नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका भक्ति वर्षा में। आज के इस पोस्ट में हम माँ सरस्वती के दो बहुत ही सुन्दर गीत हे शारदे माँ, हे शारदे माँ अज्ञानता से हमें तारदे माँ लिरिक्स, Hey Sharde Maa Lyrics और माँ शारदे कहा तू , Maa Sharde Kaha Tu Veena Baja Rahi Hai lyrics ले कर आये हैं। आशा है आपको दोनों ही गीत पसंद आएंगे।
Hey Sharde Maa Lyrics
Bhajan Name | Hey Sharde Maa Lyrics |
Lyics | Sohini Mishra |
Singer | Suresh Wadkar, Sohini Mishra |
Lable | Music Nova |
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ ||
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ ||
तू स्वर की देवी, ये संगीत तुझसे,
हर शब्द तेरा है, हर गीत तुझसे |
हम है अकेले, हम है अधूरे
तेरी शरण हम, हमें प्यार दे माँ ||
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ ||
मुनियों ने समझी, गुनियों ने जानी,
वेदोंकी भाषा, पुराणों की बानी |
हम भी तो समझे, हम भी तो जाने
विद्या का हमको अधिकार दे माँ ||
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ ||
तू श्वेतवर्णी, कमल पर विराजे,
हाथों में वीणा, मुकुट सर पे साजे |
मनसे हमारे मिटाके अँधेरे,
हमको उजालों का संसार दे माँ ||
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ,
अज्ञानता से हमें तारदे माँ ||
हे शारदे माँ, हे शारदे माँ
अज्ञानता से हमें तारदे माँ ||
Maa Sharde Kaha Tu Veena Baja Rahi Hai lyrics
Bhajan Name | Maa Sharde Kaha Tu Veena Baja Rahi Hai lyrics |
Lyrics | R.R.Pankaj |
Singer | Anu Dubey |
Lable | Wave Music |
श्लोक:
सरस्वती नमस्तुभ्यं, वरदे कामरूपिणी,
विद्यारम्भं करिष्यामि, सिद्धिर्भवतु मे सदा।
माँ शारदे कहाँ तू,
वीणा बजा रही हैं,
किस मंजु ज्ञान से तू,
जग को लुभा रही हैं ॥
किस भाव में भवानी,
तू मग्न हो रही है,
विनती नहीं हमारी,
क्यों माँ तू सुन रही है । ..x2
हम दीन बाल कब से,
विनती सुना रहें हैं,
चरणों में तेरे माता,
हम सर झुका रहे हैं,
हम सर झुका रहे हैं ।
माँ शारदे कहाँ तू,
वीणा बजा रही हैं,
किस मंजु ज्ञान से तू,
जग को लुभा रही हैं ॥
अज्ञान तुम हमारा,
माँ शीघ्र दूर कर दो,
द्रुत ज्ञान शुभ्र हम में,
माँ शारदे तू भर दे । ..x2
बालक सभी जगत के,
सूत मात हैं तुम्हारे,
प्राणों से प्रिय है हम,
तेरे पुत्र सब दुलारे,
तेरे पुत्र सब दुलारे ।
माँ शारदे कहाँ तू,
वीणा बजा रही हैं,
किस मंजु ज्ञान से तू,
जग को लुभा रही हैं ॥
हमको दयामयी तू,
ले गोद में पढ़ाओ,
अमृत जगत का हमको,
माँ शारदे पिलाओ । ..x2
मातेश्वरी तू सुन ले,
सुंदर विनय हमारी,
करके दया तू हर ले,
बाधा जगत की सारी,
बाधा जगत की सारी ।
माँ शारदे कहाँ तू,
वीणा बजा रही हैं,
किस मंजु ज्ञान से तू,
जग को लुभा रही हैं ॥
माँ शारदे कहाँ तू,
वीणा बजा रही हैं,
किस मंजु ज्ञान से तू,
जग को लुभा रही हैं ॥
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