्वरता से मुक्त हो जाएं।
1. त्रयंबकम –त्रि.नेत्रों वाला ;कर्मकारक।
2. यजामहे- हम पूजते हैं, सम्मान करते हैं। हमारे श्रद्देय।
3. सुगंधिम- मीठी महक वाला, सुगंधित।
4. पुष्टि- एक सुपोषित स्थिति, फलने वाला व्यक्ति। जीवन की परिपूर्णता
5. वर्धनम- वह जो पोषण करता है, शक्ति देता है।
6. उर्वारुक- ककड़ी।
7. इवत्र- जैसे, इस तरह।
8. बंधनात्र- वास्तव में समाप्ति से अधिक लंबी है।
9. मृत्यु- मृत्यु से
10. मुक्षिया, हमें स्वतंत्र करें, मुक्ति दें। मात्र न
11. अमृतात- अमरता, मोक्ष।
त्रयंबकम यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम उर्वारुकमिव वंदना मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् यह मंत्र आपने कभी ना कभी बोला या सुना ही होगा अगर आप किसी भी मंत्र को बोलते हैं या सुनते हैं आप को उसके लाभ तभी प्राप्त होंगे जब आप उस मंत्र का अर्थ जानते होंगे हम भगवान त्रांबक की आराधना करते हैं त्रांबक का अर्थ होता है तीन आंखों वाले तीनों लोकों के पिता अर्थात भगवान शंकर वह भगवान शंकर सूर्य मंडल चंद्र मंडल और अग्नि मंडल इन तीनों के पिता है.
सत्व , राजू और त्वम तीनों गुणों के स्वामी हैं अग्नि तत्व विद्या तत्व और शिव तत्व के ब्रह्मा आवाहनि दक्षिणा अग्नि के पृथ्वी जल एवं तेज के स्वर्ग के विष्णु और शिव रूपी त्रिभुज के स्वामी महादेव ही है सुगंधिम पुष्टिवर्धनम इसका अर्थ होता है जैसे फूलों में सुगंध जैसे फूलों में खुशबू होती है उसी प्रकार भगवान महादेव प्राणियों में और तीनों गुणों में समस्त क्रियाकलापों में अन्य गुणों में अनेक प्रकाशक है आता है वह सुगंधमय है।
महामृत्युंजय मंत्र कब और कैसे करें ?
महामृत्युंजय मंत्र भोलेनाथ का सबसे बड़ा मंत्र है अगर आप इस मंत्र का जाप करते हैं तो यह आपके मृत्यु के भय को भी दूर कर देता है लेकिन अगर आप सही तरीके से उस मंत्र का जाप करते हैं। अगर आप महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हैं तो आपके मन में जो भी नकारात्मक सकती है उसे दूर करने में आपकी मदद करेगा महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से अकाल मृत्यु से प्राप्त थी तो मिलती ही है.
लेकिन इसमें आरोग्यता की भी प्राप्ति होती है स्नान करते वक्त उसी लोटे से पानी डालकर महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से स्वास्थ्य में लाभ हो सकता है महामृत्युंजय मंत्र के कई स्वरूप भी बताए गए हैं जिनका उल्लेख शिव के लिए किया गया है महामृत्युंजय मंत्र का मूल भाव ओम भूर भुवा स्वाहा, ओम त्र्यंबकम यजा महेश, सुगंधिम पुष्टिवर्धनम उर्वारुकमिव वंदना मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् , इस मंत्र का प्राण रक्षक और मोक्ष मंत्र भी बताया गया है.
बहुत ही गंभीर समस्या के वक्त अगर आप इस मंत्र का जाप करते हैं और वह भी बहुत ही सुंदर तरीके से तो आपको इसका फल जरुर मिलेगा अगर आप इस पवित्र मंत्र का जाप करते हैं तो प्राण रक्षक मंत्र ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ ।
आपको भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं और जिस व्यक्ति पर बाबा प्रसन्न होते हैं उसकी मनोकामना जरूर पूरी करते हैं एक बात हमेशा ध्यान में रखना कि महामृत्युंजय मंत्र कोई साधारण मंत्र नहीं है इसीलिए इस मंत्र का जाप करते समय विशेष बातों का ध्यान जरूर रखें ताकि आपको इसका संपूर्ण लाभ प्राप्त हो सके और किसी भी प्रकार के अनिष्ट की संभावना ना रहे ।
- महामृत्युंजय मंत्र का जाप हमेशा सुबह या शाम को ही करना चाहिए।
- अगर आपको कोई बहुत ही गंभीर कष्ट हो रहा है तो आप कभी भी महामृत्युंजय मंत्र का जाप कर सकते हैं।
- इस मंत्र के जाप में उच्चारण की शुद्धता का ध्यान रखें। और पर ऐसा कहा जाता है कि महामृत्युंजय मंत्र का एक निश्चित संख्या में ही जाप करना चाहिए।
- अगर आप पहले दिन इस मंत्र का जाप करते हैं तो आगामी दिनों में कम मंत्रों का जाप मत करें।
- अगर आप इस मंत्र का जाप माला द्वारा करते हैं तो कम से कम जाप की तीन माला जरूर करें।
- अगर आपके घर में कोई बहुत ही गंभीर रूप से बीमार है तो सवा लाख बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप जरूर करवाएं।
महामृत्युंजय मंत्र कैसे लिखा जाता है ?
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ ।
महामृत्युंजय मंत्र के रचयिता कौन है
महामृत्युंजय मंत्र के रचयिता मार्कण्डेय जी ने दीर्घायु का वरदान की प्राप्ति शिव जी को खुश करने के लिए उनकी आराधना करने के लिए इस मंत्र की रचना की थी जो बहुत ही प्रसिद्ध हो गई है. महामृत्युंजय मंत्र का जप कितनी बार करना चाहिए? महामृत्युंजय मंत्र का जाप कम से कम सवा लाख बोला जाता है.
लेकिन आप इसे सावन के सोमवार में जब शिवजी की पूजा होती है तब आप इस मंत्र का जाप 108 बार कर सकते हैं किस मंत्र से भगवान शिव बहुत ही प्रसन्न होते हैं और सावन के महीने में इस मंत्र का जाप करने से मनचाहा वरदान प्राप्त होता है।
महामृत्युंजय मंत्र कितने प्रकार के हैं
महामृत्युंजय मंत्र 3 प्रकार के होते हैं जो भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए बोले जाते हैं। महोदधि, मंत्र महार्णव, शारदातिक, मृत्युंजय कल्प एवं तांत्र, तंत्रसार, पुराण आदि धर्मशास्त्रीय ग्रंथों से इसका उल्लेख किया गया है महामृत्युंजय मंत्र , संपूर्ण महामृत्युंजय मंत्र , लघु मृत्युंजय मंत्र ,
महा मृत्युंजय मंत्र कौन सा है
महामृत्युंजय मंत्र जिसे मृत संजीवनी मंत्र भी कहते हैं. ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ। शास्त्रों के अनुसार, इस मंत्र का जाप करने से मरते हुए व्यक्ति को भी जीवन दान मिल सकता है.
1. संपूर्ण महामृत्युंजय मंत्र
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ।
2. लघु मृत्युंजय मंत्र
ॐ जूं स माम् पालय पालय स: जूं ॐ।
3. प्राण रक्षक मंत्र
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ ।
महामृत्युंजय मंत्र जाप के फायदे | Mahamrityunjay mantra jaap ke fayde
जो व्यक्ति शिव के साधक होते हैं उन्हें ना तो मौत कब है होता है और ना ही किसी रोग का अगर कोई व्यक्ति महामृत्युंजय का जाप कर ले तो अकाल मृत्यु से निर्जीव हो जाता है उस व्यक्ति की कभी भी अकाल मृत्यु नहीं हो सकती है जो व्यक्ति महामृत्युंजय का मंत्र जाप करता है.
- अगर आपकी कुंडली में किसी भी प्रकार का मार के दोष या कोई भी परेशानी हो तो महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से आपको इन परेशानियों से छुटकारा मिल जाएगा।
- अगर आप अपनी बीमारियों से कई दिनों से परेशान है और अगर आप किसी भी बीमारी से ग्रसित है अगर आपकी कुंडली में प्रति योग है तो आप महामृत्युंजय मंत्र का जाप करके अपने इन रोगों को दूर कर सकते हैं इससे आपको बहुत ही फायदा मिलेगा।
- अगर आपको अपने धंधे में घाटा हो रहा हो और अगर आपका कोई काम रुक रहा हो तो उसे दूर करने के लिए आप महामृत्युंजय मंत्र का जाप कर सकते हैं।
- ऐसा कहा जाता है कि अगर आप महामृत्युंजय मंत्र का जाप 108 बार 1 दिन में करते हैं तो आपके घर के सारे दुखों से छुटकारा मिल जाएगा।
- महामृत्युंजय मंत्र का ऐसा मंत्र है जो सारी समस्याओं का समाधान कर सकता है तो आप भी इस मंत्र का जाप करके अपनी सारी समस्याओं का समाधान पा सकते हैं।
FAQ : महामृत्युंजय मंत्र जाप के फायदे
महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ क्या होता है?
महामृत्युंजय मंत्र कैसे लिखा जाता है?
महामृत्युंजय मंत्र कितने प्रकार के हैं?
निष्कर्ष
दोस्तों जैसा कि आप लोगों ने देखा मैंने आज आपको महामृत्युंजय मंत्र जाप के फायदे बताए हैं अगर आप इन फायदों के बारे में जान जाते हैं तो आप अगर महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हैं तो आपको बहुत से फायदे मिल सकते हैं और हमने इसमें आपको महामृत्युंजय मंत्र जितने प्रकार के होते हैं और जो हैं वह सारे मैंने आपको इसमें दिए हैं तो आप भी महामृत्युंजय मंत्र का जाप जरूर करें और इनके फायदों के बारे में जरूर जाने।
The post महामृत्युंजय मंत्र जाप के फायदे : लाभ प्राप्ति के लिए मंत्र जाप कब और कंहा करे | Mahamrityunjay mantra jaap ke fayde appeared first on OSir.in.